हमारी
आदतों का संबंध हमारे भविष्य और हमें प्राप्त होने वाले सुख-दुख से भी है। आदतें
बता देती हैं कि हमारी सोच कैसी है और हमारा स्वभाव कैसा है। इसीलिए आदतों को
व्यक्तित्व का दर्पण भी कहा जाता है। ग्रंथों में कुछ सामान्य आदतें ऐसी बताई गई
हैं जो शुभ हैं और कुछ सामान्य आदतें अशुभ भी हैं। यहां जानिए आदतों से जुड़ी
जानकारी, हमें किस आदत को बदलना चाहिए और किस
आदत को बनाए रखना चाहिए...
1.
बाथरूम को गंदा ही छोड़ देना
यदि
कोई व्यक्ति नहाने के बाद बाथरूम में अपने कपडे इधर-उधर फेंक देता है तो यह अच्छी
आदत नहीं है। साथ ही, यदि कोई व्यक्ति बाथरूम को गंदा रखता
है और नहाने के बाद उसकी सफाई नहीं करता है तो चंद्र के कारण अशुभ फल प्राप्त होते
हैं। अत: नहाने के बाद बाथरूम को गंदा न छोड़े, बल्कि
गंदगी को भी साफ कर देना चाहिए और फर्श पर फैले पानी को भी निकाल देना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने पर शरीर का तेज बढ़ता है और शुभ फल प्राप्त होते
हैं।
2.
पैर घसीटकर चलना
यदि
कोई व्यक्ति पैर घसीटकर चलता है तो ये आदत अच्छी नहीं मानी गई है। इस आदत के कारण
राहु से अशुभ फल मिलते हैं।
3. जूठी थाली छोड़कर उठ जाना
खाना खाने
के बाद जूठी थाली या बर्तन छोड़कर उठ जाना भी अच्छी आदत नहीं है। ऐसा काम करने
वाले लोगों को स्थाई सफलता प्राप्त नहीं हो पाती है। ये लोग मेहनत अधिक कर लें, तब भी संतोषजनक फल प्राप्त नहीं कर
पाते हैं। यदि खाना खाने के बाद जूठे बर्तनों को सही स्थान पर रखा जाए तो शनि और
चंद्र के दोष दूर होते हैं। साथ ही, लक्ष्मी की प्रसन्नता मिलती हैं।
4. घर लौटकर हाथ-मुंह धोना
हम जब भी कहीं बाहर से घर आते तो मुंह और पैरों को
शीतल जल से धो लेना चाहिए। ऐसा करने पर हमारी थकान भी दूर होती है और चिड़चिड़ापन
भी कम होता है। दिमाग को शांति मिलती है।
5. घर के मंदिर को साफ रखना
यदि हम घर
के मंदिर को एकदम साफ और व्यस्थित रखते हैं तो यह शुभ आदत है। ऐसा करने पर सभी
देवी-देवताओं के साथ ही सभी नौ ग्रह शुभ फल प्रदान करते हैं। देवी लक्ष्मी कृपा
बनाए रखती हैं।
6. देर रात तक जागना
यदि कोई
व्यक्ति देर रात तक अकारण ही जागता है तो चंद्र ग्रह अशुभ फल प्रदान करता है। ऐसे
लोगों को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है। देर रात तक जागने और सुबह देर से
उठने पर स्वास्थ्य संबंधी कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
7. मेहमान को शीतल जल देना
यदि हमारे
घर में कोई मेहमान आए तो उसके घर में प्रवेश करते ही शीतल पेय जल अवश्य देना
चाहिए। इस आदत से राहु के दोष दूर होते हैं। कालसर्प दोष या राहु से संबंधित अन्य
कोई दोष हो तो इस आदत से कई शुभ फल प्राप्त हो सकते हैं।
8. जूते-चप्पल इधर-उधर फेंकना
यदि कोई व्यक्ति बाहर से घर आते ही जूते-चप्पल
इधर-उधर फेंक देता है तो यह आदत शत्रु भय बढ़ाने वाली है। शास्त्रों के अनुसार घर
में बेतरतीब रखे हुए हुए जूते-चप्पल शत्रुओं को बलवान बनाते हैं। साथ ही, इस आदत के कारण
मान-सम्मान में भी कमी आती है।
9.
किचन अव्यवस्थित रखना
यदि
किसी घर में रसोई अव्यस्थित रहती है और सही समय पर साफ-सफाई नहीं होती है तो मंगल
ग्रह के दोषों में वृद्धि होती है। यदि आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो घर में
सदैव रसोई को साफ और व्यस्थित रखना चाहिए।
10.
हर रोज पेड़-पौधों को जल अर्पित करना
यदि
आप बुध, सूर्य, शुक्र और चन्द्रमा से दोषों को दूर करना चाहते हैं तो हर रोज
पेड़-पौधों को पानी देना चाहिए। पेड़-पौधों की देखभाल करने वाले व्यक्ति को कई
प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते हैं। ये उपाय करने वाले लोगों को मानसिक तनाव से
मुक्ति मिलती है।
11. बिस्तर अव्यवस्थित रखना
यदि किसी
घर में बिस्तर अव्यवस्थित रहते हैं और चादर गंदी रहती है तो यह अशुभ प्रभाव बढ़ाने
वाली आदत है। जिन घरों में इस बात का ध्यान नहीं रखा जाता है, वहां रहने वाले लोगों की दिनचर्या भी
अव्यवस्थित ही होती है। वे लोग कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाते हैं।
12. जोर-जोर से बोलना
यदि किसी
व्यक्ति की आदत जोर-जोर से बोलने की है तो उसे शनि के कोप का सामना करना पड़ता है।
शनि ऐसे लोग से नाराज हो जाते हैं जो जोर-जोर से, चीख-चीखकर बात करते हैं, व्यर्थ की बातें करते हैं।
13.
नशा करना
शराब, सिगरेट या किसी अन्य मादक चीजों का नशा
करने वाले लोग राहु के कारण परेशानियों का सामना करते हैं। इनके जीवन में मानसिक
तनाव सदैव बना रहता है। काम में आसानी से सफलता नहीं मिलती है।
14.
पैरों की सफाई को नजरअंदाज करना
अक्सर
लोग चेहरे की सफाई पर तो पूरा ध्यान देते हैं, लेकिन
पैरों की सफाई को नजरअंदाज कर देते हैं। यह अच्छी बात नहीं है। पैरों की सफाई पर
भी पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए। नहाते समय पैरों को भी अच्छी तरह धोना चाहिए।
15. वृद्धजनों का अपमान करना
यदि कोई
व्यक्ति किसी वृद्धजनों का अपमान करता है, उनका मजाक बनाता है तो इस आदत के कारण
घर की बरकत खत्म होती है। अत: घर के सभी बड़ों का मान-सम्मान बनाए रखना चाहिए। जिन
घरों में वृद्धजन खुश रहते हैं, वहां सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
16. इधर-उधर थूकने की आदत
इधर-उधर, कहीं पर भी थूकने की आदत, अशुभ असर देने वाली होती है। इस आदत से
यश, मान-सम्मान
नष्ट होता है। ऐसे लोगों को यदि मान-सम्मान मिल भी जाता है तो वह अधिक समय तक
टिकता नहीं है। लक्ष्मी के कोप का सामना करना पड़ सकता है। अत: इधर-उधर थूकने से
बचना चाहिए, इस काम
लिए निर्धारित स्थान का ही उपायोग करना चाहिए।
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