अक्सर हमें ये सिखलाया जाता है कि..... आतंकवाद का कोई धर्म
नहीं होता है....!
परन्तु ये भी कोई छुपा हुआ सत्य नहीं है कि..... ओसामा बिन
लादेन से लेकर .... अल बगदादी , अजमल कसाब , आरिफ माजिद जैसे बन्दूक चलाने वाले हों अथवा अपने कम्प्यूटर
के जरिए उसे मदद पहुँचाने वाला मेहंदी..... हर कोई मुसलमान ही है..!
और,
सिर्फ इतने ही
क्यों..... बल्कि.... ..... दुनिया के 99 .99 % आतंकवादी ... मुस्लिम ही होते हैं....!!
तथा,
आज आस्ट्रेलिया
के एक मॉल मे आतंकी हमला करने वाले भी मुसलमान ही है...!
#AustraliaTerror
लेकिन.. क्या आपने कभी ये सोचा है कि..... दुनिया का हर
मुसलमान चाहे आतंकवादी हो या ना हो..... लेकिन.... """दुनिया का हर
आतंकवादी मुसलमान"""...... ही क्यों होता है ...!
यहाँ तक कि.... हर आतंकवादी एवं आतंकवादी संगठन .... खुद को
मुजाहिदीन अथवा जेहादी क्यों कहते हैं....?????
और तो और.... आरिफ माजिद जैसे जेहादी ..... आतंक फैलाने
को..... ""अल्लाह का काम"" क्यों बतलाता है...???????
सिर्फ इतना ही नहीं ....
बल्कि, क्या आपने कभी इस बात पर ध्यान दिया है कि....
सारी दुनिया में आतंक का पर्याय माने जाने वाले... गजनवी, गौरी , बाबर.... अथवा...
ओसामा बिन लादेन और गद्दाफी सरीखे लोगों को भी.... सामान्य मुस्लिम आतंकवादी या
मानवता का हत्यारा नहीं.... बल्कि.... अपना आदर्श क्यों क्यों मानते हैं....????
हद तो ये है कि..... मुस्लिम तो सार्वजनिक रूप से निर्दोषों
की हत्या करने वाले.... अजमल कसाब को भी हत्यारा नहीं बल्कि जेहादी ही मानते
हैं..!
इतना कुछ होने एवं सब कुछ साफ़-साफ़ नजर आने पर भी ... कुछ
दोगले और वर्णसंकर किस्म के लोग (जिन्हें आधुनिक बोलचाल की भाषा में सेक्युलर भी
कहा जाता है) ... भी मुस्लिम आतंकवादियों की तरफदारी करते हैं.... और, आतंकवाद को धर्म
से ना जोड़ने की सलाह देते नजर आ जाते हैं...!
साथ ही ऐसे सेक्यूलर इस्लामी आतंकवाद का कारण मुसलमानों पर
किये गए ....अन्याय , अत्याचार , भेदभाव और
उपेक्षा को बताते हैं ..!
लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि.... हकीकत इसके बिलकुल
ही विपरीत है.... और, मुसलमान आतंकवाद
को.... इस्लाम का शुद्ध रूप मानकर उसमें आनंद प्राप्त करते है ..... जैसा कि...
ईरान के मुल्ला आयातुलाह खुमैनी ने भी कहा है ....
"""इस्लाम का असली
आनंद लोगों की हत्या करना और अल्लाह के लिए मर जाने में है"" .
وأنقى الفرح في الإسلام هو القتل، ويقتل في سبيل الله
यहाँ बात सिर्फ... खुमैनी की नहीं है... क्योंकि हो सकता है
कि... कोई एक आदमी इस्लाम की गलत व्याख्या भी कर दे.....
लेकिन... जब आप कुरान पढोगे तो तो आपको सारा मामला समझ आ
जाएगा... और, आपको पता लगेगा
कि.... खुमैनी ने नया कुछ भी नहीं कहा है... बल्कि, उसने सिर्फ कुरान कि व्याख्या की है...!
जरा आप भी... कुरान की वे हदीसें देखें.... जिसमे इस्लाम का
प्रतिपादक और अल्लाह का तथाकथित रसूल खुले शब्दों में लोगों को जेहाद करने को बोल
रहा है.... और, जेहाद.. खून
खराबा... एवं हत्याएं करने वाले लोगों को .... सबसे ज्यादा धार्मिक और अल्लाह का
प्यारा बता रहा है...!
सिर्फ इतना ही नहीं.... कुरान में... मुहम्मद खुद अपने मुंह
से ये स्वीकार कर रहा है कि.... उसने इस्लाम को.... सिर्फ और सिर्फ
""आतंक के बदौलत ही"" दुनिया में फैलाया है...... और, दुनिया में
इस्लाम को फ़ैलाने के लिए..... आतंक ही एकमात्र रास्ता है..... इसीलिए सारे
मुस्लिमों को... दुनिया में आतंक फैलाना चाहिए.... जिससे कि लोग डर जाएँ... और, डर के मारे
इस्लाम इस्लाम कबूल कर लें...!
@@@ अब्दुल्लाह बिन
किस ने कहा..... एक बार रसूल एक व्यक्ति से लड़ रहे थे ... तो, उन्होंने अपनी
तलवार लहराते हुए चिल्ला कर कहा ....सुन लो, जन्नत का दरवाजा तलवारों के साये तले होता है .
यह सुनते ही अबू मूसा ने म्यान से तलवार निकाली... और, नंगी तलवार लेकर
रसूल के प्रतिद्वंदी की तरफ दौड़ा तथा उसे क़त्ल कर दिया ........सही मुस्लिम
-किताब 20 हदीस 4681
@@@ तुम आसपास के सभी
लोगों से लड़ते रहो , चाहे तुम उनको
जानते भी नहीं हो ...!
और,
युद्ध के लिए सभी
साधनों ( आधुनिक युग में टैंक , हवाई जहाज , मिसाइल ,और तोपें ) का प्रयोग करो .
ताकि लोग तुमसे भयभीत रहें ..!
लड़ाई के लिए तुम जो भी खर्चा करोगे अल्लाह उसकी पूर्ति कर
देगा क्योंकि अल्लाह अन्याय नहीं करता... सूरा -अनफ़ाल 8 :60
@@@ जो लोग ईमान लाये
और अल्लाह की राह में अपनी जानों से जिहाद किया... अल्लाह के यहाँ सिर्फ उनके लिए
बड़ा दर्जा है ...सूरा - तौबा 9 :20
@@@ अबू हुरैरा ने
कहा .... रसूल ने कहा....जब अल्लाह लोगों के कर्मो को तौलेगा....तो...जो लोग
नमाजें पढ़ते हैं.. और, रोजे रखते
हैं....
उनकी तुलना में जो जिहाद करते है और लोगों को मारते हैं या
खुद मर जाते हैं...... उनका वजन अधिक निकलेगा .
और अल्लाह उन्हीं जो जन्नत में जाने देगा ........बुखारी
-जिल्द 4 किताब 52 हदीस 46 .
@@@ अबू हुरैरा ने
कहा कि.... एक बार रसूल ने कहा ..... मैंने हमेशा आतंक से ही जीत हासिल की है .
अपने लोगों से कहो.... वह दुनिया की सम्पूर्ण दौलत लूट कर
तुम्हारे सामने रख दें और दूसरों के लिए कुछ भी नहीं छोड़ें ...... बुखारी - जिल्द
4 किताब 52 हदीस 220
यही कारण है कि....... अजमल कसाब, गजनवी, गौरी , बाबर.... अथवा...
ओसामा बिन लादेन विरुद्ध सभी प्रमाण होने के बाद भी एक भी मुसलमान उसे अपराधी
नहीं.... बल्कि.... उन्हें अपना आइडल मानते हैं...!
क्या इतने सबूतों के बाद भी किसी को कहना है कि.... इस्लाम
शांति का प्रतीक है.. अथवा,
इस्लाम दुनिया
में शांति फैलाना चाहता है...????
मुसलमानों की वकालत करने वाले लोगों को ये बात अच्छी तरह समझ
लेनी चाहिए कि.....
इस्लाम एवं कुरान विश्व में शांति नहीं .... बल्कि, आतंकवाद से
""मरघट जैसा सन्नाटा"" फैलाना चाहता है ...!
जय महाकाल...!!!
नोट: यह लेख किसी दुर्भावना से नहीं.... बल्कि जन सामान्य
को इस्लाम के बारे में जानकारी देने के पवित्र उद्देश्य से लिखी गयी है...!
अगर किसी सज्जन अथवा दुर्जन को लेख से कोई शिकायत है तो....
वो मुझसे और सबूत मांग सकता/सकती है...!!
Fakuuuuuuuu
ReplyDelete