Monday, 2 February 2015

क्या कहती है हाथ की रेखायें

आपके हाथ में कैसी है भाग्य रेखा, ये हैं इस रेखा के 7 प्रकार

आपके हाथ में कैसी है भाग्य रेखा, ये हैं इस रेखा के 7 प्रकार

भविष्य जानने की सबसे अधिक प्रचलित विद्याओं में हस्तरेखा का भी महत्वपूर्ण स्थान है। हाथों 

की रेखाओं का अध्ययन करने पर किसी भी व्यक्ति के भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी 

प्राप्त की जा सकती है। हथेली में कई प्रकार की रेखाएं होती हैं, जैसे- जीवन रेखा, हृदय रेखा

मस्तिष्क रेखा, विवाह रेखा, सूर्य रेखा, बुध रेखा, भाग्य रेखा आदि। हर एक रेखा हमारे विषय में कई 

महत्वपूर्ण जानकारियां बताती है। भाग्य रेखा बताती है कि व्यक्ति भाग्यशाली है या नहीं। यहां 

जानिए भाग्य रेखा के आधार पर हम कौन-कौन सी बातें मालूम कर सकते हैं... साथ ही, जानिए 

भाग्य कितने प्रकार की हो सकती है...

ये हैं भाग्य रेखा के सात प्रकार

- मणिबंध से प्रारंभ होकर शनि पर्वत पर जाने वाली रेखा भाग्य रेखा होती है।
- शुक्र पर्वत से निकलकर शनि पर्वत की ओर जाने वाली रेखा भाग्य रेखा होती है।
- जीवन रेखा से शुरू होकर शनि पर्वत की ओर जाने वाली रेखा भाग्य रेखा होती है।
- जो रेखा मंगल पर्वत से शनि पर्वत की ओर जाती है, उसे भाग्य रेखा ही माना जाता है।
- मस्तिष्क रेखा से प्रारंभ होकर शनि पर्वत पर जाने वाली रेखा को भी भाग्य रेखा माना जाता है।
- चंद्र पर्वत से शनि पर्वत की ओर जाने वाली रेखा को भी भाग्य रेखा कहा जाता है।
- हृदय रेखा से निकलकर शनि पर्वत की ओर जाने वाली रेखा भी भाग्य रेखा कहलाती है।

आपके हाथ में कैसी है भाग्य रेखा, ये हैं इस रेखा के 7 प्रकार

जीवन रेखा: जीवन रेखा शुक्र पर्वत (अंगूठे के नीचे वाला भाग) को घेरे रहती है। यह रेखा तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) और अंगूठे के मध्य से शुरू होती है और मणिबंध तक जाती है।

मस्तिष्क रेखा: यह रेखा हथेली के मध्य भाग में आड़ी स्थिति में रहती है। मस्तिष्क रेखा जीवन रेखा के प्रारंभिक स्थान के पास से ही शुरू होती है। मस्तिष्क रेखा यहां से प्रारंभ होकर हथेली की दूसरी ओर जाती है।

हृदय रेखा: यह रेखा मस्तिष्क रेखा के बराबर चलती है। हृदय रेखा की शुरुआत हथेली पर बुध पर्वत (सबसे छोटी उंगली के नीचे वाला भाग) के नीचे से आरंभ होकर गुरु पर्वत (इंडेक्स फिंगर के नीचे वाले भाग को गुरु पर्वत कहते हैं।) की ओर जाती है।
मणिबंध: हथेली जिस स्थान से प्रारंभ होती है, वहां आड़ी अवस्था में कुछ रेखाएं होती हैं, इन्हीं रेखाओं को मणिबंध कहा जाता है।

सूर्य रेखा: यह रेखा सामान्यत: हथेली के मध्यभाग में रहती हैं। सूर्य रेखा मणिबंध (हथेली के अंतिम छोर के नीचे स्थित आड़ी रेखाओं को मणिबंध कहते हैं।) से ऊपर रिंग फिंगर के नीचे वाले सूर्य पर्वत की ओर जाती है।

स्वास्थ्य या बुध रेखा: यह बुध पर्वत (सबसे छोटी उंगली के नीचे वाले भाग को बुध पर्वत कहते हैं।) से आरंभ होकर शुक्र पर्वत (अंगूठे के नीचे वाले भाग को शुक्र पर्वत कहते हैं) की ओर जाती है।

हथेली में पर्वतों की स्थिति

- तर्जनी उंगली के नीचे गुरु पर्वत होता है।
- मध्यमा उंगली के नीचे शनि पर्वत होता है।
- अनामिका उंगली के नीचे सूर्य पर्वत होता है।

- सबसे छोटी उंगली के नीचे बुध पर्वत होता है।
- अंगूठे के नीचे शुक्र पर्वत होता है।
- शुक्र पर्वत के सामने हथेली के दूसरी ओर चंद्र पर्वत होता है।
- चंद्र पर्वत और बुध पर्वत के मध्य मंगल पर्वत रहता है।

भाग्य रेखा का फलादेश

आपके हाथ में कैसी है भाग्य रेखा, ये हैं इस रेखा के 7 प्रकार

- यदि किसी व्यक्ति की हथेली में भाग्य रेखा मणिबंध से प्रारंभ होकर शनि पर्वत तक गई हो और दोष रहित है तो व्यक्ति भाग्यशाली होता है। ऐसे लोग जीवन में सफलताएं प्राप्त करते हैं।
- यदि हथेली में भाग्य रेखा जीवन रेखा से प्रारंभ हो तो व्यक्ति खुद की मेहनत से काफी अधिक धन प्राप्त करता है।

- जिन लोगों की हथेली में भाग्य रेखा चंद्र क्षेत्र से प्रारंभ हुई है, वे दूसरों की मदद या प्रोत्साहन से सफलता प्राप्त करने वाले हो सकते हैं।
- यदि चंद्र पर्वत से निकलकर कोई अन्य रेखा भाग्य रेखा के साथ-साथ चले तो व्यक्ति की शादी अत्यंत धनी परिवार में होती है। वह व्यक्ति किसी स्त्री की मदद से सफलताएं प्राप्त करता है।

- यदि भाग्य रेखा हथेली को पार करते हुए मध्यमा उंगली (मिडिल फिंगर) तक जा पहुंचे तो यह अशुभ योग दर्शाती है। ऐसा व्यक्ति खुद की गलतियों से हानि उठाता है।

- यदि भाग्य रेखा किसी स्थान पर जीवन रेखा को काट दे तो उस आयु में व्यक्ति को कोई अपमान या कलंक झेलना पड़ सकता है।

- भाग्य रेखा हथेली के प्रारंभ से जितनी अधिक दूरी से शुरू होती है, व्यक्ति का भाग्योदय उतने ही विलंब से होता है।
- भाग्य रेखा टूटी हुई या अन्य रेखाओं से कटी हुई हो तो यह भाग्यहीनता का संकेत है।

- भाग्य रेखा हृदय रेखा पर रुक जाए तो व्यक्ति प्रेम संबंध के कारण असफलताएं प्राप्त करता है, लेकिन यह रेखा हृदय रेखा के साथ गुरु पर्वत तक जा पहुंचे तो वह व्यक्ति प्रेम संबंध से सफलताएं प्राप्त करता है।

- हथेली में दो भाग्य रेखाएं बहुत शुभ होती है।
- यदि भाग्य रेखा मस्तिष्क रेखा पर रुक जाए तो व्यक्ति खुद की गलती से असफलताएं प्राप्त करता है।

ध्यान रखें यहां सिर्फ भाग्य रेखा के आधार पर भविष्य से संबंधित जानकारी दी गई है। अन्य 

रेखाओं के शुभ-अशुभ प्रभाव से यहां बताया गया फलादेश बदल भी सकता है। एकदम सही 

भविष्यवाणी के लिए दोनों हथेलियों की सभी रेखाओं का गहन अध्ययन किया जाना चाहिए।


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