Thursday 26 February 2015

ट्रेन के टिकट नंबर में है इसकी पूरी कुंडली

पहला डिजिट

यूं तो हर कोई अक्सर ट्रेन से कहीं न कहीं आता-जाता है, लेकिन वह ट्रेन के टिकट पर लिखे ट्रेन नंबर को सिर्फ एक मामूली नंबर ही मानता है। आपको बता दें कि सिर्फ ये नंबर देखकर ही आप जान सकते हैं कि वह ट्रेन कहां जा रही है या कहां से आ रही है।

इतना ही नहीं, ट्रेन नंबर देखकर ही यह बताया जा सकता है कि जिस ट्रेन में आप यात्रा कर रहे हैं वह किस तरह की ट्रेन है, जैसे कि वह दूरंतो है, राजधानी है, शताब्दी है या फिर अन्य किसी तरह की ट्रेन है। आइए जानते हैं सिर्फ नंबर देखकर कैसे पढ़ सकते हैं पूरी कुंडली। ट्रेन टिकट 5 डिजिट का होता है, जो 0 से लेकर 9 तक हो सकते हैं।

पहला डिजिट

अगर पहला डिजिट 0 है तो इसका मतलब है कि वह ट्रेन कोई स्पेशल ट्रेन है, जैसे समर स्पेशल, हॉलीडे स्पेशल या कोई अन्य स्पेशल तरह की ट्रेन।

अगर पहला डिजिट 1 है तो यह लंबी दूरी की ट्रेन होने का संकेत देता है। इनता ही नहीं, इससे यह भी साफ होता है कि यह ट्रेन राजधानी, शताब्दी, जन साधारण, संपर्क क्रांति, गरीब रथ या दूरंतो है।

टिकट पर पहला डिजिट 2 होना भी लंबी दूरी की ट्रेन की ओर इशारा करता है। इसका उपयोग तब किया जाता है जब 1 से शुरू होने वाले ट्रेन नंबर की सीरीज खत्म हो जाती है।

पहला डिजिट 8 है आरक्षित

ट्रेन नंबर का पहला डिजिट 3 कोलकाता सब अरबन ट्रेन के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

ट्रेन नंबर का पहला डिजिट 4 उन सब अरबन ट्रेनों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो चेन्नई, नई दिल्ली, सिकंदराबाद और अन्य मेट्रोपॉलिटिन शहरों में चलती हैं।

पहला डिजिट 5 होने का मतलब है कि वह एक सवारी गाड़ी है।
पहला डिजिट 6 होने पर यह मेमू ट्रेन को दर्शाता है।
वहीं दूसरी ओर 7 डेमू ट्रेन को दिखाता है।
पहला डिजिट 8 होना अभी आरक्षित रखा गया है।
पहला डिजिट 9 होना मुंबई एरिया में सब अरबन ट्रेन को दिखाता है।



0,1 2 से शुरू होने वाले टिकट नंबर के अन्य चार डिजिट रेलवे जोन और डिवीजन को दर्शाते हैं। आइए जानते हैं ऐसी स्थिति में दूसरे डिजिट का क्या होता है मतलब।

0- कोंकण रेलवे।
1- सेंट्रल रेलवे, वेस्ट-सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे।
2- सुपरफास्ट, शताब्दी, जन शताब्दी तो दर्शाता है। इन ट्रेन के अगले डिजिट जोन कोड को दर्शाते हैं।
3- ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट सेंट्रल रेलवे।
4- नॉर्थ रेलवे, नॉर्थ सेंट्रल रेलवे, नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे।

5- नेशनल ईस्टर्न रेलवे, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे।
6- साउथर्न रेलवे और साउथर्न वेस्टर्न रेलवे।
7- साउथर्न सेंट्रल रेलवे और साउथर्न वेस्टर्न रेलवे।
8- साउथर्न ईस्टर्न रेलवे और ईस्ट कोस्टल रेलवे।
9- वेस्टर्न रेलवे, नार्थ वेस्टर्न रेलवे और वेस्टर्न सेंट्रल रेलवे।



3 से शुरू होने वाली ट्रेन (कोलकाता सब अरबन ट्रेन) के नंबरों को दो सेट होते हैं जो जोन पर निर्भर करते हैं। जैसे
30XXX-37XXX- पूर्वी रेलवे की तरफ से चलाई जाने वाली ट्रेनें।
38XXX-39XXX- दक्षिणी पूर्वी रेलवे की तरफ से चलाई जाने वाली ट्रेनें।

4 से शुरू होने वाले ट्रेन नंबर मुंबई और कोलकाता को छोड़कर अन्य मेट्रो पॉलिटिन शहरों जैसे चेन्नई, नई दिल्ली और सिकंदराबाद के लिए होते हैं। इसमें भी नंबरों के अलग-अलग सेट होते हैं। जैसे-
40XXX-44XXX- चेन्नई की सब अरबन ट्रेनें
45XXX-46XXX- दिल्ली की सब अरबन ट्रेनें
47XXX- सिकंदराबाद की सब अरबन ट्रेनें
48XXX-49XXX- आरक्षित

इसके अलावा जिस ट्रेन का पहला डिजिट 5,6,7 में से एक होता है उनका दूसरा डिजिट जोन को दर्शाता है और बाकी डिजिट उनके डिविजन कोड को दर्शाते हैं।




9- इसका इस्तेमाल मुंबई सब अरबन ट्रेनों के लिए किया जाता है, जिसमें इन नंबरों का इस्तेमाल किया जाता है।

90XXX- पश्चिमी रेलवे की लोकल जो विरार से चलती हैं।
91XXX- पश्चिमी रेलवे की लोकल जो वसई रोड या भयंदर से चलती हैं।
92XXX- पश्चिमी रेलवे की लोकल जो बोरीवली से चलती हैं।
93XXX- पश्चिमी रेलवे की लोकल जो मलाड या गोरेगांव से चलती हैं।
94XXX- पश्चिमी रेलवे की लोकल जो अंधेरी या बैंड्रा या मुंबई सेंट्रल से चलती हैं।

95XXX- केंद्रीय रेलवे की तेज चलने वाली लोकल गाड़ियां।
96XXX- केंद्रीय रेलवे लोकल जो उत्तरी कल्याण जाती हैं।
97XXX- केंद्रीय रेलवे लोकल जो हार्बर लाइन पर चलती हैं।
98XXX- केंद्रीय रेलवे लोकल जो ट्रांस हार्बर लाइन पर चलती हैं।
99XXX- केंद्रीय रेलवे लोकल जो दक्षिणी कल्याण जाती हैं।

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