बिना
बादाम और दवाई खाए याद्दाश्त तेज करने वाले ये हैं पांच मंत्र
एक कहावत है अगर आपके पास धन नहीं हो लेकिन आप बुद्घिमान हैं तब धन की
समस्या का आपको कभी सामना नहीं करना होगा। यह कहना सच भी है क्योंकि बुद्घिमान
व्यक्ति अपनी बुद्घि से धनवान बन सकता है।
लेकिन धनवान हैं लेकिन बुद्घिमान नहीं तब आपका धन भी अधिक समय तक
आपके पास नहीं रहने वाला क्योंकि बुद्घि के अभाव में आप अपने धन को बर्बाद कर सकते
हैं।
इसलिए सबसे जरुरी है कि आपकी बुद्घि प्रखर और याद्दाश्त अच्छी हो।
इसके लिए जरुरी नहीं कि आप रोज बादाम खाएं या बुद्घिवर्द्घक दवाइयां खाएं। बिना
दवाई और बादम के भी आप इन मंत्रों से अपनी बुद्घि और याद्दाश्त को बढ़िया बना सकते
हैं।
शास्त्रों
के अनुसार मां सरस्वती ज्ञान की देवी हैं। इनकी कृपा से मनुष्य को बुद्घि और ज्ञान
की प्राप्ति होती है। यही कारण रहा है कि गुरु परंपरा में शिक्षा आरंभ करने से
पहले मां सरस्वती की पूजा की जाती है।
भगवान
श्री राम ने और श्री कृष्ण ने भी अपनी शिक्षा का आरंभ करने से पहले देवी सरस्वती
की वंदना की थी। आप भी नियमित सुबह स्नान करके देवी सरस्वती का ध्यान करें और देवी
सरस्वती के सिद्घ मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें तो आपकी बौद्घिक क्षमता का
विकास होगा। छात्रों के लिए यह मंत्र बड़ा ही लाभकारी माना गया है।
देवी
सरस्वती का मंत्र:
ओम
ऐं ह्रीं क्लीं सरस्वती बुद्घिजन्यै नमः
गुरुवार
के दिन जपें यह मंत्र
ज्योतिषशास्त्र
में ज्ञान के कारक ग्रह गुरु को माना गया है। गुरु की अनुकूल स्थिति व्यक्ति को
ज्ञानी बनने में सहायक होती है।
उच्च
शिक्षा में सफलता, प्रबंधन के क्षेत्र में कामयाबी और
बड़े अधिकारी बनने में भी गुरु की अनुकूल स्थिति जरुरी है।
इसलिए
गुरु को अनुकूल बनाने के लिए आप गुरु ग्रह के मंत्र का जप नियमित करें। अगर हर दिन
नहीं कर पाते हैं तो कम से कम गुरुवार के दिन जितना अधिक हो सके गुरु मंत्र का जप
करें।
गुरु
ग्रह का मंत्र:
ॐ
ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नमः
मां
दुर्गा के सिद्घ मंत्र से बुद्घिमान बनें
मां
दुर्गा का वास्तविक स्वरुप आदिशक्ति का है। यह सभी प्रकार की रिद्घि सिद्घि प्रदान
करने वाली हैं। इनमें एक साथ सरस्वती, लक्ष्मी
और काली का वास है।
दुर्गासप्तशती
में बताया गया है कि देवी जो जिस भाव से भक्ति करता है उसी रुप में उसे देवी का
आशीर्वाद प्राप्त होता है।
जो
व्यक्ति विद्या और बौद्घिक योग्यता हासिल करना चाहते हैं उन्हें मां दुर्गा के इस
सिद्घ मंत्र का नियमित जप करना चाहिए। इस मंत्र से व्यक्ति अपनी बुद्घि और ज्ञान
के बल पर महान उपलब्धि हासिल कर सकता है।
देवी
दुर्गा का सिद्घ मंत्र
विद्यासु
शास्त्रेषु विवेकदीपेष्वाद्येषु च का त्वदन्या। ममत्वगर्तेति महान्धकारे, विभ्रामयत्येतदतीव विश्रम्।।
इस
मंत्र के अलाव एक अन्य मंत्र भी है, आप
चाहें तो इसे भी जप कर सकते हैं।
'या देवी सर्वभूतेषु विद्यारूपेण
संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः'
बड़ी
प्रभावशाली है यह मंत्र, रात में नहीं जपें
ब्रह्मा
की देवी सरस्वती के अलावा एक अन्य पत्नी का उल्लेख शास्त्रों में मिलता है इनका
नाम है गायत्री। देवी गायत्री मेधाशक्ति प्रदान करती हैं।
मेधाशाक्ति
से व्यक्ति की स्मरण क्षमता और बौद्घिक योग्यता निखरती है। इसलिए नियमित देवी
गायत्री के सिद्घ मंत्र का जप करना चाहिए।
गायत्री
मंत्र आप दिन में किसी भी समय जप सकते हैं लेकिन सूर्यास्त के बाद इस मंत्र का जप
नहीं करना चाहिए।
गायत्री
मंत्र
ॐ
भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।
बुद्घि
से कामयाब बनाता है यह मंत्र
ज्योतिषशास्त्र
में गुरु को ज्ञान का कारक ग्रह माना गया है तो बुध ग्रह को बुद्घि का कारक ग्रह
बताया गया है। बुध की अनुकूलता से व्यक्ति अपनी बातों और बुद्घि से जीवन के हर
क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर सकता है।
इसलिए
हर व्यक्ति को बुद्घ को अनुकूल बनाए रखने के लिए बुद्घ ग्रह के मंत्र का जप करना
चाहिए।
बुद्घ
ग्रह का मंत्र
ॐ
ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः
इस
मंत्र का लाभ पाने के लिए हर दिन जितना अधिक संभव हो इस मंत्र का जप करें। अगर समय
की कमी हो तब कम से कम 108 बार जप जरुर करें।
amarujala
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