Thursday 19 June 2014

Scientific development at the time of Mahabharat


Some concealed facts about Mahabharat



Scientific development at the time of Mahabharat


1> Clonning was possible those days.

It was discussed in a seminar held in IIT.
The evolution of 100 Kauravs in Mahabharat is not possible without clonning technique.

2> Nuclear Bomb was used during Mahabharat war.

In india Rawalbhata is the place where unusual radiation is found. Verses of Mahabharat also says that.
Oppenheimer Head of manhatten project (of little boy) also knew that.

3> Jet Planes were used in Mahabharat

The small jet planes were used which might use mercury vortex engines technology.
We cannot be sure for jet technology because many types of jet planes are described in Vedic aeronautics.

4> Krishna was a great scientist so his wife was. Jaidrath murder was planned. Krishna designed an instrument which we can call cloud generator. His wife designed Cloud degenrator. Probably With radio communication he informed his wife to generate the cloud when jaidrath came in front.

5> Television or some thing like technology existed at those times. Because Sanjay explained every thing to Dhratrashtra with its help. Divine eye probably refers to TV. Royal families can afford it.

6> Mahabharat was a Global warfare. Near all the world countries take part in this war. Evidence of chakraview like fort of MB times is found in UK. 


Some facts about Shri Krishna



1> Krishna knew nearly all branches of Vedas.

2> He memorised near about 16000 verses of Vedas. 19 thousands something are total hymns. These are his 16000 gopikas in which he always think about.

3> Krishna kep 12 years of Brahmcharya with his own wife to produce on child Pradumna

4> Krishna married only once in his life. His wife name was Rukmani.

5> The Radha character seems to be imaginary. Because Radha is depicted no where in Mahabharat. Even puranas don't call about her. Just a sloka in brahmavaivarta purana talks about her but it proves her Krishna's mami.

6> Krishna was 90 years old when he dictated Geeta to Arjun.


Reference

1. IIT seminar, Mahabharat verses.

2. Google it

3. Google it

4. Book of Brahmachari Krishnadatt Maharaj

5. Geeta

6. P.N.oak Vedic world heritage


referece of second section is from book of

Jagdishwarananda Shri Krishna aur Geeta Updesh




हार के बाद सोनिया ने लाये कांग्रेस में 3 बदलाव

हार के बाद सोनिया बना रहीं रिवाइवल प्‍लान, जानें कांग्रेस में आए कौन से 3 बदलाव


भाजपा के हाथों लोकसभा चुनाव में ऐतिहासिक हार का सामना करने के बाद कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने एक बार फिर कमान संभाल ली है और पार्टी को नए सिरे से खड़ा करने की कोशिशें तेज कर दी हैं। इसके लिए वह कांग्रेसी नेताओं से लगातार मुलाकात कर आगे का रास्‍ता ढूंढ रही हैं। उधर, पार्टी कार्यकर्ताओं ने साफ कर दिया है कि वे राहुल नहीं बल्कि सोनिया के नेतृत्‍व में काम करना चाहते हैं। खास बात यह है कि ये कार्यकर्ता राहुल को प्रियंका गांधी से भी कम तवज्‍जो दे रहे हैं। इनके मुताबिक पार्टी नेतृत्‍व पहले सोनिया, फिर प्रियंका और उसके बाद राहुल के क्रम में होना चाहिए। कांग्रेसी नेताओं ने ऐसी मांग भी की है कि हार के कारणों पर व्‍यापक बातचीत के लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी की बैठक बुलाई जानी चाहिए।

सोनिया गांधी हुईं सक्रिय

हार के कारणों का पता लगाने और कांग्रेस को फिर से कैसे खड़ा किया जाए, इन चीजों पर बात करने के लिए सोनिया पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से लगातार मुलाकात कर रही हैं। हाल के कुछ दिनों से उनके घर के बाहर मिलने वालों का तांता लगा रहता है। उदाहरण के लिए इस हफ्ते मंगलवार को अंबिका सोनी, विलास मुत्‍तमवार, राज बब्‍बर, श्रुति चौधरी जैसे नेताओं ने सोनिया से मुलाकात की। इस लोकसभा चुनाव में इन सभी नेताओं को हार का मुंह देखना पड़ा है। इनके अलावा राज्‍य स्‍तर के कई नेता भी सोनिया से मिलने पहुंचे। इनमें राजस्‍थान के पूर्व मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत प्रमुख थे। मुलाकात के इस दौर के बारे में सोनिया गांधी के नेतृत्‍व में भरोसा रखने वाले एक कांग्रेसी नेता ने कहा, 'उनकी हर सुबह नेताओं से मिलने-जुलने में ही बीत रही है।'


सोनिया ने कहा-हार से सबक लेने का वक्‍त

सोनिया गांधी ने चुनाव में हार का सामना करने वाले पार्टी नेताओं से कहा है कि वे इससे सबक लेकर आगे बढ़ें। बताया जा रहा है कि सोनिया ने चुनाव लड़ने वाले सभी नेताओं को लेटर लिखा है जिसमें उन्‍होंने कहा है कि वे हार से घबराएं नहीं और ना ही अपना दिल छोटा करें बल्कि इससे सबक लेकर आगे बढ़ें और पार्टी को मजबूत बनाएं।


सोनिया से हाल में ही मुलाकात करने वाले एक कांग्रेसी नेता ने कहा, 'स्‍थानीय, क्षेत्रीय और राज्‍य स्‍तर के अलावा केंद्रीय स्‍तर पर भी आत्‍मविश्‍लेषण होना चाहिए। हालात से निपटने के लिए क्‍या कदम उठाए जाएं, इस पर बातचीत के लिए कांग्रेस वर्किंग कमिटी और ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी की बैठक बुलाई जानी चाहिए। कुछ हलचल होनी चाहिए, ऐसी गतिविधियां होनी चाहिए जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं का ध्‍यान हार से हटे। लेकिन इस तरह की बैठक सिर्फ प्रतिक्रियाओं पर आधारित नहीं होनी चाहिए बल्कि इससे कुछ ठोस सामने निकलकर आना चाहिए।'

हार के बाद सोनिया बना रहीं कांग्रेस का रिवाइवल प्‍लान, जानें पार्टी में आए कौन से 3 बदलाव

चुनाव के बाद कांग्रेस में आए तीन अहम बदलाव

कांग्रेस में भले ही हार को लेकर लगातार मंथन चल रहा है, लेकिन अभी तक इस बात पर स्‍पष्‍ट राय नहीं बन सकी है कि आगे के लिए क्‍या कदम उठाया जाए। कांग्रेस के भीतर फिलहाल तीन तरह के हालात उभर कर सामने आ रहे हैं: 


पहला: अंदरुनी चुनाव कराने की संभावना फिलहाल के लिए टल सकती है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि हार के बाद से ही पार्टी में गुटबंदी जोरों पर है और माना जा रहा है कि अंदरुनी चुनाव इसे और हवा दे सकता है। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद से ही कई नेता कांग्रेस वर्किंग कमिटी के चुनाव की मांग कर रहे हैं। माना जा रहा है कि यह चुनाव भी टल सकता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि यूथ कांग्रेस के लिए चुनाव कराने का राहुल गांधी का कदम विवादों में है और पार्टी नहीं चाहेगी कि इन विवादों की आंच कांग्रेस वर्किंग कमिटी तक आए। सीडब्‍ल्‍यूसी में 25 मेंबर हैं। 2015 में सोनिया गांधी बतौर कांग्रेस अध्‍यक्ष अपना चौथा कार्यकाल पूरा कर लेंगी। इस लिहाज से संगठन में बदलाव को लेकर ब्‍लॉक स्‍तर से लेकर अध्‍यक्ष पद तक का चुनाव हो सकता है। 


दूसरा: कांग्रेस के जिन पुराने नेताओं की आलोचना की जाती रही थी, राहुल और उनकी यंग टीम के नेतृत्‍व में मिली हार के बाद इन नेताओं की अहमियत एक बार फिर बढ़ गई है। गौरतलब है कि हाल के सालों में राहुल की यंग टीम को आगे लाने के लिए कई पुराने कांग्रेसी नेताओं को राज्‍यपाल बनाकर या तो पीछे धकेल दिया गया या फिर उन्‍हें किसी दूसरे तरीके से किनारे लगा दिया गया। जिन यंग चेहरों को राहुल ने तवज्‍जो दिया उनमें मध्‍य प्रदेश में अरुण यादव, हरियाणा में अशोक तंवर और राजस्‍थान में सचिन पायलट प्रमुख थे। इन सभी को संबंधित राज्‍यों का प्रभारी बनाया गया था। अब पार्टी की हार के बाद ये नेता पुराने स्‍थानीय नेताओं के हमले की जद में आ गए हैं।


पुराने नेताओं की अहमियत देखते हुए सोनिया गांधी ने फिर से इन्‍हें उनका रुतबा लौटाने की कवायद तेज कर दी है। इसी के मद्देनजर मल्लिकार्जुन खड़गे को लोकसभा में पार्टी का नेता और पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री अमरिंदर सिंह को उप नेता बनाया गया है। इनके अलावा गुलाम नबी आजाद को राज्‍यसभा में विपक्ष का नेता तो आनंद शर्मा को उन नेता बनाया गया है। हालांकि, सोनिया ने इन लोगों की नियुक्ति तभी की जब उन्‍होंने देखा कि राहुल गांधी लोकसभा में पार्टी का नेतृत्‍व करने को तैयार नहीं हैं।

तीसरा: सोनिया ने जिस तरह पुराने नेताओं को फिर से मौका दिया है उससे कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के बीच अच्‍छा संदेश गया है। हालांकि, वे इस बात से भी चिंतित हैं कि जब राहुल के खिलाफ लोगों का गुस्‍सा ठंडा पड़ जाएगा तो सोनिया उन्‍हें फिर से आगे करने पर जोर देंगी। खास बात यह है कि जो भी नेता राहुल के काम करने के तरीके से खफा हैं, उन्‍होंने लोकसभा चुनावों में मिली हार का इस्‍तेमाल उन पर हमले के लिए किया है। कई कांग्रेसियों का आरोप है कि राहुल अपने कार्यकर्ताओं से मिलते नहीं हैं और अपने संसदीय क्षेत्र के बारे में भी उन्‍हें ज्‍यादा जानकारी नहीं है।









यूपीए के पूरे सफाए में जुटी मोदी सरकार


मोदी सरकार करेगी अपने लोगों की नियुक्ति
यूपीए के भरोसेमंद लोगों की होगी छुट्टी
यूपीए सरकार के दौरान नियुक्त राज्यपालों के बाद अब तमाम आयोगों और प्रमुख संस्थानों के अहम पदों पर काबिज लोगों को हटाने की कसरत भी मोदी सरकार ने शुरू कर दी है।

राजनीतिक नियुक्ति की वजह से निजाम बदलने के बाद इन आयोगों के अध्यक्षों को कुर्सी छोड़ने के लिए कहा जा रहा है ताकि मोदी सरकार अपने लोगों की नियुक्ति यहां कर सके।

सरकार के इस दबाव में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शशिधर रेड्डी ने इस्तीफा भी दे दिया है। जबकि एससी-एसटी आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया, महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा के साथ भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के अध्यक्ष पद से डा. कर्ण सिंह को भी हटाने की सरकार की तैयारी है।

हालांकि संवैधानिक निकायों के प्रमुखों को हटाने की प्रक्रिया आसान नहीं है। लेकिन शुरूआती तौर पर उन्हें फोन कर इस्तीफा देने के लिए कहा जा रहा है।


मोदी सरकार करेगी अपने लोगों की नियुक्ति
इस बाबत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से जुड़े महिला आयोग, बाल आयोग, सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय से जुड़े अनुसूचित जाति आयोग, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्षों को इस्तीफा देने के लिए कहा गया है।

जबकि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष समेत सभी सदस्यों को इस्तीफे के लिए कहा गया है। लेकिन अध्यक्ष इस संदर्भ में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।

एनडीएमए के उपाध्यक्ष शशिधर रेड्डी ने तीन दिन पहले ही अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री को भेजने की पुष्टि करते हुए कहा कि राजनीतिक सत्ता परिवर्तन के बाद इसमें कुछ अस्वाभाविक नहीं है।


मोदी सरकार लेगी सबका इस्तीफा
वहीं महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा फिलहाल विदेश यात्रा पर हैं। लेकिन यात्रा पूर्व दिये गए बयान में उन्होंने किसी दबाव में कुर्सी छोड़ने से मना कर दिया था। उनका कहना था कि संवैधानिक नियुक्ति होने के बावजूद पद छोड़ने का दबाव बनाना ठीक नहीं है।

बाल आयोग की अध्यक्ष कुशल सिंह ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के दो आला अधिकारियों की ओर से इस्तीफे का दबाव बनाने की बात कबूली थी। उन्होंने इस मसले को कोर्ट के सामने भी रखा। फिलहाल यह मसला न्यायालय के अधीन है।

दूसरी ओर अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष पीएल पूनिया ने पद छोड़ने के दबाव पर असहमति जताई है। इसी तरह दूसरे आयोगों के अध्यक्ष भी मना कर रहे हैं। लेकिन सरकारी खेमे से उन्हें फोन जाने की बात जरूर कही जा रही है।





दुनिया का सबसे पहला आतंकवादी था मोहम्मद .....


==============================


मोहम्मद का कार्टून बना तो पूरी दुनिया के मुसलमानों ने अपनी-२ जगहों पर बलवा किया | दुनिया को इतिनी बुरी तरह से बदलने वाला व्यक्ति रहस्य बना हुआ हैं | कोई कुछ जानता ही नहीं उसके बारे में | प्रश्न तो ये उठता हैं के इसाई ईशा मसीह के नाटक मंच पर दोहराते हैं ताकि उनके अच्छे गुण अन्य लोंग जान सके और ले सके | हिंदू राम लीला रचाते हैं ताकि राम के अच्छे कृत्यों को दिमाग में रख सके | अच्छाई की बुराई पर जीत | पर मोहम्मद के नाम पर ऐसा क्या की उनका कोई चित्र नहीं हो सकता | मुस्लिम कहते हैं इस्लाम में बुत परस्ती मना हैं इसलिए | बुत परस्ती मना होने से चित्रण का क्या लेना देना ? क्या काबा मंदिर (उनके लिये मस्जिद) की तस्वीर रखना नहीं गलत हैं पर रखते हैं | तस्वीर रखने से उसकी बुत परस्ती थोड़े हो जाती हैं बल्कि अपने आदर्श के कृत्यों की याद बनी रहती हैं | जैसे आर्य समाजी ऋषि दयानंद की तस्वीर रखते हैं | दूसरा तर्क ये दे सकते के इस से उनका अपमान होगा | मान-अपमान तो जीवित लोगो का होता हैं अगर ये भेद नहीं पता उन्हें तो बुत परस्ती भी नहीं पता | इसी लिए वे हजरे अस्वाद को सरक्षित करे 
हुए हैं और बुत परस्ती के विरोध में होने का ढोंग करते हैं |

वास्तविक बात तो ये हैं के मोहम्मद का कोई चरित्र ही नहीं था जिसका चित्रण किया जाए | क्या दिखाएंगे मुसलमान की कैसे मोहम्मद के दादा अबू मत्लिब काबा मंदिर का सरक्षण करते थे तीर्थ यात्रियों का प्रबंध करते थे | किस प्रकार मोहम्मद को बचपन में मिर्गी के दौरे पड़ते थे | कैसे उसने अपने से १५ वर्ष आयु में बड़ी और अरब की अमीर बुडिया से शादी की | उस अमीर बुडिया के मरते ही किस प्रकार ५१ वर्षीया मोहम्मद ने ६ वर्ष की बच्ची से शादी(माफ़ी चाहूंगी इस गंदे कृत्य को मुस्लिम शादी कहते हैं) की | किस प्रकार ९ वर्ष की होने पर उस बच्ची से सम्भोग किया | अपनी मू बोले बेटे की बीवी से शादी की और कैसे भिन्न भिन्न ३१ से ऊपर औरते रखी | कैसे मोहम्मद ने उम् किर्फा की वृद्ध नेत्रानी बनू फस्रह के हाथ पावो को २ उटो से बंधवा के फड़वा दिया | ऊट की चोरी करने वाले ८ लोगो के हाथ पाँव कटवा दीये | वो ऊट जो खुद मोहम्मद ने चुराए थे | बनू कुइनैका, बनू नादिर, बनू कुरैज़ा के लोगो पर कितने अमानुषी अत्याचार किये

दनिया का सबसे पहला इस्लामी आतंकवादी मोहम्मद ही तो था जो ये सब देखने पर सब समझ जाएगा | जो मोहम्मद को बचपन से जानता था उसका चाचा जिसने ना जाने कितनी बार उसकी जान बचाई पर मरते दम तक कभी कुरैशो का मजहब नहीं छोड़ा और इस्लाम नहीं स्वीकार क्यों की उसे पता था के उसका भतीजा पागल हैं | खुद आयशा ने हफ्सा के साथ मिल कर मोहम्मद को जेहर दे दिया कहते हैं मोहम्मद फिर एक बच्ची से शादी की योजना बना रहा था | फिर लाभ तो आयेशा के बाप अबू बक्र को मिला पहला खलीफा वही हुआ | पर बचा कोई नहीं खानदान में दिया जलने वाला कोई नहीं रहा | आयेशा बुरी तरह क़त्ल कर दी गई | जिसने कुरान लिखी उसे खुद मोहम्मद ने मरवा दिया | खैर इतना शैतानियत जो भी लिखेगा मरेगा तो हैं ही | पूरी दुनिया आज इस्लामीकरण के खतरे के तले डगमगा रही हैं, बेकसूर मारे जा रहे हैं | इन सब का कारण मोहम्मद था जो कोई भी ये सब देख लेगा उसे समझने में एक पल नहीं लगेगा |


पर मोहम्मद को तो ऐसा हौवा बना रखा हैं के उसके बारे में तो बात करनी ही नहीं | वो इसलिए क्यों की खुद मोहम्मद ने उन सबको बुरी तरह क़त्ल करवा दिया जिसने भी उसके पैगम्बर होने का प्रमाण माँगा | खुद मोहम्मद ने ना जाने कितनी बार अपनी बात से पलटा हैं इसका प्रमाण कुरान की विपरीत बाते हैं | इसी लिए मुसलमान मोहम्मद को छुपा के रखते हैं | मोहम्मद ने ज़न्नत में खुद की सिफारिश का पेच भी फसा रखा हैं ताकि कोई उसके गलत कामो पर ऊँगली ना उठाए | पर खुद जिनको भी ये बाते पता चलती हैं उनका मानवीय पक्ष इस्लाम छुडवा देता हैं | पर जो वाकई शैतान हैं वो सही जगह हैं क्यों के दुनिया के सारे गलत काम इस्लाम में जायज हैं अगर वो गैर मुसलमान के साथ किये जाए | तो कोई क्यों लूटने, बलात्कार, हत्या, झूठ बोलने की इजाजत छोड़ेगा अगर वह अपराधी प्रवर्ति का हैं |
एक बात और के मोहम्मद देखने में बदसूरत था हदीसो की माने तो |जिस व्यक्ति ने उसकी तस्वीर बने मोहम्मद ने उसे देश निकाला दे दिया | औरते उस से नफरत करती थी | शायद इसी लिए वो औरतो का बलात्कार करता था | वैसे प्रमुख बात दिखने की नहीं हैं बात तो कर्मो की हैं जो इतने गलत थे की उनको छुपा के रखने में ही इस्लाम की भलाई हैं |


अब हमारे मुस्लिम मुझे गाली दे सकते हैं | तर्क की उम्मीद तो उनसे करना बेकार हैं | पर उनसे कहूँगा के मेरी कही बातो का प्रमाण आप यहाँ से देख सकते हिंदी में भी उपलब्ध हैं