आजादी
से अब तक भारत में कांग्रेस ने काफी बड़े घोटाले किए हैं।
इन
सभी घोटालों की रकम कांग्रेसी आलाकमान तक पहुँचती थी इसलिए इन घोटालों की जांच बंद
करवा दी गयी।
कुछ
घोटालों का संक्षिप्त विवरण -
१९४५-४७
आज़ाद हिन्द फ़ौज़ के ख़ज़ाने की लूट।
नेताजी
के आजाद हिंद फौज के खजाने की लूट में शामिल थे नेहरू।
नेताजी
को युद्ध में सहायता के लिए दुनियाभर से बड़ी मात्रा में कीमती हीरे, जवाहरात सहित स्वर्ण आभूषण दिये गये
थे।
१९५०-६२
लद्दाख सड़क घोटाला जिसमे रिकार्ड्स में दिखाया गया की सड़क बना दी गयीं हैं लेकिन
पैसे कांग्रेसी विधायक, पार्षद और ठेकेदार खा गए।बताया जाता है
की इस घोटाले की रकम प्रधान मंत्री नेहरू तक पहुँचती थी बाद में इसलिए लद्दाख
घोटाले की जांच बंद करवा दी गयी।
नेहरू
का यह घोटाला भारत को बहुत भारी पड़ा जब १९६२ में चीन ने लद्दाख पर आक्रमण किया तो
भारतीय सेना लेह से आगे बढ़ नहीं पायी और सीमा पर तैनात सैनिको तक राशन और गोला
बारूद पहुँच ही नहीं पाया।
जीप
खरीदी (१९४८)
आजादी
के बाद भारत सरकार ने एक लंदन की कंपनी से २००० जीपों को सौदा किया। सौदा ८० लाख
रुपये का था। लेकिन केवल १५५ जीप ही मिल पाई। घोटाले में ब्रिटेन में मौजूद
तत्कालीन भारतीय उच्चायुक्त वी.के. कृष्ण मेनन का हाथ होने की बात सामने आई। लेकिन
१९५५ में केस बंद कर दिया गया। जल्द ही मेनन नेहरु केबिनेट में शामिल हो गए।
साइकिल
आयात (१९५१)
तत्कालीन
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सेकरेटरी एस.ए. वेंकटरमन ने एक कंपनी को साइकिल
आयात कोटा दिए जाने के बदले में रिश्वत ली। इसके लिए उन्हें जेल जाना पड़ा।
मुंध्रा
मैस (१९५८)
हरिदास
मुंध्रा द्वारा स्थापित छह कंपनियों में लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के
१.२ करोड़ रुपये से संबंधित मामला उजागर हुआ। इसमें तत्कालीन वित्त मंत्री टीटी
कृष्णामचारी, वित्त सचिव एच.एम.पटेल, एलआईसी चेयरमैन एल एस वैद्ययानाथन का
नाम आया। कृष्णामचारी को इस्तीफा देना पड़ा और मुंध्रा को जेल जाना पड़ा।
तेजा
ऋण
१९६०
में एक बिजनेसमैन धर्म तेजा ने एक शिपिंग कंपनी शुरू करने केलिए सरकार से २२ करोड़
रुपये का लोन लिया। लेकिन बाद में धनराशि को देश से बाहर भेज दिया। उन्हें यूरोप
में गिरफ्तार किया गया और छह साल की कैद हुई।
पटनायक
मामला
१९६५
में उड़ीसा के मुख्यमंत्री बीजू पटनायक को इस्तीफा देने केलिए मजबूर किया गया। उन
पर अपनी निजी स्वामित्व कंपनी 'कलिंग
ट्यूब्स' को एक सरकारी कांट्रेक्ट दिलाने केलिए
मदद करने का आरोप था।
मारुति
घोटाला
मारुति
कंपनी बनने से पहले यहां एक घोटाला हुआ जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का
नाम आया। मामले में पेसेंजर कार बनाने का लाइसेंस देने के लिए संजय गांधी की मदद
की गई थी।
कुओ
ऑयल डील
१९७६
में तेल के गिरते दामों के मददेनजर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने हांग कांग की एक फर्जी
कंपनी से ऑयल डील की। इसमें भारत सरकार को १३ करोड़ का चूना लगा। माना गया इस घपले
में इंदिरा और संजय गांधी का भी हाथ है।
अंतुले
ट्रस्ट
१९८१
में महाराष्ट्र में सीमेंट घोटाला हुआ। तत्कालीन महाराष्ट्र मुख्यमंत्री एआर
अंतुले पर आरोप लगा कि वह लोगों के कल्याण के लिए प्रयोग किए जाने वाला सीमेंट, प्राइवेट बिल्डर्स को दे रहे हैं।
एचडीडब्लू
दलाली (१९८७)
जर्मनी
की पनडुब्बी निर्मित करने वाले कंपनी एचडीडब्लू को काली सूची में डाल दिया गया।
मामला था कि उसने २० करोड़ रुपये बैतोर कमिशन दिए हैं। २००५ में केस बंद कर दिया
गया। फैसला एचडीडब्लू के पक्ष में रहा।
बोफोर्स
घोटाला
१९८७
में एक स्वीडन की कंपनी बोफोर्स एबी से रिश्वत लेने के मामले में राजीव गांधी समेत
कई बेड़ नेता फंसे। मामला था कि भारतीय १५५ मिमी. के फील्ड हॉवीत्जर के बोली में
नेताओं ने करीब ६४ करोड़ रुपये का घपला किया है।
सिक्योरिटी
स्कैम (हर्षद मेहता कांड)
१९९२
में हर्षद मेहता ने धोखाधाड़ी से बैंको का पैसा स्टॉक मार्केट में निवेश कर दिया, जिससे स्टॉक मार्केट को करीब ५०००
करोड़ रुपये का घाटा हुआ।
इंडियन
बैंक
१९९२
में बैंक से छोटे कॉरपोरेट और एक्सपोटर्स ने बैंक से करीब १३००० करोड़ रुपये उधार
लिए। ये धनराशि उन्होंने कभी नहीं लौटाई। उस वक्त बैंक के चेयरमैन एम. गोपालाकृष्णन
थे।
चारा
घोटाला
१९९६
में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और अन्य नेताओं ने राज्य के
पशु पालन विभाग को लेकर धोखाबाजी से लिए गए ९५० करोड़ रुपये कथित रूप से निगल लिए।
स्टॉक
मार्केट घोटाला
स्टॉक
ब्रोकर केतन पारीख ने स्टॉक मार्केट में १,१५,००० करोड़ रुपये का घोटाला किया।
दिसंबर, २००२ में इन्हें गिरफ्तार किया गया।
स्टांप
पेपर स्कैम
यह
करोड़ो रुपये के फर्जी स्टांप पेपर का घोटाला था। इस रैकट को चलाने वाला
मास्टरमाइंड अब्दुल करीम तेलगी था।
सत्यम
घोटाला
२००८
में देश की चौथी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी सत्यम कंप्यूटर्स के संस्थापक अध्यक्ष
रामलिंगा राजू द्वारा ८००० करोड़ रूपये का घोटाले का मामला सामने आया। राजू ने
माना कि पिछले सात वर्षों से उसने कंपनी के खातों में हेरा फेरी की।
मनी
लांडरिंग
२००९
में मधु कोड़ा को चार हजार करोड़ रुपये की मनी लांडरिंग का दोषी पाया गया। मधु
कोड़ा की इस संपत्ति में हॉटल्स, तीन
कंपनियां, कलकत्ता में प्रॉपर्टी, थाइलैंड में एक हॉटल और लाइबेरिया ने
कोयले की खान शामिल थी।
A.आदर्श घोटाला (Adarsh scam)
B- बोफोर्स घोटाला (Bofors scam)
C- कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाला (CWG scam)
D- देवास-एंट्रिक्स घोटाला (Devas- Antrix scam)
E- रोजगार गारंटी योजना घोटाला (Employee Guarantee
Scheme scam)
F- चारा घोटाला (Fodder scam)
G- गाजियाबाद भविष्य निधि
घोटाला (Ghaziabad
provident fund scam)
H- शेयर घोटाला (Harshad Mehta stock market scam)हसन अलि खान घोटाला
I-आईपीए
घोटाला (IPL scam)
J- प्राथमिक शिक्षक भर्ती घोटाला (Junior Basic Trained Teachers'
recruitment scam)
K- केतन मेहता प्रतिभूति घोटाला (Ketan Parekh stock
market scam)
L- एलआईसी आवास घोटाला (LIC Housing scam)
M- मधु कोड़ा घोटाला (Madhu Koda scam)
N-
Non-banking financial companies
scam
O- ओरिएंटल बैंक घोटाला
(Oriental Bank scam)
P- पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग में
घोटाला (Punjab State
Council of Education,
Research and Training scam)
Q- Quest for
gold scam
R- राशन कार्ड घोटाला
(Ration card scam)
S- सत्यम घोटाला (Satyam scam)
T- टेलीकॉम 2जी घोटाला (Telecom 2G scam)
U- यूटीआई घोटाला (UTI scam)
V- फॉक्सवैगन इक्विटी
घोटाला (Volkswagen
equity scam)
W- पश्चिम बंगाल टेलीकॉम घोटाला (West Bengal telecom scam)
X,Y, Zऔर भी...
और सबसे बडी बात D ------ दामाद घोटाला
!!
जिस
कांग्रेसी को ये लिस्ट आपत्तिजनक लगे वो अपने समर्थन में कांग्रेसी दामाद राबर्ट
वाड्रा की तस्वीर लगा सकते हैं !!
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