Thursday 5 June 2014

"हनुमान चालीसा"



।। जय श्री राम ।। 


भाईयों आप सभी "हनुमान चालीसा" के बारे ने जानते हो और पढ़ते भी हो। 
और इसमें दो लाईनो पर में आपका विशेष ध्यान आकर्षित करना चाहूँगi, इसमें कहा गया हे 


" युग सहस्त्रा योजन पर भानु । 
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ।।"


इसका अर्थ हुआ, 


1 युग = 12000 साल, 
सहस्त्र = 1000, 
योजन = 8 मील,


युग × सहस्त्र × योजन = पर भानु ( सूर्य )
12000 × 1000 × 8 मील = 96000000 मील,

1 मील = 1.6 किलोमीटर ,                                  

96000000 मील = 96000000 × 1.6 कि.मी. = 1536000000 कि.म़ी. ( सूर्य से दुरी )

नासा ( NASA ) ने कहा हे की यह बिलकुल सही ( एक्सेक्ट ) दुरी हे प्रथ्वी और सूर्य के बिच में । और ये बात हमारे प्रभु बाल हनुमान जी ने सूर्य को मधु फल जान कर एक छलांग लगा कर सीद्ध कर चुके हे ।

मित्रो ये बोहोत ही मजेदार बात हे और काफी चोकाने वाली बात हे जिस हनुमान चालीसा के तीन शब्दों में इतनी बड़ी बात छुपी हो तो पूरी चालीसा में कितनी जानकारिया हो सकती हे. 

अब बोलो जय श्री राम

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