Wednesday 10 February 2016

देवघर (झारखंड) में संस्कृत यूनिवर्सिटी बनेगी

देवघर (झारखंड) में संस्कृत यूनिवर्सिटी बनेगी !! मोदी सरकार ने दी मंजुरी !
अमेरिका, जर्मनी, रुस में ऐसी संस्कृत युनिवर्सिटी शुरु हो चूकी है
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सभी देशों संस्कृत के ग्रंथो में छूपे हुए ज्ञान-विज्ञान खोजने में लगे हुए है, और अपने अपने स्टूडन्ट्स को कुछ युनिवर्सिटीस में कम्पलसरी पढा रहे है

मुम्बई से दिल्ली, चलेगी टेलगो की हाईस्पीड ट्रेन

मुम्बई से दिल्ली, चलेगी टेलगो की हाईस्पीड ट्रेन, लगेंगे 12 घंटे


दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग की मौजूदा पटरियों पर स्पेन की कंपनी टेलगो की निर्मित ट्रेनों को प्रयोग के तौर पर चलाया जाएगा। 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से !
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प्रयोग के दौरान ट्रेनों के परिचालन के बाद जो निष्कर्ष निकलकर सामने आएगा। उसी आधार पर रेलवे अन्य रेलमार्गों पर भी उच्च गति की ट्रेनों को चलाना शुरू करने पर विचार कर सकता है। अधिकारी ने बताया कि जल्द ही दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर पर टेलगो को प्रयोग के तौर पर चलाया जाएगा।
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स्पेन की ट्रेन बनाने वाली कंपनी ने अपनी हल्की और तेज गति से चलने वाली ट्रेनों को नि:शुल्क प्रयोग के तौर पर चलाने की पेशकश की है। ट्रेन की रेक का आयात किया जाएगा और भारत में उसे एसेंबल किया जाएगा। अगर मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर पर ही टेलगो ट्रेन 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से चलती है, तो दोनों शहरों के बीच यात्रा में मौजूदा 17 घंटे की बजाय केवल 12 घंटे लगने का अनुमान है।

भारतीय नॅवी के नये ब्रान्ड अम्बेसेडर बनेंगे "अक्षय कुमार".. !!

दूरदर्शन ला रहा नई तकनीक ..

दूरदर्शन ला रहा नई तकनीक .. 600 चेनल्स देखिए फ्री ! (TV,मोबाइल,लैपटॉप,टैबलेट)


जल्द ही आप 600 से भी ज्यादा चैनल दूरदर्शन के चैनलों की तरह फ्री में देख सकेंगे। ...इसमे सेट टॉप बॉक्स की ज़रूरत नहीं होगी। दूरदर्शन बहुत ही लेटेस्ट टेक्नोलॉजी DVB-T का उपयोग शुरू करने जा रहा है। DVB-T (Digital Video Broadcast-Terrestrial) टेक्नोलॉजी के अंतर्गत दूरदर्शन अपने ट्रांसमीटरों को डिजिटल बनाने जा रहा है।
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इसके लिए देशभर में ट्रांसमीटर लगाए जाएंगे और दूरदर्शन की यह सौगात दर्शकों के लिए जल्द ही शुरू हो जाएगी। इस नइ टेक्नोलॉजी से पेड चैनल भी देखें जा सकेंगे और इनके लिए भी हर महीने कोइ शुल्क नहीं लिया जाएगा। देश में इस समय चैनल दिखाने की दो व्यवस्थाएं है पहला-सैटेलाइट के द्वारा, इससे फिलहाल सारे चैनल दिखाएं जाते हैं और दूसरा- ट्रांसमीटरों के द्वारा, ट्रांसमीटरों के द्वारा प्रसारण का अधिकार केवल दूरदर्शन को ही है।
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अब इस नइ सेवा से दूरदर्शन की क्षमता अपने दर्शकों को एक चैनल की जगह दस चैनल दिखाने की हो जाएगी।
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क्या है खास-
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1.दूरदर्शन की इस नइ टेक्नोलॉजी से आप मोबाइल, लैपटॉप, टैबलेट आदि सभी पर आप फ्री में चैनलों को लुत्फ उठा सकेंगे।
2.DVB-T बहुत आधुनिक टेक्नोलॉजी है इससे दूरदर्शन की क्षमता कइ गुना बढ़ जायगी और ज्यादा से ज्यादा फ्री चैनल दर्शकों को दिखाएं जा सकेंगे।
3.अन्य प्राइवेट कंपनियां देशभर में अपने चैनल सैटेलाइट के द्वारा दिखाती है, लेकिन दूरदर्शन को इस नई सेवा के लिए यह कंपनियां थोडा सा शुल्क देकर अपनी पसंद के इलाकों में प्रसारण कर सकती है।
4.सेटेलाइट की तुलना में दूरदर्शन से चैनल दिखाना अपेक्षाकृत 25% तक तक सस्ता पड़ेगा।
5.दूरदर्शन द्वारा प्रसारित सभी चैनल आप DVB-T सुविधा से लैस टीवी में नॉर्मल एंटीना लगाकर देख सकेंगे
6.पुराने टीवी में यह चैनल देखने के लिए आपको बस डोंगल की जरूरत पड़ेगी और सेटटॉप बॉक्स को लगाना नहीं पड़ेगा।

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Wednesday 3 February 2016

हल्की और सस्ती रिवॉल्वर-'निडर'

जनसुरक्षा के लिए लॉन्च हुई भारत की सबसे हल्की और सस्ती रिवॉल्वर-'निडर'



भारत में निर्मित सबसे सस्ती और हल्की रिवॉल्वर निडरआज लोंच हुई है, जिसे PM नरेन्द्र मोदी के 'मेक इन इंडिया' अभियान के तहत आगरा की इशापोर राइफल फैक्ट्री में बनाया गया है.
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'निडर' का वजन मात्र 250 ग्राम है, जो कि महिलाओं के लिए बनी रिवॉल्वर 'निर्भीक' से आधा है. 'निडर' को इसलिए तैयार किया गया है, जिससे कामकाजी पुरुष और महिलाएं खुद को रास्ते में होने वाली किसी वारदात से बचा सकें.

.22 बोर कैलिबर वाली 'निडर' रिवॉल्वर को कोई भी व्यक्ति जिसके पास लाइसेंस हो, खरीद सकता है. और तो और इसकी कीमत .32 बोर वाली 'निर्भीक' से एक तिहाई कम है. 'निर्भीक' की कीमत 1.22 लाख है जबकि 'निडर' की कीमत मात्र 35 हजार है.
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यह राइफल एक राउंड में आठ फायर कर सकती है जबकि 'निर्भीक' की क्षमता मात्र छह गोलियों की है. 'निडर' को आसानी से पर्स, हैंडबैग या पैंट और जैकेट की पॉकेट में रखा जा सकता है.



अमेरिका में "भगवदगीता" पढ़ना अनिवार्य !!

अमेरिका की सेटन हॉल यूनिवर्सिटी में "भगवदगीता" पढ़ना अनिवार्य !!

इस यूनिवर्सिटी का मानना है कि "छात्रों को सामाजिक सरोकारों से रूबरू कराने के लिए गीता से बेहतर कोई और माध्यम नहीं हो सकता है।".. लिहाजा उसने सभी विषयों के छात्रों के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम के तहत इसकी स्टडी को जरूरीबना दिया है।
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यूनिवर्सिटी 1856 में न्यू जर्सी में स्थापित हुई थी और एक स्वायत्त कैथलिक यूनिवर्सिटी है।यूनिवर्सिटी के 10, 800 छात्रों में से एक तिहाई से ज्यादा गैर ईसाई हैं। इनमें भारतीय छात्रों की संख्या अच्छी- खासी है। गीता की स्टडी अनिवार्य बनाने इस फैसले के पीछे यूनिवर्सिटी केस्टिलमेन बिजनस स्कूल के प्रफेसर "ए.डी. अमर" की प्रमुख भूमिका रही।
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यूनिवर्सिटी में कोर कोर्स के तहत सभी छात्रों के लिए अनिवार्य पाठ्यक्रम होता है, जिसकी स्टडी सभी विषयों के छात्रों को करनी होती है। इसमें छात्रों को सामाजिक सरोकारों और जिम्मेदारियों से रूबरू कराया जाता है। इस मामले में गीता का ज्ञान सर्वोत्तम साधन है।गीता की अहमियत को समझते हुए यूनिवर्सिटी ने इसकी स्टडी अनिवार्य की।
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हमारे संस्कार पाश्चत्य को पसंद आ गये पर हमारे देश में कब गीता का पाठ नियमित होगा..?

"वैदिक विज्ञान" पर इन्टरनेशनल कोन्फरॅन्स ... !! @ भारत


भारतीय शिक्षण मंडल’ (RSS से जुड़े संगठन) भारतीय "ग्रंथों" से प्रेरणा लेते हुए 3 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है जिसका लक्ष्य देश में हो रहे अनुसंधान में ‘‘आमूलचूल परिवर्तन’’ लाना है।
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इसका उद्घाटन स्मृति ईरानी करेंगी और अन्य कई मंत्री भी इसमें हिस्सा लेंगे। सम्मेलन में जिन विषयों पर चर्चा होनी है उनमें भारतीय ज्ञान प्रणाली- भविष्य के प्रति दृष्टिकोण, वसुधैव कुटुंबकम, शिक्षा, पर्यावरण मुख्य हैं।
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सम्मेलन के दौरान जो शोधपत्र प्रस्तुत किए जाने हैं उनमें वैदिक मंत्रों के उच्चारण के चिकित्सकीय प्रभाव, वैदिक गणित, समाजशास्त्र के सिद्धांत, पौराणिक काल में जनसंचार शामिल है। 
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शोधपत्र का विषय काफी विस्तृत है और इसमें कृषि से लेकर "परमाणु विज्ञान" में हो रहे अनुसंधान शामिल हैं। 

कल्पना चावला पहली भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री और अन्तरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी. 1997 में वह अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी और 2003 में कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गये सात यात्रियों के दल में से एक थी.
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भारत की बेटी कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को करनाल (Haryana) में हुआ. उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा करनाल से और B.E. (एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग) 1982 में चंडीगढ़ से पूरी की.
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वे संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए 1982 में चली गयी और 1984 में एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में विज्ञानं स्नातक की उपाधि टेक्सास विश्वविद्यालय आरलिन्गटन से प्राप्त की.फिर उन्होंने ने ठान लिया की उन्हें अन्तरिक्ष यात्री बनना है जबकि उस समय उनके जीवन में उस समय बहोत सी आपदाए आई थी,1986 में कल्पना ने दूसरी विज्ञानं स्नातक की उपाधि पाई और 1988 में कोलोराडो विश्वविद्यालय बोल्डर से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में PhD पाई.
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1988 के अंत में उन्होंने नासा (NASA) के एम्स अनुसंधान केंद्र के लिए ओवेर्सेट मेथड्स इंक के उपाध्यक्ष के रूप में काम करना शुरू किया, उन्होंने वहा वी/एसटीओएल (Short Takeoff And Landing Concepts) में सीएफडी (Computational Fluid Dynamics) पर अनुसंधान किया. कल्पना जी को हवाई जहाजो, ग्लाइडरो व व्यावसायिक विमानचालन के लाइसेंसो के लिए प्रमाणित उड़न प्रशिक्षक का दर्जा हासिल था. उन्हें एकल व बहु इंजन वयुयानो के लिए व्यावसायिक विमानचालक के लाइसेंस भी प्राप्त थे. अन्तरिक्ष यात्री बनने से पहले वो एक सुप्रसिद्ध नासा की वैज्ञानिक थी. अप्रैल 1991 में वे एक देशियकृत संयुक्त राज्य अमेरिका की नागरिक बनी. कल्पना जी मार्च 1995 में नासा के अन्तरिक्ष यात्री कोर में शामिल हुई और उन्हें 1996 में अपनी पहली उडान के लिए चुना गया था. 
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अन्तरिक्ष के सफ़ेद आसमान की यात्रा करते समय ये शब्द उन्होंने कहे थे. आप ये आप ही की बुद्धि का परिणाम हो”. कल्पना जी ने अपने पहले मिशन में 10.67 मिलियन किलोमीटर का सफ़र तय कर के, पृथ्वी की 252 परिक्रमाये की. उनका पहला अन्तरिक्ष मिशन 19 नवम्बर 1997 को छह-अन्तरिक्ष यात्री दल के हिस्से के रूप में अन्तरिक्ष शटल कोलंबिया की उडान एसटीएस-87 से शुरू हुआ. कल्पना जी अन्तरिक्ष में उड़ने वाली प्रथम भारत में जन्मी महिला थी और अन्तरिक्ष में उड़ने वाली भारतीय मूल की दूसरी व्यक्ति थी. राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत (Soyuz T-11) अन्तरिक्ष यान में उडान भरी थी. 
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कल्पना जी ने अपने पहले मिशन में अन्तरिक्ष में 360 से अधिक घंटे बिताए. एसटीएस-87 के दौरान स्पार्टन उपग्रह को तैनात करने के लिए भी जिम्मेदारी थी, इस ख़राब हुए उपग्रह को पकड़ने के लिए विस्टन स्कॉट और तकाओ दोई को अन्तरिक्ष में चलना पड़ा था. पाच महीने की तफ्तीश के बाद नासा ने कल्पना चावला को इस मामले में पूर्णतया दोषमुक्त पाया, त्रुटिया तन्त्रांश व यान कर्मचारियो तथा जमीनी नियंत्रकों के लिए परिभाषित विधियों में मिली. एसटीएस-87 की उदानोपरांत गतिविधियों के पूरा होने पर कल्पना जी ने अन्तरिक्ष यात्री कार्यालय में, तकनिकी पदों पर काम किया, उनके यहाँ के कार्यकलाप को उनके साथियों ने विशेष पुरस्कार दे के सम्मानित किया. 
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2000 में उन्हें एसटीएस-107 में अपनी दूसरी उड़ान के कर्मचारी के तौर पर चुना गया, यह अभियान लगातार पीछे सरकता गया, क्योकि विभिन्न कार्यो में नियोजित समय में टकराव होता रहा और कुछ तकनिकी समस्याये भी आई जैसे जुलाई 2002 में शटल इंजन बहाव अस्तरो में दरारे. 16 जनवरी 2003 को कल्पना जी ने अंततः कोलंबिया पर चढ़ के विनाशरत एसटीएस-107 मिशन का आरम्भ किया. उनकी जिम्मेदारियों में शामिल थे स्पेसहेब और कुछ छोटे प्रयोग जिसके लिए कर्मचारी दल ने 80 प्रयोग किये, जिनके जरिये पृथ्वी व अन्तरिक्ष विज्ञान, उन्नत तकनिकी विकास व अन्तरिक्ष यात्री स्वास्थ व् सुरक्षा का अध्ययन हुआ.
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1 फरवरी 2003 को कोलंबिया अंतरिक्षयान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूटकर बिखर गया. देखते ही देखते अन्तरिक्ष यान और उसमे सवार सातो यात्रियों के अवशेष टेक्सास नमक शहर पर बरसने लगे और सफल कहलाया जाने वाला अभियान भीषण सत्य बन गया. कल्पना चावला निच्छित ही आज के लडकियों की आदर्श है. आज की लडकियों को ये सोचना चाहिये क कल्पना चावला एक माध्यम वर्गीय परिवार से होने के बावजूद इतन सब कर सकती है .. 
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जिस समय भारत का तंत्रज्ञान ज्यादा मजबूत नहीं था, जिस समय लोगो को अन्तरिक्ष की समझ भी नहीं थी उस समय कल्पना चावला ने अन्तरिक्ष में जाके पुरे विश्व जगत में भारत का परचम लहराया...!!!
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देश का पहला अंडरवॉटर होटॅल .अहमदाबाद, गुजरात

वर्ल्डक्लास लग्जरी मेट्रो ट्रेन"

अब भारत "वर्ल्डक्लास लग्जरी मेट्रो ट्रेन" को Export करते हुए .. To ऑस्ट्रेलिया !!


मोदी सरकार के #MakeInIndia के तहत भारत ने आधुनिक मेट्रो ट्रेन बनाकर विदेश में बेचना शुरु किया है .. ये मेट्रो ट्रेन के डिब्बे भारत से हवाईजहाज द्वारा ऑस्ट्रेलिया एक्ष्पोर्ट करने के लिए भेजा जा रहा है.. इससे भारत को करोडो रुपये की कमाई शुरु हुई है..!!
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विश्व का सबसे फास्ट प्लेन

भारतीय वैज्ञानिक ने बनाया : विश्व का सबसे फास्ट प्लेन, स्पीड 20,000 km/hr


भारतीय वैज्ञानिक अभिषेक राॅय का डिजाइन किया हुआ एंटीपाॅडजेट प्लेन बनकर तैयार है। एंटीपाॅड काे कनाडियार्इ एयरक्राॅफ्ट कंपनी से संबंधित चार्ल्स बंबार्डियर ने पेश किया है। बंबार्डियर इससे पहले मैक 10 पर उड़ने वाले स्क्रीमर मैक 2 की स्पीड वाले काॅन्काॅर्ड बना चुके हैं।.....
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एंटीपाॅड एक हाइपरसाॅनिक जेट प्लेन है जो लंदन से न्यूयाॅर्क की 5597 किमी की दूरी केवल 11 मिनट में पूरी कर लेगा। प्लेन की एफिशिएंसी का अनुमान आप इस बात से लगा सकते हैं कि यह महज एक घंटे में ही 10 लोगों काे 20 हजार किमी की सैर करवा सकता है।

एंटीपॅड अधिकतम मैक 24 यानि कि ध्वनि से 24 गुना तेज रफ्तार से उड़ने वाला प्लेन है

नीलाक्षी सिन्हा ..! 15 विदेशी भाषा में एक्षपर्ट !

ये है नीलाक्षी सिन्हा ..! 15 विदेशी भाषा में एक्षपर्ट !

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नीलाक्षी नरेन्द्र मोदी के लिए लैंग्वेज इंटरप्रेटर, ट्रांसलेटर, ट्रांस्क्राइबर का रोल निभाती हैं .. नीलाक्षी हंमेशा PM मोदी और NSA अजीत डोवाल के साथ विदेश यात्राओं में होती हैं.

बहादुर "चेतक"


1. वफादारी के मामले में चेतक की गिनती दुनिया के सर्वश्रेष्ठ घोड़ों में की गई है। हल्दीघाटी युद्ध में महाराणाप्रताप का अनूठा सहयोगी था वह। दोनों का साथ चार साल तक रहा।
2. हल्दीघाटी युद्ध में चेतक, अकबर के सेनापति मानसिंह के हाथी के मस्तक की उंचाई तक तक बाज की तरह उछल गया था। फिर महाराणाप्रताप ने मानसिंह पर वार किया था।
3. जब मुगल सेना महाराणाप्रताप के पीछे लगी थी, तब चेतक उन्हें अपनी पीठ पर लादकर 26 फीट लंबे नाले को लांघ गया, जिसे मुगल फौज का कोई घुड़सवार पार न कर सका...!!!
4. महाराणाप्रताप के साथ युद्ध में घायल चेतक को वीरगति मिली थी। वह अरबी नस्ल वाला नीले रंग का घोड़ा था। राजस्थान में लोग उसे आज भी उसी सम्मान से याद करते हैं, जो सम्मान वे महाराणा को देते हैं।
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वीरगति के बाद महाराणाप्रताप ने स्वयं चेतक का अंतिम संस्कार किया था। हल्दीघाटी में उसकी समाधि है। मेवाड़ में लोग चेतक की बाहादुरी के लोकगीत गाते हैं।