Monday, 22 December 2014

घर में यह सात चीजें सही स्थान पर रखे

धन धान्य से संपन्न सुखी जीवन का आनंद लें

संसार में दो तरह की शक्ति होती है जिसे सामान्य रुप से बुरी शक्ति और अच्छी शक्ति के रुप में जाना जाता है। वास्तुशास्त्र में बुरी शक्तियों को नकारात्मक उर्जा और अच्छी शक्ति को सकारात्मक उर्जा के रुप में देखा जाता है।

उर्जा का प्रवाह जिस तरह से व्यक्ति और उसके घर पर होता है उसका असर व्यक्ति के स्वास्थ्य, सुख और धन पर भी होता है। वास्तुविज्ञान में कुछ ऐसे नियम हैं जिनका पालन किया जाए तो हम नकारात्मक उर्जा के प्रभाव को अपने से दूर करके सकारात्मक उर्जा से लाभ उठा सकते हैं।

चीनी के फेंगशुई की तरह भारतीय वास्तुविज्ञान में भी कुछ चीजों को सकारात्मक उर्जा को आकर्षित करने वाला बताया गया है। इन वस्तुओं को अगर घर में सही स्थान पर रखें तो नकारात्मक उर्जा से मुक्ति पाकर धन धान्य से संपन्न सुखी जीवन का आनंद ले सकते हैं।


वास्तु के अनुसार तुलसी पौधा कहां लगाएं

वास्तु के अनुसार तुलसी पौधा कहां लगाएं

वास्तु विज्ञान के अनुसार घर में किसी भी प्रकार के वास्तु दोष को दूर करने के लिए घर की छत पर उत्तर पूर्व दिशा में पांच तुलसी का पौधा लगाना चाहिए।

अगर ऐसा करने में कठिनाई महसूस हो तब कम से कम एक तुलसी का पौधा इस दिशा में जरुर लगाएं। इससे घर में आने वाले नकारात्मक प्रभाव में कमी आती है।

वास्तुविज्ञान में बताया गया है बाहर से घर में आने वाले लोग भी कई बार नकारात्मक उर्जा लेकर आते हैं। जिनके घर के मुख्य द्वार पर तुलसी का पौधा होता है उनके घर में इस तरह के नकारात्मक उर्जा का प्रवेश नहीं हो पाता है।



घर में लगाएं घोड़े की ऐसी तस्वीर

वास्तु विज्ञान के अनुसार घोड़े की तस्वीर बहुत ही शुभ होती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि जो तस्वीर आप घर में ला रहे हों उनमें एक नहीं बल्कि सात घोड़े हों।

अगर सात घोड़े के रथ पर सवार सूर्य देव हों तब यह तस्वीर और भी शुभ फलदायी होती होती है। इन तस्वीरों के घर में कहीं भी लगाने से आपके शुभ फल नहीं मिलता है।

घोड़े की तस्वीर लगाने के लिए पूर्व दिशा को शुभ माना गया है। सूर्यदेव पूर्व दिशा से उदित होते हैं और उनके रथ में सात अश्व माने गए हैं।

माना जाता है कि ऐसी तस्वीरों से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है जो लोगों को स्वस्थ और उर्जावान बनाए रखता है। ऐसी तस्वीरों को उन्नति और सफलता का भी प्रतीक माना गया है।



यह तस्वीरें भी शुभ और लाभ दिलाती हैं

अतिथि कक्ष सुंदर हो इस बात का सभी ध्यान रखते हैं आप भी रखते होंगे। लेकिन अतिथि कक्ष सिर्फ सुंदर हो और आपके नकारात्मक उर्जा के कारण नुकसान पहुंचाए ऐसा तो आप बिल्कुल भी नहीं चाहते होंगे।

अगर आप अतिथि कक्ष को सुंदर दिखाने के साथ ही वास्तु की अनुकूलता का लाभ पाना चाहते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि अतिथि कक्ष में घर के मुखिया के सीट के पीछे पहाड़ या उड़ते हुए पक्षी का चित्र लगा हो। ऐसी तस्वीरों से अत्मविश्वास और मनोबल बढ़ता है।

अतिथि कक्ष में भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं वाली तस्वीर और अपने गुरु या किसी महापुरुष जिनसे आपको प्रेरणा मिलती हो उनकी तस्वीर लगाना चाहिए। ऐसी तस्वीरों से आपको सकारात्मक उर्जा का लाभ मिलता है।

कम ही घरों में मिलती है यह तस्वीर, लेकिन होती है बहुत ही शुभ

कम ही घरों में मिलती है यह तस्वीर, लेकिन होती है बहुत ही शुभ

हवन कार्य को शास्त्रों में जितना शुभ और लाभप्रद माना गया है। वास्तुविज्ञान में हवन की तस्वीरों को उतना ही शुभ बताया गया है।

वास्तु सिद्घांत के अनुसार घर के अग्नेय कोण यानी (दक्षिण पूर्व) हिस्से में हवन की तस्वीर लगानी चाहिए।

लेकिन अगर आपके घर में शयन कक्ष आग्नेय कोण में है तब इस तस्वीर की बजाय समुद्र की तस्वीर लगाएं। लेकिन ध्यान रखें समुद्र शांत हो।

समुद्र में लहर उठती हुई तस्वीर लगाने से मानसिक शांति की कमी बनी रहती है। इससे पति-पत्नी के संबंधों पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है।



शुभ मुहूर्त में इसे लाएं घर और करें यह प्रयोग

वास्तु विज्ञान में शंख का बड़ा महत्व बताया गया है। वास्तु सिद्घांत के अनुसार शुभ मुहूर्त विशेष तौर पर होली, रामनवमी, जन्माष्टमी, दुर्गा पूजा, दीपावली के दिन अथवा रवि पुष्य योग या गुरू पुष्य योग में शंख को पूजा स्थल में रखकर इसकी धूप-दीप से पूजा की जाए तो घर में वास्तु दोष का प्रभाव कम होता है।

शंख में गाय का दूध रखकर इसका छिड़काव घर में किया जाए तो इससे भी सकारात्मक उर्जा का संचार होता है।

अगर संभव हो तो शाम ढ़लने से पहले और सूर्योदय के समय शंख बजाएं इससे घर और आपके आस-पास का वातावरण शुद्घ और उर्जावान बना रहता है।



मुख्य द्वार पर इनका होना शुभ

वास्तुविज्ञान में घर के मुख्य द्वार का बड़ा महत्व है। वास्तु सिद्घांत के अनुसार अगर घर का मुख्यद्वार वास्तुदोष के प्रभाव में हो तब घर में रहने वाले लोग अक्सर किसी न किसी परेशानी में रहते हैं।

मुख्यद्वार का वास्तुदोष व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव डालता है। इसलिए मुख्यद्वार को नकारात्मक उर्जा और वास्तुदोष से मुक्त रखने के लिए मुख्य द्वार पर स्वास्तिक या ओम लगाना चाहिए।

गणेश जी की मूर्ति पर मुख्य द्वार पर लगाई जाती है लेकिन गणेश जी की मूर्ति लगाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि गणेश जी का मुख घर के अंदर की तरफ हो।



रसोई में लगाएं गणेश जी की ऐसी तस्वीर

गणेश जी यूं तो हर रुप में मंगलकारी हैं। लेकिन वास्तुदोष को दूर करने में सिंदूरी रंग के गणेश जी का बड़ा महत्व है।

जिन घर में रसोई घर दक्षिण पूर्व यानी आग्नेय कोण में नहीं हो तब वास्तुदोष को दूर करने के लिए रसोई के उत्तर पूर्व यानी ईशान कोण में सिंदूरी गणेश जी की तस्वीर लगानी चाहिए।

वास्तुविज्ञान के अनुसार रसोईघर आग्नेय कोण में होना शुभ फलदायी होता है। इससे घर में रहने वाले लोगों की सेहत पर खासतौर पर महिलाओं की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

वास्तु के प्रतिकूल रसोई घर होने पर अन्न धन की भी हानि होती है। रसोई घर के वास्तु को दुरुस्त करने में देवी अन्नपूर्ण की तस्वीर भी कल्याणकारी मानी गई है। आप चाहें तो सिंदूरी गणेश जी के साथ मां अन्नपूर्ण की तस्वीर भी लगा सकते हैं।






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