Friday, 7 November 2014

कब सपने सच होते हैं

कब होंगे आपके सपने सच


जानिए कब सपने दस दिनों के अंदर सच होते हैं

स्वप्न हमारी दबी हुई इच्छाओं का संकेत तो है ही। लेकिन शास्त्रों की सुने और मानें तो उनके अनुसार सपनों का संबंध सीधे आत्मा से भी है। कहते हैं कि आत्मचेतना उस समय देश और काल की सीमाओं से परे उठ कर भविष्य का संकेत भी करते हैं।

मान्यता है कि सूर्योदय से 72 मिनट पहले जो स्वप्न दिखाई देती वह दस दिन के अंदर होने वाली घटनाओं का आभास कराते हैं।

रात्रि के प्रथम प्रहर का स्वप्न एक वर्ष में, द्वितीय प्रहर का छः माह में, तृतीय प्रहर का स्वप्न तीन माह में और चतुर्थ प्रहर का स्वप्न एक माह में सही हो सकता है।




स्वप्न देखते हुए यदि एकाएक नींद टूट जाए और फिर नींद नहीं आए तो वह स्वप्न जरूर घटित होगा किन्तु यदि पुनः सो जाएं तो वह फलहीन हो जाएगा यदि बहुत अशुभ हो तो उसे अपने इष्ट मित्रों को जरूर बताएं इससे उसकी अशुभता कम हो जाती है, शुभ स्वप्न को गुप्त रखें तो अच्छा रहता है।

अधिकतर लोग जब विपत्ति में पड़ते हैं तो सपने में देखते हैं कि वह भाग नहीं पा रहे हैं, यह संकेत है कि कठिन चुनौतियां आने वाली हैं।

कुछ लोग अपने आपको हवा में उड़ते हुए देखते हैं यह आपकी तत्कालीन योजनाओं की सफलता का सूचक है नौकरी में हैं तो पदोन्नति का संकेत है। किन्तु उड़ते समय किसी पेड़ या बिजली के खंभों से टकराएं तो यह कड़े संघर्ष के बाद सफलता का सूचक है।



मृत्यु देखना, लाश देखना, पाखाना देखना, सांप के द्वारा डंसे जाना, सिंह देखना, हाथी-घोड़े के द्वारा पीछा किया जाना, स्वेत सर्प देखना इस तरह के स्वप्न विजयकारक माने गए हैं।

कुत्ता काटे, नग्न शरीर दिखे, ऊंचाई से गिर रहे हों, भैसें का झुण्ड देखना, सवारी करना दलदल में फंसना आदि अशुभ अथवा मानहानि कारक कहे गए है।

देवी देवताओं को देखना, तीर्थ यात्रा करना, दानपुण्य करना, दांत टूटना, नाखून काटना, मिठाई खाना, बाग-बगीचा देखना हराभरा मैदान देखना गुलदस्ता मिलना, टोपी या पगड़ी पहना, अतिशुभ सूचक संकेत हैं। अच्छे स्वप्नों को छुपाकर रखें और बुरे स्वप्नों को सबको बताएं अधिक बुरा स्वप्न हो तो पुनः सो जाएं।





No comments:

Post a Comment