Saturday, 25 July 2015

कमर और पेट का ये बढ़ता साइज कई बीमारियों का कारण बन सकता है

आपका लगातार वजन बढ़ रहा है तो सावधान हो जाइए, आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे छोटे-छोटे नुस्खे, जिन्हें अपनाकर आप बिना ज्यादा मेहनत किए वजन को नियंत्रित कर सकते हैं.

# पुदीने की ताजी हरी पत्तियों की चटनी बनाकर चपाती के साथ खाएं। पुदीने वाली चाय पीने से भी वजन नियंत्रण में रहता है।

# आधा चम्मच सौंफ को एक कप खौलते पानी में डाल दें। 10 मिनट तक इसे ढककर रखें। ठंडा होने पर इस पानी को पिएं। ऐसा तीन माह तक लगातार करने से वजन कम होने लगता है।

# पपीता नियमित रूप से खाएं। यह हर सीजन में मिल जाता है। लंबे समय तक पपीता के सेवन से कमर की अतिरिक्त चर्बी कम होती है।

# दही का खाने से शरीर की फालतू चर्बी घट जाती है। छाछ का भी सेवन दिन में दो-तीन बार करें।

# छोटी पीपल का बारीक चूर्ण पीसकर उसे कपड़े से छान लें। यह चूर्ण तीन ग्राम रोजाना सुबह के समय छाछ के साथ लेने से बाहर निकला हुआ पेट अंदर हो जाता है।

# ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली वस्तुओं से परहेज करें। शक्कर, आलू और चावल में अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है। ये चर्बी बढ़ाते हैं।

# केवल गेहूं के आटे की रोटी की बजाय गेहूं, सोयाबीन और चने के मिश्रित आटे की रोटी ज्यादा फायदेमंद है।

# सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है, इसलिए इनका सेवन अधिक मात्रा में करें। केला और चीकू न खाएं। इनसे मोटापा बढ़ता है।

# आंवले व हल्दी को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छाछ के साथ लेंं। #कमर एकदम पतली हो जाएगी।

# मोटापा कम नहीं हो रहा हो तो खाने में कटी हुई हरी मिर्च या काली मिर्च को शामिल करके बढ़ते वजन पर काबू पाया जा सकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि वजन कम करने का सबसे बेहतरीन तरीका मिर्च खाना है। मिर्च में पाए जाने वाले तत्व कैप्साइसिन से भूख कम होती है। इससे ऊर्जा की खपत भी बढ़ जाती है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है।

# लटजीरा या चिरचिटा के बीजों को एकत्र कर लें। किसी मिट्टी के बर्तन में हल्की आंच पर भूनकर पीस लें। एक-एक चम्मच दिन में दो बार फांकी लें, बहुत फायदा होगा।

# दो बड़े चम्मच मूली के रस में शहद मिलाकर बराबर मात्रा में पानी के साथ पिएं। ऐसा करने से 1 माह के बाद #मोटापा कम होने लगेगा।

# मालती की जड़ को पीसकर शहद मिलाकर खाएं और छाछ पिएं। प्रसव के बाद होने वाले मोटापे में यह रामबाण की तरह काम करता हैै।

# खाने के साथ टमाटर और प्याज का सलाद काली मिर्च व नमक डालकर खाएं। इनसे शरीर को विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, आयरन, पोटैशियम, लाइकोपीन और ल्यूटिन मिलेेगा। इन्हें खाने के बाद खाने से पेट जल्दी भर जाएगा और वजन नियंत्रित हो जाएगा।

# रोज सुबह-सुबह एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पिएं। इस घोल को पीने से शरीर से वसा की मात्रा कम होती है।

# गुग्गुल गोंद को दिन मे दो बार पानी में घोलकर या हल्का गुनगुना कर सेवन करने से #वजन कम करने में मदद मिलती है।

# हरड़ और बहेड़ा का चूर्ण बना लें। एक चम्मच चूर्ण 50 ग्राम परवल के जूस (1 गिलास) के साथ मिलाकर रोज लें, वजन तेजी से कम होने लगेगा।

# करेले की सब्जी खाने से भी वजन कम करने में मदद मिलती है। सहजन के नियमित सेवन से भी वजन नियंत्रित रहता है।


# सौंठ, दालचीनी की छाल और काली मिर्च (3 -3 ग्राम) पीसकर चूर्ण बना लें। सुबह खाली पेट और रात सोने से पहले पानी से इस चूर्ण को लें, मोटापा कम होने लगेगा।


Friday, 26 June 2015

1 जुलाई से बदल जाएंगे रेलवे के ये 10 नियम


अगर आप रेलवे में सफर करते हैं तो जरा इस खबर को ध्यान से पढ़ें। अगर आपने इस खबर को मिस कर दिया तो आपको परेशानी हो सकती है। दरअसल 1 जुलाई से रेलवे में कई बदलाव होने वाले हैं। अगर आप ने इस बदलावों के बारे में नहीं जाना तो आपकी मुश्किल बढ़नी तय हैं। जानिए क्या है वो अहम बदलाव...

1. वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म हो जाएगा। रेलवे की ओर से चलाई जाने वाली सुविधा ट्रेनों में यात्रियों को कन्फर्म टिकट की सुविधा दी जाएगी।

2. 1 जुलाई से तत्काल टिकट कैंसिल करने पर 50 फीसदी राशी वापस किए जाएंगे।

3. 1 जुलाई से तत्काल टिकट के नियमों में बदलाव हुआ है। सुबह 10 से 11 बजे तक एसी कोच के लिए टिकट बुकिंग होगी जबकि 11 से 12 बजे तक स्लीपर कोच की बुकिंग होगी।

4. 1 जुलाई से राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में पेपरलेस टिकटिंग की सुविधा शुरु हो रही हैं। इस सुविधा के बाद शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में पेपर वाली टिकट नहीं मिलेगी, बल्कि आपके मोबाईल पर टिकट भेजा जाएगा।

5. जल्द ही रेलवे अलग-अलग भाषाओं में टिकटिंग की सुविधा शुरु होने जा रही हैं। अभी तक रेलवे में हिंदी और अंग्रेजी में टिकट मिलती है, लेकिन नई वेबसाइट के बाद अब अलग-अगल भाषाओं में टिकट की बुकिंग की जा सकेगी।

6. रेलवे में टिकट के लिए हमेशा से मारामारी होती रहती है। ऐसे में 1 जुलाई से शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

7. भीड़भाड़ के दिनों में रेलगाड़ी में बेहतर सुविधा देने के लिए वैकल्पित रेलगाड़ी समायोजन प्रणाली, सुविधा ट्रेन शुरु करने और महत्वपूर्ण ट्रेनों की डुप्लीकेट गाड़ी चलाने की योजना है।

8. रेल मंत्रालय ने 1 जुलाई से राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के तर्ज पर सुविधा ट्रेन चलाई जाएगी।

9. 1 जुलाई से रेलवे प्रीमियम ट्रेनों को पूरी तरह से बंद करने जा रहा है।

10. सुविधा ट्रेनों में टिकट वापसी पर 50 फीसदी किराए की वापसी होगी। इसके अलावा एसी-2 पर 100 रुपए, एसी-3 पर 90 रुपए, स्लीपर पर 60 रुपए प्रति यात्री कटेंगे।


Friday, 19 June 2015

आ गया नरेंद्र मोदी ऐप

क्या खास है नरेंद्र मोदी ऐप में

फेसबुक, टि्वटर और लिंक्डइन के अलावा अब आप भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मोबाइल ऐप के जरिए भी जुड़ सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नाम से एंड्रॉयड यूजर्स के लिए मोबाइल ऐप लॉन्च की है।

'नरेंद्र मोदी' नाम की इस ऐप को एंड्रॉयड यूजर्स गूगल प्ले स्टोर से मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं। नरेंद्र मोदी ने इस ऐप की जानकारी ट्विटर पर दी है। साथ ही ऐप को डाउनलोड करने का लिंक भी शेयर किया है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने निजी ट्विटर खाते @narendramodi पर कुल 1219 अकाउंट को फालो करते हैं।

इनमें से अधिकतर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं, पार्टी की अलग-अलग इकाइयों और कार्यकर्ताओं के अकाउंट हैं। कार्यकर्ताओं में भी अधिकतर बीजेपी के आईटी सेल या संवाद सेल से जुड़े हैं।

क्या खास है नरेंद्र मोदी ऐप में

1 इस ऐप से यूजर्स पीएम मोदी के कार्यक्रमों, केंद्र सरकार के कामकाज की ताजा-तरीन जानकारी पा सकते हैं।

2 अगर आपको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चर्चित रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' सुनना पसंद है तो इस ऐप के जर‌िए मन की बात कार्यक्रम भी सुन सकते हैं।

3 यहां आपको नरेंद्र मोदी की बायोग्राफी और ब्लॉग भी पढ़ने को मिलेगा।

4 खास बात यहां यूजर्स सीधे नरेंद्र मोदी से बातचीत भी कर सकते हैं, साथ ही अपने सुझाव दे सकते हैं।

5 नरेंद्र मोदी इस ऐप के जरिए यूजर्स से सीधा संवाद करेंगे। ई-मेल और मेसेज भेजेंगे।



खत्म होगा वेटिंग का झंझट, अब सबको मिलेगा कन्फर्म टिकट

रिजर्वेशन कराते समय यात्रियों को मिलेगा ऑप्शन

ट्रेनों में आने वाले दिनों में वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म हो जाएगा। रेलवे की ओर से चलाई जाने वाली सुविधा ट्रेनों में यात्रियों को कन्फर्म टिकट की सुविधा दी जाएगी। इन ट्रेनों का संचालन जुलाई से प्रस्तावित है।

इन ट्रेनों में टिकट कन्फर्म करने के लिए डिग्रेड करने की भी व्यवस्था रहेगी। इसके लिए रिजर्वेशन कराते समय यात्रियों को फार्म पर इसके लिए ऑप्शन देना होगा।

रेलवे यात्रियों के लिए प्रीमियम ट्रेन की जगह सुविधा ट्रेन चलाने जा रहा है। जिसमें टिकट कन्फर्म ही मिलेगा। इस ट्रेन में टिकट कन्फर्म करने के लिए नई व्यवस्था शुरू की गई है। यात्री को कन्फर्म टिकट के लिए की टिकट डिग्रेड और अपग्रेड भी की जा सकेगी।



इसके तहत अगर यात्री ने ट्रेन में एसी फर्स्ट क्लास में रिजर्वेशन कराया है और टिकट कन्फर्म नहीं हो पाया तो एसी सेकेंड में सीट खाली होने पर उस यात्री को एसी सेकेंड में कन्फर्म टिकट दे दिया जाएगा।

इसी प्रकार से अन्य किसी श्रेणी में सीट कन्फर्म नहीं हो पा रही है तो उसे नीचे की श्रेणी में कन्फर्म टिकट दे दी जाएगी। इसके लिए रिजर्वेशन कराते समय यात्रियों को फार्म पर ऑप्शन देना होगा। इस सुविधा की शुरुआत जुलाई से हो जाएगी।


इस प्रयोग के सफल होने पर इसे अन्य ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा। सीपीआरओ (मुख्य पब्लिक रिलेशन आफिसर, रेलवे) नीरज शर्मा ने बताया कि योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। जुलाई से इसे लागू कर दिया जाएगा।

Tuesday, 26 May 2015

मात्र 10 दिन में बन जाएगा आपका PASSPORT



पासपोर्ट बनवाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वालों के लिए अच्छी खबर है। अब सिर्फ 10 दिन में पासपोर्ट बन सकता है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा और इसके लिए डॉक्युमेंट्स की लिस्टिंग करना भी जरूरी नहीं है। अपने डॉक्युमेंट्स आवदेक ऑनलाइन समिट कर सकता है। साथ ही, आइडेंटिटी प्रूफ और ऐड्रेस प्रूफ जैसे तमाम डॉक्युमेंट की जगह सिर्फ एक आधार कार्ड से भी काम हो सकता है। आवेदन करते ही आपको अगले 3 दिनों में अप्वॉइंटमेंट मिल जाएगा। पूरी प्रक्रिया होने के ठीक 7 दिन बाद आपका पासपोर्ट आपके हाथ में होगा। यानी कुल मिलाकर सिर्फ 10 दिनों में आपका पासपोर्ट आपके पास आ सकता है।

गाजियाबाद के पासपोर्ट अधिकारी सीताराम यादव का कहना है कि पहले प्रॉसेस में समय लगता था। इसलिए डॉक्युमेंटेशन के जरिए समय को बचाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, कभी-कभी डाक सेवा में देरी या छुट्टियों के चलते पासपोर्ट पहुंचने में ज्यादा समय लग जाता है।

आधार कार्ड का फायदा

सरकार ने आधार कार्ड की प्रक्रिया से आवेदक की आपराधिक गति‍वि‍धि‍यों के सत्यापन की प्रणाली बनाने की कोशिश की है। नई प्रक्रिया के तहत यदि कोई पासपोर्ट के लिए आवेदन करता है और उसके पास आधार कार्ड नहीं है, तो पहले उसे आधार कार्ड बनवाना पड़ सकता है। 

क्यों होती थी देरी

दरअसल, सरकार के पास पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन के संबंध में लगातार शिकायतें आती हैं और इसके चलते पासपोर्ट जारी करने में देरी होती है। आवेदक को सुविधा देने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने यह निर्णय लिया है। हम आपको बता रहे हैं कि आवेदक किस तरह अपने पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकता है और सिर्फ 10 दिन में अपना पासपोर्ट हासिल कर सकता है।

आइये, जानते हैं क्या है पासपोर्ट के लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रॉसेस...


स्टेप-1- पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करें
 
सबसे पहले पासपोर्ट सेवा पोर्टल की वेबसाइट



पर जाएं। पेज पर register now के लिंक पर क्लिक करें। रजिस्टर करें। इसमें अपनी डिटेल्स भरें। इसके बाद आपको ई-मेल आईडी पर लॉगिन आईडी मिल जाएगी। वापस होम पेज पर जाएं।

स्टेप-2- लॉगिन करें

ई-मेल पर आए लिंक पर क्लिक करके अपने अकाउंट को एक्टिवेट करें। यूजर आईडी भरें और फिर पासवर्ड डालें। अप्लाई फॉर फ्रेश पासपोर्स (Apply For Fresh Passport) या री-इश्यू ऑफ पासपोर्ट लिंक पर क्लिक करें। इसके बाद दो पार्ट हैं। ऑनलाइन पासपोर्ट आवेदन करने के लिए दूसरे ऑप्शन पर क्लिक करें।

स्टेप-3- विकल्प चुनें

पहली बार पासपोर्ट आवेदन के लिए अप्लाई फॉर फ्रेश पासपोर्ट (Apply For Fresh Passport) पर क्लिक करें।

VIDEO: मात्र 10 दिन में बन जाएगा आपका PASSPORT, ये है नया तरीका

अप्लाई करने के बाद आपके सामने फॉर्म खुलकर आएंगे। इसमें जानकारी मांगी जाएगी। फॉर्म को सही से भरें। ध्यान रहे कि फॉर्म भरने में गलती न हो, क्योंकि एक बार पासपोर्ट की प्रक्रिया रिजेक्ट होने पर दोबारा पासपोर्ट के लिए आवेदन करने में समय लग सकता है।


स्टेप-4- फैमिली डिटेल्स भरें

अपनी डिटेल्स भरने के बाद आपको इसे सेव करना होगा। सेव करने के बाद आप इस पेज को यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर कभी भी खोल सकते हैं। डिटेल्स भरने के बाद अगले पेज पर क्लिक करें। इसमें फैमिली डिटेल्स, ऐड्रेस डिटेल्स और इमरजेंसी कॉन्टैक्ट डिटेल्स भरें। इसे सेव करें और आगे बढ़ें।

स्टेप-5- भुगतान और मिलने का समय निर्धारण

व्यू सेव्ड/सबमिटेड एप्लिकेशन्स’ (View Saved/Submitted Applications) स्क्रीन पर पे एंड शेड्यूल अप्वाइंटमेंट’ (Pay and Schedule Appointment) लिंक पर क्लिक करें और अपना अप्वाइंटमेंट, यानी मिलने का समय बुक करें।
फॉर्म सब्मिट करने के बाद आपके सामने एक विंडो खुलेगी। यहां आपको पासपोर्ट बनवाने की राशि का भुगतान करना होगा है। यह भुगतान आप क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग या फिर एसबीआई बैंक के चालान से कर सकते हैं।

स्टेप-6- एप्लिकेशन रिसीप्ट का प्रिंट लें

प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रिंट एप्लिकेशन रिसीप्ट लिंक पर क्लिक करें और एप्लिकेशन का प्रिंट लें। इसमें आपका एप्लिकेशन रेफरेंस नंबर और अप्वाइंटमेंट नंबर होता है।

स्टेप-7- ऑरिजनल डॉक्युमेंट ले जाएं साथ

अप्वाइंटमेंट बुक होने के बाद पासपोर्ट सेवा केंद्र में अपने ऑरिजनल डॉक्युमेंट्स के साथ ले जाएं। केंद्र में तमाम प्रॉसेस पूरा होने के ठीक एक सप्ताह के अंदर आपका पासपोर्ट आपके घर आ जाएगा। इसकी कॉपी आप ऑनलाइन भी निकाल सकते हैं।

नोटः कभी-कभी डाक में देरी या छुट्टियों के चलते 10 दिन की अवधि 15 दिन भी हो सकती है।

http://money.bhaskar.com/news/NR-PAP-these-are-the-steps-for-online-passport-application-process-4863190-PHO.html?seq=1



Friday, 22 May 2015

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का पता

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के घर ऑफिस के पते एवं फोन नम्बर एक आम भारतीय नागरिक 

कभी भी अपनी बात, पत्राचार या फैक्स के द्वारा कह सकते है !!


*************************
Prime Minister's Office Address :- 152, South
Block,Raisina Hill, New Delhi- 110011

Phone +91-11-23012312, 23018939
Fax +91-11-23016857

Residence Address :- 7, Race Course Road, New
Delhi - 110001

Phone +91-11-23011156, 23016060
Fax +91-11-23018939.

Parliament House Address :- Room No. 10,
Parliament House, New Delhi - 110001

Phone +91-11-23017660, Fax +91-11-23017449
*************************

Minister of State (Prime Minister's Office)
Dr. Jitendra Singh Minister of State

+91 11 23010191
+91 11 23013719
+91 1123017931 (Fax)

●●●●●●●●●●●●●●●●●●

Name, Designation Office
Shri Ajit Doval - National Security Advisor
+91 1123019227
_________________________

Shri Nripendra Mishra
Principal Secretary toPrimeMinister
+91 11 23013040

_________________________
Shri R. Ramanujam
Secretary to the Prime Minister
+91 11 23010838
_________________________

Shri Sanjeev Kumar Singla
Private Secretary to PrimeMinister
+91 11 23012312

_________________________
Shri Rajeev Topno
Private Secretary to Prime Minister
+91 11 23012312 - - -
_________________________
OSD to Prime Minister +91 11 23012815 - - - _________________________


गांधी के अहिंसक आतंकवादी द्वारा सामूहिक नरसंहार


गांधी के अहिंसक आतंकवादी द्वारा चित्पावन ब्राह्मणों का सामूहिक नरसंहार गांधी की हत्या के बाद.... जिसे आज भारत के 99% लोग संभवत: भुला चुके होंगे...!!

31 जनवरी - 3 फरवरी 1948 तक पुणे में हुए चित्पावन ब्राहमणों के सामूहिक नरसंहार को आज भारत के 99% लोग संभवत: भुला चुके होंगे, कोई आश्चर्य नही होगा मुझे यदि कोई पुणे का या कोई ब्राह्मण मित्र भी इस बारे में साक्ष्य या प्रमाण मांगने लगे l

सोचने का गंभीर विषय उससे भी बड़ा यह कि उस समय न तो मोबाइल फोन थे, न पेजर, न फैक्स, न इंटरनेट... अर्थात संचार माध्यम इतने दुरुस्त नहीं थे, परन्तु फिर भी नेहरु ने इतना भयंकर रूप से यह नरसंहार करवाया कि आने वाले कई वर्षों तक चित्पावन ब्राह्मणों को घायल करता रहा राजनीतिक रूप से भी देखें तो यह कहने में कोई झिझक नही होगी मुझे कि जिस महाराष्ट्र के चित्पावन ब्राह्मण सम्पूर्ण भारत में धर्म तथा राष्ट्र की रक्षा हेतु सजग रहते थे... उन्हें वर्षों तक सत्ता से दूर रखा गया, अब 67 वर्षों बाद कोई प्रथम चित्पावन ब्राह्मण देवेन्द्र फडनवीस के रूप में मनोनीत हुआ है. हिंदूवादी संगठनों द्वारा पुणे में कांग्रेसी अहिंसावादी आतंकवादियों के द्वारा चितपावन ब्राह्मणों के नरसंहार का मुद्दा उठाते कभी नही सुना, यह विषय 7 दशक पुराना हो गया है इसलिए नही उठाते होंगे, परन्तु जब जब गाँधी वध का विषय आता है समाचार चेनलों पर तब भी मैंने किसी भी हिंदुत्व का झंडा लेकर घूम रहे किसी भी नेता को इस विषय का संज्ञान लेते हुए नही पाया l


31 जनवरी 1948 की रातपुणे शहर की एक गलीगली में कई लोग बाहर ही चारपाई डाल कर सो रहे थे ...एक चारपाई पर सो रहे आदमी को कुछ लोग जगाते हैं और ... उससे पूछते हैं कांग्रेसी अहिंसावादी आतंकवादी: नाम क्या है तेरा... सोते हुए जगाया हुआ व्यक्ति ... अमुक नाम बताता है ... (चित्पावन ब्राह्मण) अधखुली और नींद-भरी आँखों से वह व्यक्ति अभी न उन्हें पहचान पाया थान ही कुछ समझ पाया था... कि उस पर कांग्रेस के अहिंसावादी आतंकवादी मिटटी का तेल छिडक कर चारपाई समेत आग लगा देते हैं ल चित्पावन ब्राहमणों को चुन चुन कर ... लक्ष्य बना कर मारा गया लाखो घरमकानदूकानफेक्ट्रीगोदाम... सब जला दिए गये l

महाराष्ट्र के हजारों-लाखों ब्राह्मण के घर-मकान-दुकाने-स्टाल फूँक दिए गए। हजारों ब्राह्मणों का खून बहाया गया। ब्राह्मण स्त्रियों के साथ दुष्कर्म किये गएमासूम नन्हें बच्चों को अनाथ करके सडकों पर फेंक दिया गयासाथ ही वृद्ध हो या किशोरसबका नाम पूछ पूछ कर चित्पावन ब्राह्मणों को चुन चुन कर जीवित ही भस्म किया जा रहा था... ब्राह्मणों की आहूति से सम्पूर्ण पुणे शहर जल रहा था l

31 जनवरी से लेकर 3 फरवरी 1948 तक जो दंगे हुए थे पुणे शहर में उनमें सावरकर के भाई भी घायल हुए थे l
"ब्राह्मणों... यदि जान प्यारी होतो गाँव छोड़कर भाग जाओ.." -

31 जनवरी 1948 को ऐसी घोषणाएँ पश्चिम महाराष्ट्र के कई गाँवों में की गई थींजो ब्राह्मण परिवार भाग सकते थेभाग निकले थेअगले दिन 1 फरवरी 1948 को कांग्रेसियों द्वारा हिंसा-आगज़नी-लूटपाट का ऐसा नग्न नृत्य किया गया कि इंसानियत पानी-पानी हो गई. ऐसा इसलिए किया गयाक्योंकि "हुतात्मा पंडित नथुराम गोडसे" स्वयम एक चित्पावन ब्राह्मण थे l
पेशवा महाराजवासुदेव बलवंत फडकेसावरकरतिलकचाफेकरगोडसेआप्टे आदि सब गौरे रंग तथा नीली आँखों वाले चित्पावन ब्राह्मणों की श्रंखला में आते हैंजिन्होंने धर्म के स्थापना तथा संरक्ष्ण हेतु समय समय पर कोई न कोई आन्दोलन चलाये रखाफिर चाहे वो मराठा भूमि से संचालित होकर अयोध्या तक अवधवाराणसीग्वालियरकानपूर आदि तक क्यों न पहुंचा हो ?

पेशवा महाराज के शौर्य तथा कुशल राजनितिक नेतृत्व से से तो सभी परिचित हैं, 1857 की क्रांति के बाद यदि कोई पहली सशस्त्र क्रांति हुई तो वो भी एक चित्पावन ब्राह्मण द्वारा ही की गईजिसका नेतृत्व किया वासुदेव बलवंत फडके ने... जिन्होंने एक बार तो अंग्रेजों के कबके से छुडा कर सम्पूर्ण पुणे शहर को अपने कब्जे में ही ले लिया था l

उसके बाद लोकमान्य तिलक हैंमहान क्रांतिकारी चाफेकर बन्धुओं की कीर्ति हैफिर सावरकर हैं जिन्हें कि वसुदेव बलवंत फडके का अवतार भी माना जाता हैसावरकर ने भारत में सबसे पहले विदेशी कपड़ों की होली जलाईलन्दन गये तो वहां विदेशी नौकरी स्वीकार नही की क्योंकि ब्रिटेन के राजा के अधीन शपथ लेना उन्हें स्वीकार नही थाकुछ दिन बाद महान क्रांतिकारी मदन लाल ढींगरा जी से मिले तो उन्हें न जाने 5 मिनट में कौन सा मन्त्र दिया कि ढींगरा जी ने तुरंत कर्जन वायली को गोली मारकर उसके कर्मों का फल दे दिया l

सावरकर के व्यक्तित्व को ब्रिटिश साम्राज्य भांप चुका थाअत: उन्हें गिरफ्तार करके भारत लाया जा रहा था पानी के जहाज़ द्वारा जिसमे से वो मर्सिलेस के समुद्र में कूद गये तथा ब्रिटिश चैनल पार करने वाले पहले भारतीय भी बनेबाद में सावरकर को दो आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई गई l
यह सब इसलिए था क्यूंकि अंग्रेजों को भय था कि कहीं लोकमान्य तिलक के बाद वीर सावरकर कहीं तिलक के उत्तराधिकारी न बन जाएँभारत की स्वतन्त्रता हेतु इसी लिए शीघ्र ही अंग्रेजों के पिठलग्गु विक्रम गोखले के चेले गांधी को भी गोखले का उत्तराधिकारी बना कर देश की जनता को धोखे में रखने का कार्य आरम्भ किया दो आजीवन कारावास की सज़ा की पूर्णता के बाद सावरकर ने अखिल भारत हिन्दू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्षता स्वीकार की तथा हिंदुत्व तथा राष्ट्रवाद की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाया l

उसके बाद हुतात्मा पंडित नथुराम गोडसे जी का शौर्य आता हैहुतात्मा पंडित नथुराम गोडसे के छोटे भाई गोपाल जी गोडसे भी गांधी वध में जेल में रहेबाहर निकल कर जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने पुरुषार्थ और शालीनता के अनूठे संगम के साथ कहा: ""गाँधी जब जब पैदा होगा तब तब मारुगा"।
यह शब्द गोपाल गोडसे जी के थे जब जेल से छुट कर आये थे l

अभी 25 नवम्बर 2014 को गोडसे फिल्म का MUSIC LAUNCH का कार्यक्रम हुआ था उसमे हिमानी सावरकर जी भी आई थींजो लोग हिमानी सावरकर जी को नही जानतेमैं उन्हें बता दूं कि वह वीर सावरकर जी की पुत्रवधू हैं तथा गोपाल जी गोडसे जी की पुत्री हैंअर्थात नथुराम गोडसे जी की भतीजी भी हैं l

हिमानी जी ने अपने उद्बोधन में बताया कि उनका जीवन किस प्रकार बीताविशेषकर बचपन...वह मात्र 10 महीने की थीं जब गोडसे जीकरकरे जीपाहवा जी आदि ने गांधी वध किया उसके बाद पुणे दंगों की त्रासदी ने पूरे परिवार पर चौतरफा प्रहार किया . स्कूल में बहुत ही मुश्किल से प्रवेश मिला,
प्रवेश मिला तो ... आमतौर पर भारत में 5 वर्ष का बच्चा प्रथम कक्षा में बैठता है !
एक 5 वर्ष की बच्ची की सहेलियों के माता-पिता अपनी बच्चियों को कहते थे कि हिमानी गोडसे (सावरकर) से दूर रहना... उसके पिता ने गांधी जी की हत्या की है l

संभवत: इन 2 पंक्तियों का मर्म हम न समझ पाएं... परन्तु बचपन बिना सहपाठियों के भी बीते तो कैसा बचपन रहा होगा... मैं उसका वर्णन किन्ही शब्दों में नही कर सकती ऐसा असामाजिकअशोभनीयअमर्यादित दुर्व्यवहार उस समय के लाखों हिन्दू महासभाईयों के परिवारों तथा संतानों के साथ हुआ lआस पास के लोग... उन्हें कोई सम्मान नही देते थेहत्यारे परिवार जैसी संज्ञाओं से सम्बोधित करते थे l

गांधी वध के बाद लगभग 20 वर्ष तक एक ऐसा दौर चला कि लोगों ने हिन्दू महासभा के कार्यकर्ता को ... या हिन्दू महासभा के चित्पावन ब्राह्मणों को नौकरी देना ही बंद कर दिया उनकी दुकानों से लोगों ने सामान लेना बंद कर दिया l

चित्पावन भूरी आँखों वाले ब्राह्मणों का पुणे में सामूहिक बहिष्कार कर दिया गया था गोडसे जी के परिवार से जुड़े लोगो ने 50 वर्षों तक ये निर्वासन झेला. सारे कार्य ये स्वयं किया करते थे एक अत्यंत ही तंग गली वाले मोहल्ले में 50 वर्ष गुजारने वाले चितपावन ब्राह्मणों को नमन l
अन्य राज्यों के हिन्दू महासभाईयों के ऊपर भी विपत्तियाँ उत्पन्न की गईं... जो बड़े व्यवसायी थे उनके पास न जाने एक ही वर्ष में और कितने वर्षों तक आयकर के छापेविक्रय कर के छापेआदि न जाने क्या क्या डालकर उन्हें प्रताड़ित किया गया l

चुनावों के समय भी जो व्यवसायीव्यापारीउद्योगपति आदि यदि हिन्दू महासभा के प्रत्याशियों को चंदा देता था तो अगले दिन वहां पर आयकर विभाग के छापे पड़ जाया करते थे l
गांधी वध पुस्तक छापने वाले दिल्ली के सूर्य भारती प्रकाशन के ऊपर भी न जाने कितनी ही बार... आयकरविक्रय करआदि के छापे मार मार कर उन्हें प्रताड़ित किया गयाये उनका जीवट है कि वे आज भी गांधी वध का प्रकाशन निर्विरोध कर रहे हैं ... वे प्रसन्न हो जाते हैं जब उनके कार्यालय में जाकर कोई उन्हें ... "जय हिन्दू राष्ट्र" से सम्बोधित करता है l

हिन्दू महासभा ने आखिर किया क्या है ?"

कई बार बताने का मन होता है ... तो बता देते हैं कि क्या क्या किया है... साथ ही यह भी बता देते हैं कि आर.एस.एस को जन्म भी दिया है परन्तु कभी कभी ... परिस्थिति इतनी दुखदायी हो जाती है कि ... निशब्द रहना ही श्रेष्ठ लगता है l

विडम्बना है कि ... ये वही देश है... जिसमे हिन्दू संगठन ... सावरकर की राजनैतिक हत्या में नेहरु के सहभागी भी बनते हैं और हिन्दू राष्ट्रवाद की धार तथा विचारधारा को कमजोर करते हैं l
आप सबसे विनम्र अनुरोध है कि अपने इतिहास को जानेंआवश्यक है कि अपने पूर्वजों के इतिहास को भली भाँती पढें और समझने का प्रयास करें.... तथा उनके द्वारा स्थापित किये गए सिद्धांतों को जीवित रखें lजिस सनातन संस्कृति को जीवित रखने के लिए और अखंड भारत की सीमाओं की सीमाओं की रक्षा हेतु हमारे असंख्य पूर्वजों ने अपने शौर्य और पराक्रम से अनेकों बार अपने प्राणों तक की आहुति दी गयी होउसे हम किस प्रकार आसानी से भुलाते जा रहे हैं l
सीमाएं उसी राष्ट्र की विकसित और सुरक्षित रहेंगी ..... जो सदैव संघर्षरत रहेंगे l


जो लड़ना ही भूल जाएँ वो न स्वयं सुरक्षित रहेंगे न ही अपने राष्ट्र को सुरक्षित बना पाएंगे l

Aditi Gupta