Wednesday 4 June 2014

लीची के औषधीय उपयोग



लीची समस्त भारत में मुख्यतयः उत्तरी भारत,बिहार,आसाम,पश्चिम बंगाल,उत्तराखंड,आंध्र प्रदेश एवं नीलगिरि क्षेत्रों में इसको घरों व बगीचों में लगाया जाता है | इसके फल गोल,कच्ची अवस्था में हरे रंग के,पकने पर मखमली लाल रंग के होते हैं | फल के अंदर का गूदा सफ़ेद रंग का व मीठा होता है | फल के अंदर एक भूरे रंग का बड़ा सा बीज होता है | इसका पुष्पकाल एवं फलकाल फ़रवरी से जून तक होता है |
इसके फल में शर्करा, मैलिक अम्ल,साइट्रिक अम्ल,टार्टरिक अम्ल,विटामिन A ,B ,C तथा खनिज पदार्थ पाये जाते हैं | गर्मियों में जब शरीर में पानी व खनिज लवणों की कमी हो जाती है तब लीची का रस बहुत फायदेमंद रहता है |


लीची के औषधीय उपयोग -

१- लीची के फल का सेवन करने से आँतों की बिमारी तथा पेट दर्द में लाभ होता है |

२- लीची का सेवन करने से कमजोरी दूर होती है तथा शरीर पुष्ट होता है |

३- लीची खाने से पित्त की अधिकता कम होती है तथा कब्ज भी ख़त्म होती है |

५- गर्मी के मौसम में आधा कप लीची का रस प्रतिदिन पीने से हृदय को बल मिलता है |

६- बवासीर के रोगियों के लिए लीची का सेवन बहुत लाभकारी है |

७- लीची जल्दी पच जाती है| यह पाचन क्रिया को मजबूत बनाने वाली तथा लीवर के रोगों में लाभकारी है |




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