Saturday 29 March 2014

मुजफ्फरनगर दंगों के लिए यूपी सरकार ही जिम्मेदार: सुप्रीम कोर्ट


Photo: ^ मुजफ्फरनगर दंगों के लिए यूपी सरकार ही जिम्मेदार: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली- मुजफ्फरनगर दंगों पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उत्तर प्रदेश सरकार पर दंगों को रोकने में नाकाम रहने की बात कहते हुए कोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ और एसआइटी जांच कराने से भी मना कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने समय से जरूरी कदम नहीं उठाए। यही नहीं, खुफिया तंत्र ने भी सूचना नहीं दी थी। कोर्ट ने कहा कि मुजफ्फरनगर में हालात बिगड़ने के लिए प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है।

गौरतलब है कि वर्ष २०१३  में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुए दंगे में ६५  लोग मारे गए थे। जिसपर प्रदेश सरकार ने मृतक आश्रितों को दस लाख रुपये, केंद्र सरकार ने दो लाख रुपये का एलान किया था। बाद में प्रदेश सरकार ने मृतक आश्रितों को दी जाने वाली सहायता राशि में तीन लाख रुपये का इजाफा करने की घोषणा की थी।

दंगों पर उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये पर पीड़ितों की वकील कामिनी जायसवाल ने दलील दी थी कि यूपी पुलिस मामले की सही तरीके से जांच नहीं कर रही है, लिहाजा सीबीआइ को पूरे मामले की जांच का आदेश दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोपियों के बच निकलने की संभावना जताई थी।

स्त्रोत : जागरण 

http://www.hindujagruti.org/hindi/news/5368.html

मुजफ्फरनगर दंगों पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए सीधे तौर पर उत्तर प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उत्तर प्रदेश सरकार पर दंगों को रोकने मे नाकाम रहने की बात कहते हुए कोर्ट ने इस मामले में सीबीआइ और एसआइटी जांच कराने से भी मना कर दिया।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार ने समय से जरूरी कदम नहीं उठाए। यही नहीं, खुफिया तंत्र ने भी सूचना नहीं दी थी। कोर्ट ने कहा कि मुजफ्फरनगर में हालात बिगड़ने के लिए प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है।
गौरतलब है कि वर्ष २०१३ में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में हुए दंगे में ६५ लोग मारे गए थे। जिसपर प्रदेश सरकार ने मृतक आश्रितों को दस लाख रुपये, केंद्र सरकार ने दो लाख रुपये का एलान किया था। बाद में प्रदेश सरकार ने मृतक आश्रितों को दी जाने वाली सहायता राशि में तीन लाख रुपये का इजाफा करने की घोषणा की थी।
दंगों पर उत्तर प्रदेश सरकार के रवैये पर पीड़ितों की वकील कामिनी जायसवाल ने दलील दी थी कि यूपी पुलिस मामले की सही तरीके से जांच नहीं कर रही है, लिहाजा सीबीआइ को पूरे मामले की जांच का आदेश दिया जाना चाहिए। उन्होंने आरोपियों के बच निकलने की संभावना जताई थी।

स्त्रोत : जागरण 

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