Sunday 8 June 2014

मोदी सरकार बनने के बाद चीन आया हाथ मिलाने

नई संभावना तलाशने पर सहमति


नई संभावना तलाशने पर सहमति
भारत और चीन के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति बनाए रखने, व्यापार और निवेश के लिए नई संभावना तलाशने पर सहमति बनी है। अपने राष्ट्रपति के विशेष दूत के रूप में दो दिवसीय भारत यात्रा पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अपने भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज से रविवार को मुलाकात की।

सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ आए यी ने इस दौरान भारत के विकास में सहयोग करने तथा द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने और इस क्षेत्र में नई संभावना तलाशने पर जोर दिया।

उनकी इस यात्रा को केंद्र में हाल ही में सत्तारूढ़ हुई मोदी सरकार के साथ चीन की ओर से बेहतर तालमेल बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। यी और सुषमा की मुलाकात को विदेश मंत्रालय ने सकारात्मक और उत्साहजनक करार दिया है।



पीएम मोदी से आज करेंगे यी मुलाकात


भारत के विकास पर गंभीर है चीन
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने यी और सुषमा की मुलाकात के बाद बताया कि दोनों देश व्यापार और निवेश बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर सहमत हुए हैं।

बकौल प्रवक्ता चीन के विदेश मंत्री ने कहा है कि पूरी दुनिया की तरह चीन भी भारत के विकास को गंभीरता से देख रहा है। चीन की इच्छा भारत के विकास में भागीदारी की है। यी ने द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने, इस क्षेत्र में नई संभावना तलाशने और निवेश बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा है कि इन सभी क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच बड़ी समानता है।

प्रवक्ता ने बताया कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की अगुवाई वाले प्रतिनिधिमंडल के बीच सभी मुद्दों पर सकारात्मक और गंभीर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं के बीच अंतरराष्ट्रीय और सभी महत्वपूर्ण एवं पुराने द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत हुई। इसके अलावा आतंकवाद के मसले पर भी बातचीत हुई। भारत और चीन के बीच आतंकवाद पर संयुक्त कार्यदल पहले से काम कर रहा है। चीन ने आतंकवाद पर भारत के रुख का स्वागत भी किया है।


पीएम मोदी से आज करेंगे यी मुलाकात
सुषमा स्वराज से मुलाकात के बाद सबकी नजरें सोमवार को होने वाली यी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होने वाली बैठक पर टिकी हैं। यी इस मुलाकात के दौरान अपने राष्ट्रपति के संदेश से प्रधानमंत्री को अवगत कराएंगे।

इस दौरान चीनी राष्ट्रपति के भारत आने के कार्यक्रम के साथ ही मोदी के चीन जाने की कार्यक्रम पर भी चर्चा होगी। माना जा रहा है कि इस दौरान सीमा विवाद सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मामलों पर प्रधानमंत्री मोदी अपना पक्ष यी के माध्यम से चीनी राष्ट्रपति तक पहुंचाएंगे। यी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात करेंगे।

उच्च स्तरीय वार्ता के लिए 6 माह का कैलेंडर
सुषमा और यी की बैठक में द्विपक्षीय वार्ता को साल भर जारी रखने के लिए 6 माह के कार्यक्रमों का एक कैलेंडर भी बनाया गया, जिसके तहत राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ओर विदेश मंत्री स्तर पर वार्ता होगी। हालांकि कार्यक्रमों और यात्राओं की तारीखें बाद में तय की जाएंगी।



कैलास मानसरोवर यात्रा पर भी हुई बात


कैलास मानसरोवर यात्रा पर भी हुई बात
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों देशों के बीच कैलास मानसरोवर यात्रा के वैकल्पिक मार्ग, यात्रियों की सुविधाओं तथा उनकी संख्या के बारे में भी बात हुई। इसके अलावा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों के एक विश्वकोश के बारे में भी बातचीत हुई। यह विश्वकोश जल्द ही जारी किया जाएगा जिसमें दोनों देशों के प्राचीनकाल से चले आ रहे सांस्कृतिक संबंधों का एक इतिहास होगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि बातचीत सौहार्दपूर्ण, उपयोगी और सकारात्मक थी। इसमें दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर बातचीत र्हुइ। इसके अलावा क्षेत्रीय मुद्दों पर भी दोनों नेताओं ने चर्चा की।

तिब्बतियों ने किया प्रदर्शन

चीनी विदेश मंत्री की भारत यात्रा के दौरान तिब्बती लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया कि चीनी नेता के साथ बातचीत में तिब्बत के मुद्दे को उठाया जाए। उत्तरी दिल्ली के मजनूं का टीला इलाके में विरोध प्रदर्शन हुआ, जहां बड़ी संख्या में तिब्बती लोग रहते हैं। प्रदर्शनकारियों ने चीन विरोधी नारे लगाए और पोस्टर लहराए, जिनमें मोदी से तिब्बत के मसले को उठाने की अपील की गई थी। मजनूं का टीला के साथ ही चाणक्यपुरी इलाके में भी सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जहां चीनी दूतावास है।

                                           

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