Monday, 12 January 2015

उपयोगी बातें

उपयोगी बातें (बडे काम की जानकारी .. )

-आरती के समय कपूर जलाने का विधान है। घर में नित्य कपूर जलाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता हैशरीर पर बीमारियों का आक्रमण आसानी से नहीं होतादुःस्वप्न नहीं आते और देवदोष तथा पितृदोषों का शमन होता है।


-कपूर मसलकर घर में (खासकर कर ध्यान-भजन की जगह पर) थोड़ा छिड़काल कर देना भी हितावह है।


-दीपज्योति अपने से पूर्व या उत्तर की ओर प्रगटानी चाहिए। ज्योति की संख्या 1,3,5 या होनी चाहिए।


-दिन में नौ बार की हुई किसी भी वक्तवाली प्रार्थना अंतर्यामी तक पहुँच ही जाती है।


-सूर्य से आरोग्य कीअग्नि से श्री कीशिव से ज्ञान कीविष्णु से मोक्ष कीदुर्गा आदि से रक्षा कीभैरव आदि से कठिनाइयों से पार पाने कीसरस्वती से विद्या के तत्त्व कीलक्ष्मी से ऐश्वर्य-वृद्धि कीपार्वती से सौभाग्य कीशची से मंगलवृद्धि कीस्कंद से संतानवृद्धि की और गणेश से सभी वस्तुओं की इच्छा (याचना) करनी चाहिए। (लौगाक्षि स्मृति)


-उत्तरायण देवताओं का प्रभातकाल है। इस दिन तिल के उबटन व तिलमिश्रित जल से स्नानतिलमिश्रित जल का पानतिल का हवनतिल का भोजन तथा तिल का दान – ये सभी पापनाशक प्रयोग हैं।


-धनतेरस के दिन दीपक का दान करने से अकाल मृत्यु नहीं होती। पक्षियों को दाना डालने वाले को मृत्यु के पहले जानकारी हो जाती है।


-महर्षि पुष्कर कहते हैं- 'परशुरामजी ! प्रणव परब्रह्म है। उसका जप सभी पापों का हनन करने वाला है। नाभिपर्यन्त जल में स्थित होकर ॐकार का सौ बार जप करके अभिमंत्रित किये गये जल को जो पीता हैवह सब पापों से मुक्त हो जाता है।'
(अग्नि पुराणः अ. 251)


-जो जलाशय में स्नान नहीं कर सकते वे कटोरी में जल लेकर घर पर ही यह प्रयोग कर सकते हैं।


-बाल तथा नाखून काटने के लिए बुधवार और शुक्रवार के दिन योग्य माने जाते हैं। एकादशीचतुर्दशीअमावस्यापूर्णिमासूर्य-संक्रान्तिशनिवारमंगलवारगुरुवारव्रत तथा श्राद्ध के दिन बाल एवं नाखून नहीं काटने चाहिएन ही दाढ़ी बनवानी चाहिए।


-तुम चाहे जितनी मेहनत करो परंतु तुम्हारी नसों में जितना अधिक ओज होगाजितनी ब्रह्मचर्य की शक्ति होगी उतना ही तुम सफल होओगे।


-प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्योदय के बाद नीम व तुलसी के पाँच-पाँच पत्ते चबाकर ऊपर से थोड़ा पानी पीने से प्लेग तथा कैंसर जैसे खतरनाक रोगों से बचा जा सकता है।


-सुबह खाली पेट चुटकी भर साबुत चावल (अर्थात् चावल के दाने टूटे हुए न हों) ताजे पानी के साथ निगलने से यकृत (लीवर) की तकलीफें दूर होती हैं।


-केले को सुबह खाने से उसकी कीमत ताँबे जैसीदोपहर को खाने से चाँदी जैसे और शाम खाने से सोने जैसी होती है। शारीरिक श्रम न करने वालों को केला नहीं खाना चाहिए। केला सुबह खाली पेट भी नहीं खाना चाहिए। भोजन के बाद दो केला खाने से पतला शरीर मोटा होने लगता है।


-जलनेति करने से आँखनाककान और गले की लगभग 1500 प्रकार की छोटी-बड़ी बीमारियाँ दूर होती हैं।


-रोज थोड़ा-सा अजवायन खिलाने से प्रसूता की भूख खुलती हैआहार पचता हैअपान वायु छूटती हैकमरदर्द दूर होता है और गर्भाशय की शुद्धि होती है।


-रात का शंख में रखा हुआ पानी तोतले व्यक्ति को पिलाने से उसका तोतलापन दूर होने में आशातीत सफलता मिलती है। चार सूखी द्राक्ष रात को पानी में भिगोकर रख दें। उसे सबेरे खाने से अदभुत शक्ति मिलती है।


-पश्चिम दिशा की हवाशाम के समय की धूप स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।


-बालकों की निर्भयता के लिए गाय की पूँछ का उतारा करें।


-ग्रीष्मकाल में एक प्याज को (ऊपर का मरा छिलका हटाकर) अपनी जेब में रखने मात्र से लू नहीं लगती।


-क्रोध आये उस वक्त अपना विकृत चेहरा आईने में देखने से भी लज्जावश क्रोध भाग जायेगा।


-लम्बी यात्रा शुरू करते समय बायाँ स्वर चलता हो तो शुभ हैसफलतापूर्वक यात्रा पूरी होगी व विघ्न नहीं आयेगा। छोटी मुसाफिरी के लिए दायाँ स्वर चलता हो तो शुभ माना जाता है।


-व्रत-उपवास में औषधि ले सकते हैं।


-सात्त्विकता और स्वास्थ्य चाहने वाले एक दूसरे से हाथ मिलाने की आदत से बचें। अभिवादन हेतु दोनों हाथ जोड़कर प्रणाम करना उत्तम है।


-बेटी की विदाई बुधवार के दिन न करें। अन्य दिनों में विदाई करते समय एक लोटा पानी में हल्दी मिलाकर लोटे से सिर का उतारा देकर भगवन्नाम लेते हुए घर में छाँटे। इससे बेटी सुखी और खुशहाल रहेगी।


-सदगुरु के सामनेआश्रम मेंमंदिर मेंबीमार व्यक्ति के सामने तथा श्मशान में सांसारिक बातें नहीं करनी चाहिए।

जय जय श्री सीता राम ....

जय हिन्द ....

वंदे भारत मातरम ...



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