नेताओं द्वारा .... खासकर भारतीय नेताओं द्वारा जोर-शोर से
यह ढोल पीटा जाता है कि.... आतंकवाद तो बस आतंकवाद है..... और, उसे किसी भी मजहब
से जोड़ना गलत है...!
साथ ही... उनका कहना होता है कि..... आतंकवाद का कोई धर्म
नहीं होता है... और, दुनिया का हर
मजहब ""शांति का सन्देश"" देता है...!!
लेकिन...आतंकी संगठन आईएसआईएस के लिए लड़ने इराक गए आरिफ
माजिद से नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के जांचकर्ता ने जब पूछा कि घर से
क्यों भागे थे,
तो . सेक्यूलरों और हमारे नेताओं के मुंह पर जोरदार तमाचा
मारते हुए....उस जेहादी का जवाब था-........ ''अल्लाह के काम पर गया था।''
और,
मजे की बात यह है
कि..... वह आरिफ माजिद नामक ""मुस्लिम आतंकवादी"" .
हिंदुस्तान इसलिए नहीं लौटा.... क्योंकि, आईएसआईएस के प्रति उसका भ्रम टूट गया...... बल्कि , इसलिए वापस आया
क्योंकि वह घायल हो गया था।
जेहादी आरिफ ने बताया कि.... जेहाद के दौरान उसे तीन
गोलियां लगी थीं, लेकिन अब वह ठीक
है।
बता दें कि आरिफ कल्याण के ही रहने वाले अमन टंडेल, फहाद शेख और
शाहीन टंकी के साथ मई में इराक गया था... और, वहां जाने के लिए ये चारों एक तीर्थयात्रियों के दल में
शामिल हुए थे... लेकिन, बाद में इराक
पहुंचकर ये चारों गायब हो गए।
बाद में परिवारवालों को फोन करके बताया कि .....उन्होंने
इस्लामिक स्टेट के लिए हथियार उठा लिए हैं... और, वे अल्लाह के काम में लग गए हैं...!!
क्या इतने पुख्ता सबूत होने के बाद भी.... हमारे राजनेता और
मनहूस सेक्यूलर अभी-भी ये पीपड़ी ही बजाएंगे कि..... आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता
है....??????
और,
अगर सच में
आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है तो.....
क्या कोई मुझे समझा सकता है कि......
फिर.... ISIS अथवा दुनिया के किसी भी आतंकवादी संगठन में भर्ती होने एवं
उसे कहलाने वालों के नाम ..... आरिफ. माजिद , सलीम या अब्दुल्ला ही क्यों होते हैं....?????
मोहन , सोहन, सुनील या विनोद क्यों नहीं....??????
जागो हिन्दुओं.... और, अपनी आँखें खोलो ....!!
जय महाकाल...!!!
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