टाइम्स
ऑफ इंडिया का एक सर्वे आया है. सर्वे सिर्फ 8 बडे बड़े
शहरों
में लिया गया है. इस सर्वे में सिर्फ 2015 लोगों की राय
ली
गई है. ये शहर हैं दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बैगलोर,
हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद है. इन
शहरों में करीब 33
लोकसभा
सीटें हैं. मतलब यह कि हर लोकसभा सीट के
सिर्फ 61 लोगों से राय ली गई. जबकि
इन सीटों में पर
औसतन 20 लाख वोटर हैं. वैसे भी ये
सैम्पल साइज
बहुत
छोटा है. इसलिए इसकी विश्वसनीयता पर सवाल
उठता
है.
समझने वाली बात यह है कि इन 33 सीटों में सिर्फ 3 सीटें
समझने वाली बात यह है कि इन 33 सीटों में सिर्फ 3 सीटें
बीजेपी
के पास है. दो अहमदाबाद और एक बैंगलुरू साउथ
की
सीट... इसके अलावा बाकी सभी 30 सीटें दूसरी पार्टियों
के
पास हैं जो बीजेपी के एनडीए में भी नहीं है. जबकि इन
गैर
बीजेपी सीटों में भी मोदी को 58%, केजरीवाल को 25%
और
राहुल को 14% प्रधानमंत्री का दावेदार मानते
हैं.
अब जरा इस सर्वे को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया के निश्कर्ष
अब जरा इस सर्वे को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया के निश्कर्ष
को
देखें तब समझ में आता है कि इस सर्वे को बड़ी चालाकी
से
किया गया है. यह भ्रम फैलाने वाला सर्वे है. इसमें बीजेपी
को
नुकसान बताया जा रहा है जबकि इस भ्रामक सर्वे के
मुताबिक
नुकसान दूसरी पार्टियों को होना चाहिए.. क्योंकि
जहां
बीजेपी के सांसद ही नहीं हैं वहां बीजेपी को कैसे
नुकसान
हो सकता है.. और जो आम आदमी पार्टी को
100 सीटें वाली बात बताई जा रही
है वो भी भ्रामक है..
यह
कोई सर्वे का निष्कर्ष नहीं है बल्कि 2015 लोगों की
राय
है कि देश भर में आम आदमी पार्टी कितना सीट जीतेगी...
जब से आम आदमी पार्टी राजनीति में कूदी है..
जब से आम आदमी पार्टी राजनीति में कूदी है..
सर्वे
चुनाव प्रोपागंडा का एक सटीक हथियार बनकर उभरा है..
कौन
किस तरह से कहां और किस उद्देश्य से सर्वे कर रहा है
उसका
पता करना बड़ा मुश्किल है.. लेकिन देश की मीडिया ..
मूर्खता
के चरम पर है.. बिना सोचे समझे और विश्लेषण किए ..
दनादन
भ्रामक खबरों को दिखाने में जुट जाती है..
और
प्रोपागंडा का हिस्सा बन जाती है..
इसलिए
मेरा निवेदन है कि आप इन सर्वे को देखें..
तथ्य
को समझें और इन सर्वे के उपर अपनी राय
कतई
नहीं बनाएं.
No comments:
Post a Comment