शादी में आ रही है
रूकावट ? या घर
की सुख-शांति में हो रहा है खलल ?
घर के पीछे की ओर लगाएं केले
का पौधा। यदि हम केले के पेड़ को किसी ग्रह के साथ जोड़ें तो यह बृहस्पति देवता का
स्वरुप माना जाता है। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए भी केले के पेड़ की पूजा
की जाती है। इस तरह केले का पेड़ लगाने से धन संबंधी परेशानियों से भी राहत मिलती
है।
घर
पर नहीं पड़ रही है माँ लक्ष्मी की नज़र ? धन
की कमी ने बढ़ा दी है परेशानी ?
छोटे-छोटे
फूलों वाला हरसिंगार का पेड़ दिलाएगा लाभ और इसकी अद्भुत सुगंध से मिलेगी दिल को
ठंडक। इस पौधे का संबंध चन्द्र ग्रह से है जो अपने आप में ही शांति और ठंडक
पहुंचाने वाला ग्रह है। इस पौधे को घर के बीचो-बीच या पिछले हिस्से में लगाने से
आर्थिक संपन्नता प्राप्त होती है। इसकी देखभाल में कोताही न करें, इस पौधे के सूख जाने से मन पर बुरा
प्रभाव भी पड़ता है।
तुलसी
का पौधा घर के बीचो बीच रखना बहुत ही लाभदायक होता है और यह घर से नकारात्मक उर्जा
को दूर करवातावरण में सुख-शांति प्रदान करता है। जिनका शुक्र ग्रह कमजोर है उन्हें
रोज शाम को तुलसी के आगे दीप प्रज्वलित करना चाहिए।
अनार
को अयुर्वेद में स्वास्थ्य के लिए बड़ा की फायदेमंद बताया गया है। वास्तु विज्ञान
और ज्योतिषशास्त्र में भी अनार को बड़ा महत्व है। राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव
ने ज़िन्दगी को उलझा कर रख दिया है? तंत्र-मंत्र
के बाद भी नहीं दूर हो रही जीवन की मुश्किलें? तो
लगाइये अनार का पौधा अपने घर में। वास्तु विज्ञान के अनुसार अनार का पेड़ घर के
सामने लगाना फायदेमंद होता है। अनार के फूल को शहद में डुबो कर प्रत्येक सोमवार
भगवान शिव को समर्पित करने से भारी से भारी कष्ट भी दूर होते हैं।
शनि
नाराज हैं और जीवन में बनते काम बिगड़ रहे हैं तो घर में लगाइये शमी का पेड़।
मान्यता है कि शमी का पेड़ में सभी देवताओं का वास होता है और इस पेड़ का संबंध शनि
महाराज से है। वास्तु विज्ञान के अनुसार शमी के पौधे को घर के मुख्य द्वार के
बायीं ओर लगाएं और नियमित रूप से सरसों के तेलका का दीपक जलाएं। इससे शनि की कृपा
बनी रहेगी और आपके हर काम आसानी से बनेंगे।
बुध, शनि, और बृहस्पति ग्रह से गहरा नाता है पीपल के वृक्ष का। कहते हैं पीपल
की नियमित पूजा करने, जल चढ़ाने और परिक्रमा करने से संतान
दोष नष्ट होता है और बीमारियों से निजात मिलता है। पीपल का बोनसाई पेड़ घर के
पिछले हिस्से में लगाएं तो यह उन्नति एवं लोगों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने
में सहायक होता है।
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