Saturday 7 June 2014

मोदी के साथ 18 घंटे काम करने में छूटे मंत्रियों के पसीने

मोदी के साथ 18 घंटे काम करने में छूटे मंत्रियों के पसीने


रोजाना 18 घंटे काम करने और 4 घंटे सोने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम कर रहे मंत्रियों और अफसरों के इन दिनों पसीने छूट रहे हैं। इसकी वजह राजधानी दिल्ली की 45 डिग्री की गर्मी नहीं बल्कि काम के लंबे घंटे हैं।

गौरतलब है कि मोदी ने मंत्री बनने जा रहे नेताओं को शपथ लेने से पहले ही साफ कर दिया था कि वे लोग उनके साथ रोज 18 घंटे काम करने के लिए तैयार रहें।

दो मंत्रियों ने तो सार्वजनिक तौर पर स्‍वीकारा 

मोदी सरकार के दो मंत्रियों ने तो सार्वजनिक तौर पर मोदी के कामकाज के तौर तरीकों पर टिप्पणी की है। 42 साल के केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू से एक टीवी प्रोग्राम के दौरान जब मोदी के रोजाना 18 घंटे के काम के मुद्दे पर पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुरा कर कहा, 'मुख्य समस्या यह है कि मोदी देर रात 1 बजे तक काम करने के बावजूद सुबह 5.30 बजे उठ जाते हैं और अपने रूटीन में व्यस्त हो जाते हैं।' रिजिजू देर से सोकर उठने वालों में शामिल हैं, इसलिए उन्हें सामंजस्य बैठाने में खासी परेशानी आ रही है। 

मोदी सरकार में खाद्य प्रसंस्‍करण उद्योग मंत्री की हैसियत से काम कर रहीं हरसिमरत कौर बादल ने भी पीएम के व्यस्त दिनचर्या का उदाहरण दिया। हरसिमरत ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा, 'एक दिन मोदी जी ने मुझे सुबह 9 बजे फोन कर 10 मिनट में मिलने के लिए बुलाया। मैं जो कुछ भी कर रही थी, उसे बीच में ही छोड़कर फौरन उनसे मिलने पहुंची क्योंकि मुझे पता है कि प्रधानमंत्री को देर से आने वाले लोग पसंद नहीं हैं।'  

मोदी को देर तक काम करने की पुरानी आदत है

नरेंद्र मोदी बीजेपी के नेता बनने से पहले कई साल तक गुजरात के अलग-अलग इलाकों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचारक रहे हैं। एक प्रचारक परिवार से दूर संघ की विचारधारा के प्रचार प्रसार का काम करता है। आम तौर पर आरएसएस के प्रचारक सुबह जल्दी उठते हैं और देर शाम तक काम करते हैं। मोदी के जीवन पर लिखी गई कई किताबों में बताया गया है कि मोदी बचपन में वडनगर रेलवे स्टेशन पर अपने पिता की चाय की दुकान में हाथ बंटाने के अलावा स्कूल भी जाया करते थे। सो, उन्हें सुबह जल्दी उठना पड़ता था। इस हवाले से उनकी जल्दी उठने की आदत की बुनियाद को समझा जा सकता है। श्रम करने की उनकी इस आदत ने संघ के पूर्णकालिक (होल टाइमर) स्वयंसेवक बनने में उनकी बहुत मदद की होगी।   

मोदी के साथ 18 घंटे काम करने में छूटे मंत्रियों के पसीने

कैसी होती प्रचारक की दिनचर्या 

संघ के पूर्णकालिक स्वयंसेवक की दिनचर्या सुबह साढ़े चार बजे उठने से लेकर रात 10 बजे सोने के लिए जाने तक चलती है। संघ के एक पदाधिकारी के मुताबिक संघ से जुड़े प्रचारकों और पूर्णकालिक स्वयंसेवक सामान्य तौर पर सुबह 4.30 बजे सोकर उठ जाता है। इसके बाद 5.30 से 6.45 तक शाखा का आयोजन, सुबह 7 से 8 बजे तक स्नान, 8.15 जलपान, 9 से शाम 5 बजे तक बैठक और क्षेत्र भ्रमण, शाम 5 बजे अल्पाहार, शाम को 8.30 तक बैठकों और बौद्धिक विचार विमर्श का आखिरी दौर, रात 8.45 से 9.30 बजे तक भोजन वगैरह होता है। रात 10 बजे संघ के पदाधिकारी सोने के लिए जाते हैं।

No comments:

Post a Comment