गरम पानी पीने के फायदे-
सफाई और शुद्धी- यह शरीर को अंदर से साफ करता है। अगर आपका पाचन तंत्र सही नहीं रहता है, तो आपको दिन में दो बार गरम पानी पीना चाहिये। सुबह गरम पानी पीने से शरीर के सारे विशैले तत्व बाहर निकल जाते हैं, जिससे पूरा सिस्टम साफ हो जाता है। नींबू और शहद डालने से बड़ा फायदा होता है।
कब्ज
दूर करे-
शरीर में पानी की कमी हो जाने की वजह से कब्ज की समस्या पैदा हो जाती
है। रोजाना एक ग्लास सुबह गरम पानी पीने से फूड पार्टिकल्स टूट जाएंगे और आसानी
से मल बन निकल जाएंगे। मोटापा कम करे- सुबह के समय या फिर हर भोजन के बाद एक ग्लास
गरम पानी में नींबू और शहद मिला कर पीने से चर्बी कम होती है। नींबू मे पेकटिन
फाइबर होते हैं जो बार-बार भूख लगने से रोकते हैं।
लहसुन के सेवन से शरीर में टी-सेल्स, फैगोसाइट्स, लिंफोसाइट्स
आदि प्रतिरोधी तत्व बढ़ते हैं और शरीर की प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है। इससे किसी
भी प्रकार के संक्रमण का प्रभाव शरीर को तुरंत नहीं होता।
ठंड से छुटकारे के लिए नैचुरल एंटीबायोटिक
कई शोधों में अब यह बात पूरी तरह प्रमाणित हो चुकी है कि ठंड के दिनों में लहसुन के सेवन से सर्दी नहीं लगती। ठंड के दिनों में गाजर, अदरक औरलहसुन का जूस बनाकर पीने से शरीर को एंटीबायोटिक्स मिलते हैं और ठंड कम लगती है।
दांतों के दर्द में फायदेमंद
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन लहसुन के सेवन से दांतों के दर्द में आराम मिलता है। लहसुन को लौंग के साथ पीसकर दांतों के दर्द वाले हिस्से पर लगाने से दर्द से तुरंत राहत मिलती है।
गर्भावस्था में फायदेमंद
गर्भावस्था के दौरान लहसुन का नियमित सेवन मां और शिशु, दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। यह गर्भ के भीतर शिशु के वजन को बढ़ाने में सहायक है।
ठंड से छुटकारे के लिए नैचुरल एंटीबायोटिक
कई शोधों में अब यह बात पूरी तरह प्रमाणित हो चुकी है कि ठंड के दिनों में लहसुन के सेवन से सर्दी नहीं लगती। ठंड के दिनों में गाजर, अदरक औरलहसुन का जूस बनाकर पीने से शरीर को एंटीबायोटिक्स मिलते हैं और ठंड कम लगती है।
दांतों के दर्द में फायदेमंद
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन लहसुन के सेवन से दांतों के दर्द में आराम मिलता है। लहसुन को लौंग के साथ पीसकर दांतों के दर्द वाले हिस्से पर लगाने से दर्द से तुरंत राहत मिलती है।
गर्भावस्था में फायदेमंद
गर्भावस्था के दौरान लहसुन का नियमित सेवन मां और शिशु, दोनों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। यह गर्भ के भीतर शिशु के वजन को बढ़ाने में सहायक है।
अंकुरित गेहूं खाने से होते हैं ये जबरदस्त फायदे, दूर होती है ये प्रॉब्लम्स
स्वस्थ रहने के लिए अधिकतर लोग भोजन में सलाद भी शामिल करते हैं क्योंकि माना जाता है कि खीरा, ककड़ी, टमाटर, मूली, चुकन्दर, गोभी आदि खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। लेकिन अगर पत्तेदार सब्जी व सलाद के साथ ही भोजन में अंकुरित अनाज को शामिल किया जाए तो यह बहुत फायदेमंद होता है, क्योंकि बीजों के अंकुरित होने के बाद इनमें पाया जाने वाला स्टार्च- ग्लूकोज, फ्रक्टोज एवं माल्टोज में बदल जाता है जिससे न सिर्फ इनके स्वाद में वृद्धि होती है बल्कि इनके पाचक एवं पोषक गुणों में भी वृद्धि हो जाती है। वैसे तो अंकुरित दाल व अनाज खाना लाभदायक होता है ये तो सभी जानते हैं लेकिन आज हम बताते हैं इन्हें खाने के कुछ खास फायदे जिन्हें आप शायद ही जानते होंगे....
- अंकुर उगे हुए गेहूं में विटामिन-ई भरपूर
मात्रा में होता है। शरीर की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन-ई एक आवश्यक पोषक
तत्व है। यही नहीं,
इस तरह के गेहूं के सेवन से त्वचा और बाल भी
चमकदार बने रहते हैं। किडनी,
ग्रंथियों, तंत्रिका तंत्र
की मजबूत तथा नई रक्त कोशिकाओं के निर्माण में भी इससे मदद मिलती है। अंकुरित
गेहूं में मौजूद तत्व शरीर से अतिरिक्त वसा का भी शोषण कर लेते हैं।
- अंकुरित गेहूं में उपस्थित फाइबर के कारण
इसके नियमित सेवन से पाचन क्रिया भी सुचारु रहती है। अत: जिन लोगों को पाचन संबंधी
समस्याएं हो उनके लिए भी अंकुरित गेहूं का सेवन फायदेमंद है। अंकुरित खाने में
एंटीआक्सीडेंट, विटामिन ए, बी, सी, ई पाया जाता है। इससे कैल्शियम,
फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन और जिंक
मिलता है। रेशे से भरपूर अंकुरित अनाज पाचन तंत्र को सुदृढ बनाते हैं।
- अंकुरित भोजन शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट बढ़ता
है। यह शरीर में बनने वाले विषैले तत्वों को बेअसर कर, रक्त को शुध्द
करता है। अंकुरित गेहूं के दानों को चबाकर खाने से शरीर की कोशिकाएं शुध्द होती
हैं और इससे नई कोशिकाओं के निर्माण में भी मदद मिलती है।
- अंकुरित भोज्य पदार्थ में मौजूद विटामिन और प्रोटीन होते हैं तो शरीर को फिट रखते हैं और कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- अंकुरित भोज्य पदार्थ में मौजूद विटामिन और प्रोटीन होते हैं तो शरीर को फिट रखते हैं और कैल्शियम हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- अंकुरित मूंग, चना, मसूर, मूंगफली के
दानें आदि शरीर की शक्ति बढ़ाते हैं।अंकुरित दालें थकान, प्रदूषण व बाहर
के खाने से उत्पन्न होने वाले ऐसिड्स को बेअसर कर देतीं हैं और साथ ही ये ऊर्जा के
स्तर को भी बढ़ा देती हैं।]
भोजन हमेशा धीरे धीरे, आराम से जमीन पर बैठकर करना चाहिए ताकि सीधे अमाशय में जा सके । यदि पानी पीना हो तो भोजन आधा घंटा पहले पी ले । भोजन के समय पानी न पियें । यदि प्यास लगती हो या भोजन अटकता हो तो मठ्ठा / छाछ ले सकते हैं या उस मौसम के किसी भी फल का रस पी सकते है (डिब्बा बन्ध फलों का रस गलती से भी न पियें) । पानी नहीं पीना है क्योंकि जब हम भोजन करते है तो उस भोजन को पचाने के लिए हमारी जठराग्नि में अग्नि प्रदीप्त होती है । उसी अग्नि से वह खाना पचता है । यदि हम पानी पीते है तो खाना पचाने के लिए पैदा हुई अग्नि मंद पड़ती है और खाना अच्छी तरह से नहीं पचता और वह विष बनता है । कई तरह की बीमारियां पैदा करता है । भोजन करने के एक घन्टा बाद ही पानी पिए वो भी घूंट घूंट करके ।
सुबह उठकर दो तीन गिलास पानी पिए, दिन में ३-४ लिटर पानी जरूर पिए और पानी हमेशा कुनकुना(न ज्यादा ठण्डा न गर्म) पीए और आराम से बैठ्कर घूंट भर भर के पिए
फायदे
मोटापा कम करने के लिए यह पद्धति सर्वोत्तम है । पित्त की बिमारियों को कम करने के लिए, अपच, खट्टी डकारें, पेट दर्द, कब्ज, गैस आदि बिमारियों को इस पद्धति से अच्छी तरह से ठीक किया जा सकता है ।
भोजन के अन्त में पानी विष समान है ।
भोजन हमेशा धीरे धीरे, आराम से जमीन पर बैठकर करना चाहिए ताकि सीधे अमाशय में जा सके । यदि पानी पीना हो तो भोजन आधा घंटा पहले पी ले । भोजन के समय पानी न पियें । यदि प्यास लगती हो या भोजन अटकता हो तो मठ्ठा / छाछ ले सकते हैं या उस मौसम के किसी भी फल का रस पी सकते है (डिब्बा बन्ध फलों का रस गलती से भी न पियें) । पानी नहीं पीना है क्योंकि जब हम भोजन करते है तो उस भोजन को पचाने के लिए हमारी जठराग्नि में अग्नि प्रदीप्त होती है । उसी अग्नि से वह खाना पचता है । यदि हम पानी पीते है तो खाना पचाने के लिए पैदा हुई अग्नि मंद पड़ती है और खाना अच्छी तरह से नहीं पचता और वह विष बनता है । कई तरह की बीमारियां पैदा करता है । भोजन करने के एक घन्टा बाद ही पानी पिए वो भी घूंट घूंट करके ।
सुबह उठकर दो तीन गिलास पानी पिए, दिन में ३-४ लिटर पानी जरूर पिए और पानी हमेशा कुनकुना(न ज्यादा ठण्डा न गर्म) पीए और आराम से बैठ्कर घूंट भर भर के पिए
फायदे
मोटापा कम करने के लिए यह पद्धति सर्वोत्तम है । पित्त की बिमारियों को कम करने के लिए, अपच, खट्टी डकारें, पेट दर्द, कब्ज, गैस आदि बिमारियों को इस पद्धति से अच्छी तरह से ठीक किया जा सकता है ।
मूंगफली सेहत का खजाना है साथ ही यह वनस्पतिक
प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत भी हैं। इसमें प्रोटीन की मात्रा मांस की तुलना में १.३
गुना,
अण्डो से २.५
गुना एवं फलो से ८ गुना अधिक होती हैं। क्या आप जानते हैं कि 100 ग्राम कच्ची मूंगफली में 1 लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है। मूँगफली
में प्रोटीन की मात्रा 25
प्रतिशत से भी
अधिक होती है। साथ ही मूंगफली पाचन शक्ति बढ़ाने में भी कारगर है। 250 ग्राम भूनी मूंगफली में जितनी मात्रा में
खनिज और विटामिन पाए जाते हैं, वो 250
ग्राम मांस से
भी प्राप्त नहीं हो सकता है।
आइये जानते हैं मूंगफली के स्वास्थ्यलाभ-
1. मूंगफली में न्यूट्रिएंट्स , मिनरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन जैसे पदार्थ पाए जाते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिये बहुत ही लाभप्रद साबित होते हैं ।
2. इसमें ऐसे फैटी एसिड पाए जाते हैं जो कि एलडीएल या खराब कोलस्ट्रॉल को कम कर के अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढाते हैं।
3. मूंगफली में प्रोटीन, चिकनाई और शर्करा पाई जाती है। एक अंडे के मूल्य के बराबर मूंगफलियों में जितनी प्रोटीन व ऊष्मा होती है, उतनी दूध व अंडे से संयुक्त रूप में भी नहीं होती।
4. इसकी प्रोटीन दूध से मिलती-जुलती है, चिकनाई घी से मिलती है। मूँगफली के खाने से दूध, बादाम और घी की पूर्ति हो जाती है।
5. एक स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों के रक्त में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल अधिक होता है, वे अगर मूंगफली खाएं, तो उनके ब्लड के लिपिड लेवल में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल 10.2 फीसदी कम हो जाता है।
6. अगर आप सर्दी के मौसम में मूंगफली खाएंगे तो आपका शरीर गर्म रहेगा। यह खाँसी में उपयोगी है व फेफड़े को बल देती है।
7. भोजन के बाद यदि 50 या 100 ग्राम मूंगफली प्रतिदिन खाई जाए तो सेहत बनती है, भोजन पचता है, शरीर में खून की कमी पूरी होती है और मोटापा बढ़ता है।
8. इसे भोजन के साथ सब्जी, खीर, खिचड़ी आदि में डालकर नित्य खाना चाहिए। मूंगफली में तेल का अंश होने से यह वायु की बीमारियों को भी नष्ट करती है।
9. मुट्ठी भर भुनी मूंगफलियां निश्चय ही पोषक तत्वों की दृष्टि से लाभकारी हैं। मूंगफली में प्रोटीन, केलोरिज और विटामिन के, इ, तथा बी होते हैं, ये अच्छा पोषण प्रदान करते हैं।
10. मूंगफली पाचन शक्ति को बढ़ाती है, रुचिकर होती है, लेकिन गरम प्रकृति के व्यक्तियों को हानिकारक भी है। मूंगफली ज्यादा खाने से पित्त बढ़ता है अतः सावधानी रखें।
आइये जानते हैं मूंगफली के स्वास्थ्यलाभ-
1. मूंगफली में न्यूट्रिएंट्स , मिनरल, एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन जैसे पदार्थ पाए जाते हैं, जो कि स्वास्थ्य के लिये बहुत ही लाभप्रद साबित होते हैं ।
2. इसमें ऐसे फैटी एसिड पाए जाते हैं जो कि एलडीएल या खराब कोलस्ट्रॉल को कम कर के अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढाते हैं।
3. मूंगफली में प्रोटीन, चिकनाई और शर्करा पाई जाती है। एक अंडे के मूल्य के बराबर मूंगफलियों में जितनी प्रोटीन व ऊष्मा होती है, उतनी दूध व अंडे से संयुक्त रूप में भी नहीं होती।
4. इसकी प्रोटीन दूध से मिलती-जुलती है, चिकनाई घी से मिलती है। मूँगफली के खाने से दूध, बादाम और घी की पूर्ति हो जाती है।
5. एक स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों के रक्त में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल अधिक होता है, वे अगर मूंगफली खाएं, तो उनके ब्लड के लिपिड लेवल में ट्राइग्लाइसेराइड का लेवल 10.2 फीसदी कम हो जाता है।
6. अगर आप सर्दी के मौसम में मूंगफली खाएंगे तो आपका शरीर गर्म रहेगा। यह खाँसी में उपयोगी है व फेफड़े को बल देती है।
7. भोजन के बाद यदि 50 या 100 ग्राम मूंगफली प्रतिदिन खाई जाए तो सेहत बनती है, भोजन पचता है, शरीर में खून की कमी पूरी होती है और मोटापा बढ़ता है।
8. इसे भोजन के साथ सब्जी, खीर, खिचड़ी आदि में डालकर नित्य खाना चाहिए। मूंगफली में तेल का अंश होने से यह वायु की बीमारियों को भी नष्ट करती है।
9. मुट्ठी भर भुनी मूंगफलियां निश्चय ही पोषक तत्वों की दृष्टि से लाभकारी हैं। मूंगफली में प्रोटीन, केलोरिज और विटामिन के, इ, तथा बी होते हैं, ये अच्छा पोषण प्रदान करते हैं।
10. मूंगफली पाचन शक्ति को बढ़ाती है, रुचिकर होती है, लेकिन गरम प्रकृति के व्यक्तियों को हानिकारक भी है। मूंगफली ज्यादा खाने से पित्त बढ़ता है अतः सावधानी रखें।
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