अभी कुछ दिन पहले ही ......
हमारे हिन्दुस्थान में आमिर खान नामक एक ""सांस्कृतिक
जेहादी"" द्वारा अभिनीत एक फिल्म में ""हिन्दू
आस्थाओं"" का जमकर मजाक उड़ाया गया है...
जबकि, तथाकथित धर्म निरपेक्षतावादी इसे ""अभिव्यक्ति की
स्वतंत्रता'' कह कर सही ठहरा रहे हैं...!
लेकिन, शायद ये हर किसी को याद ही होगा कि.... पूरे विश्व में
""Innocence of Muslim"" नामक इस्लाम पर बनी अमेरिकी फिल्म का मुस्लिमों द्वारा पूरे जोर-शोर से विरोध किया गया था...!
और, मुल्लों की मूर्खता का तो ये आलम था कि.... ये उस "अमेरिकी फिल्म"
का विरोध प्रदर्शन ... हमारे हिन्दुस्थान में भी कर रहे थे.... (जबकि हमारी
मुस्लिम सरपरस्त सरकार आनन्-फानन में इस फिल्म को हिन्दुस्थान में पहले ही बैन कर
चुकी थी ...... इस पर, यहाँ ध्यान देने की बात है कि..... आमिर खान नामक एक
""सांस्कृतिक जेहादी"" द्वारा अभिनीत एक फिल्म में
""हिन्दू आस्थाओं"" के मजाक उड़ाने वाले फिल्म को वही लोग
""अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता'' कह कर सही ठहरा रहे हैं...!)
खैर.... आगे बढ़ते हैं......
क्या आप जानते हैं... अथवा, सचमुच में जानना चाहते हैं कि...... आखिर मुल्लों द्वारा .... इस्लाम पर बनी
किसी भी फिल्म का पुरजोर तरीके से विरोध क्यों किया जाता है .....?????
दरअसल.... इस्लाम पर बनी किसी
भी फिल्म का मुस्लिमों द्वारा विरोध का कारण..... बुतपरस्ती का विरोध बताया जाता
है ..... जो कि बिल्कुल गलत है...!
हकीकतन .... इस्लाम पर बनी किसी
भी फिल्म में .... दुनिया में आतंकवाद का कारण इस्लाम ...... और... इस्लाम के जनक
तथा अल्लाह के तथाकथित भूत... सॉरी दूत.... मुहम्मद को ही बताया जाएगा ....जो कि
एक कटु सत्य है...!
वैसे, आपने एक बात और भी गौर कि होगी कि.... पूरी दुनिया में ... भगवान् राम , कृष्ण तथा अन्य भगवानों का रामलीला इत्यादि के माध्यम से उनका बारम्बार चरित्र
चित्रण किया जाता है..... और समाज में उन्हें आदर्श के रूप में प्रस्तुत किया जाता
है.....!
परन्तु... मुस्लिम भूल कर भी
अल्लाह के उस तथाकथित रसूल ""मुहम्मद" का चरित्र चित्रण नहीं करते
हैं.... और, यदि कोई ऐसा कोशिश भी करता है तो...... जी जान से उसका
विरोध करते हैं.....!
जबकि... इसका बुत पूजा से कोई
लेना-देना नहीं है....... बल्कि असली कारण ये है कि........ उस अल्लाह के तथाकथित
भूत ""मुहम्मद"" ने .... अपनी जिंदगी में कोई ऐसा नेक काम किया
नहीं था ... जिसका चरित्र चित्रण किया जा सके.....!
अगर... मुहम्मद के चरित्र
चित्रण किया जाएगा तो..... उसे ""एक दुर्दांत लुटेरा, बलात्कारी और आतंकवादी के तौर ही प्रस्तुत"" करना होगा.... जो कि
वास्तव में वो था...!
साथ ही जब भी मुहम्मद का चरित्र
चित्रण किया जायेगा..... आयशा प्रकरण भी अवश्य आएगा..... जिसमे कि मुहम्मद ने लूट
के दौरान ...52 साल की उम्र में ... 9 साल की मासूम बच्ची ""आयशा का सार्वजानिक रूप से बलात्कार
किया"" था..... और , बाद में उस से शादी कर ली...!
इतना ही नहीं...... मुहम्मद ने
अपनी ""सगी बेटी फातिमा को भी नहीं छोड़ा"" था..... और घर में
अकेला पा कर उसका भी बलात्कार कर लिया था...!
साथ ही उन्हें प्रदर्शित करनी
होगी.... कि.... किस तरह मुहम्मद ने हिन्दुओं ने पवित्र ""शिव
मंदिर"" को अपने चन्द लुटेरे साथियों की मदद से लूटा और उसे ध्वस्त
करके..... वहां मुस्लिमों का ""काबा" बना दिया...!
अब.... इन सब महत्वपूर्ण
प्रकरणों को शामिल किये बिना.... मुहम्मद नामक उस महान{?} शख्सियत का चरित्र चित्रण नितांत असंभव है....!
और यही कारण है कि..... मुस्लिम
...... मुहम्मद के किसी भी चरित्र चित्रण का पुरजोर और जी जान लगा कर विरोध करते
हैं...... ताकि.... कोई भी इस्लाम और अल्लाह के उस तथाकथित भूत की "असली
कहानी को ना जान पाए".....!
लेकिन......... अब बीडी से बीडी
जल चुकी है....... तथा , आग से आग लग चुकी है......
अब ""इस्लाम नामक
सामाजिक जहर"" का नेस्तनाबूत हो जाना "महज वक्त की बात"
है..... क्योंकि पूरी दुनिया इस्लाम की हकीकत समझ चुकी है...!
और जहाँ तक बात गई हिन्दू
आस्थाओं के साथ खिलवाड़ की तो......
हिन्दू सनातन धर्म .... किसी
पीर-फ़कीर अथवा साधु-संत द्वारा प्रतिपादित नहीं है...... बल्कि, इसकी गहरी जड़ें ""प्रकृति और ब्रह्माण्ड"" से जुडी हुई है
..... इसीलिए, ये सनातन है .... और, किसी एक दो भगवान अथवा परंपरा
को झुठला देने के बाद भी.... हमारे सनातन धर्म का बाल भी बांका नहीं होने वाला
है....!
जबकि.... इस्लाम अथवा ईसाइयत
में .... यदि कुरान अथवा मुहम्मद ...... या फिर, बाइबिल अथवा ईसा मसीह को गलत
साबित कर दिया गया तो...... इस्लाम और ईसाइयत के नामोनिशान मिट जाएंगे...!
वैसे भी ... आमिर सरीखे
""सांस्कृतिक जेहादियों"" को ये बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए
कि.......
जो सनातन नहीं मिटा, कंस की ललकार से ...!
जो सनातन नहीं मिटा... रावण की
हुंकार से ...!!
जो सनातन नहीं मिटा ... उस साली
सेक्यूलर सरकार से...!
वो सनातन क्या मिटेगा.... आमिर
जैसे भांडों के "भोकाल" से....?????
जय महाकाल...!!!
नोट : याद रखें कि...
गरीब की लुगाई , सबकी भौजाई ...!
इसीलिए.... सहनशील नहीं, आक्रामक बनें...!
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