आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार
को अपने बीस लोकसभा उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है। इसके मुताबिक, हाल ही पार्टी में शामिल हुए
आशुतोष दिल्ली की चांदनी चौक सीट से कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव
लड़ेंगे। वहीं, अमेठी से कुमार विश्वास कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल
गांधी के खिलाफ मैदान में होंगे। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा
पाटकर भी लोकसभा चुनाव लड़ेंगी। पार्टी ने केंद्रीय मंत्री अजित सिंह और बीजेपी
नेता नितिन गड़करी के खिलाफ उतरने वाले पार्टी उम्मीदवारों के नामों का एलान किया।
'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल के
घर हुई पीएसी की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। हालांकि, बैठक में अरविंद केजरीवाल के
लोकसभा चुनाव लड़ने पर अंतिम फैसला नहीं हो पाया।
ये हैं 'आप' के बीस चेहरे
1- महाबल मिश्रा के खिलाफ वेस्ट दिल्ली से जनरैल सिंह
2- मुलायम सिंह यादव के खिलाफ मैनपुरी से बाबा हरदेव
3-अजहरुद्दीन के खिलाफ मुरादाबाद
से खालिद परवेज
4-अजित सिंह के खिलाफ बागपत से
सोमेंद्र ढाका
5-राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी से
कुमार विश्वास
6-कपिल सिब्बल के खिलाफ
चांदनी चौक से आशुतोष
7- नितिन गडकरी के खिलाफ नागपुर से
अंजलि दमानिया
8-सलमान खुर्शीद के खिलाफ
फर्रुखाबाद से पत्रकार मुकुल त्रिपाठी
9-सुरेश कलमाड़ी के खिलाफ पुणे से
सुभाष वारे
10- मनीष तिवारी के खिलाफ लुधियाना
से एच एस फुल्का
11- सहारनपुर से योगेश दहिया
12- अजय यादव के खिलाफ खंडवा से
आलोक अग्रवाल
13- दक्षिण मुंबई से मीरा सान्याल
14- उत्तर-पूर्वी मुंबई से मेधा
पाटकर
15- लाल गंज से जिया लाल
16-नासिक से विजय पंधारे
17- गुरुदास कामत के खिलाफ उत्तर
पश्चिम मुंबई से मयंक गांधी
18- गुड़गांव से योगेंद्र यादव
19-जगदीश राणा के खिलाफ सहारनपुर
से योगेश दहिया
20- बरगल (ओडिशा) सीट से लिंगराज
शीला का चुनाव लड़ने से तौबा, मनीष सिसौदिया हो सकते हैं सीएम उम्मीदवार
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री
शीला दीक्षित ने कहा है कि वे अब कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगी। शीला दीक्षित के इस
फैसले से उन अटकलों पर विराम लग गया है, जिसमें उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की बात कही जा रही थी।
वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र
मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं।
हालांकि इस बारे में अभी फैसला होना बाकी है। यदि केजरीवाल लोकसभा चुनाव लड़ते हैं, तो ऐसे में पार्टी मनीष
सिसौदिया को दिल्ली में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना सकती है।
शीला को बुरी तरह मिली थी मात
इस बार हुए दिल्ली
विधानसभा चुनाव की नई दिल्ली सीट से शीला दीक्षित के सामने 'आप' से अरविंद केजरीवाल थे। केजरीवाल ने शीला दीक्षित
को 25 हजार से ज्यादा मतों से हराया था।
गुजरात के बाहर मोदी
को चुनौती दे सकते हैं केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने
के बाद अरविंद केजरीवाल के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा तेज हो गई है। यदि
केजरीवाल लोकसभा चुनाव में उतरते हैं, तो वे मोदी को चुनौती दे सकते हैं। हालांकि 'आप'
सूत्रों के
अनुसार केजरीवाल मोदी के खिलाफ तभी चुनावी मैदान में उतरेंगे, जब मोदी गुजरात के बाहर चुनाव लड़ेंगे।
हालांकि सूत्रों की मानें,
तो मोदी इस बार
उत्तर प्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं।
गौरतलब है कि
इस्तीफा देने के कुछ दिनों पहले से केजरीवाल मोदी पर लगातार निशाना साध रहे थे।
उन्होंने मोदी के चुनावी अभियान में मुकेश अंबानी का पैसा होने की भी बात कही थी।
अल्पसंख्यकों
के समर्थन में जुटी 'आप'
'आप' इस समय अल्पसंख्यकों के समर्थन में जोरशोर से लगी है। 'आप' का इरादा मोदी के अल्संख्यकों को रिझाने वाले चुनावी अभियान को खराब करने का
है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक अल्पसंख्यकों में मुख्य रूप से
मुस्लिम मोदी को समर्थन नहीं देते हैं। वहीं दूसरी ओर सत्ता के दौरान 'आप' सरकार 1984 सिख दंगों की जांच के लिए एसआईटी गठित कर
चुकी है। ऐसे में 'आप' को अल्संख्यकों का काफी समर्थन मिलेगा।
मनीष सिसौदिया हो सकते हैं दिल्ली में सीएम पद के उम्मीदवार
यदि केजरीवाल
लोकसभा चुनाव में उतरने की घोषणा करते हैं, तो दिल्ली में सीएम पद के लिए पार्टी की ओर से मनीष सिसौदिया उम्मीदवार हो
सकते हैं। केजरीवाल के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दिल्ली में फिर
से चुनाव की अटकलें भी तेज हो गई हैं। माना यह भी जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के
साथ ही दिल्ली में विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं। ऐसे में दिल्ली की पटपड़गंज
सीट से चुनाव जीतने वाले मनीष सिसौदिया को पार्टी दिल्ली की कमान सौंपने के लिए
मैदान में उतार सकती है।
मनीष सिसौदिया
का नाम इसलिए
पार्टी सूत्रों
के मुताबिक दिल्ली में 'आप' सरकार के दौरान मनीष सिसौसिया मंत्री रहे और उन्होंने फिल्ड में जाकर काफी
काम किया। सूत्रों के मुताबिक पार्टी का मानना है कि मनीष सिसौदिया के पास राजनीति
का अच्छा अनुभव है और इसी वजह है कि पार्टी उनके नाम को दिल्ली में सीएम पद के
उम्मीदवार के रूप में पेश कर सकती है।
आम
आदमी पार्टी की लिस्ट और नई घोषणा...
इस लिस्ट की सबसे मजेदार बात यह है कि आम आदमी पार्टी देश या दुनिया की अकेली पार्टी है जो अपने लिस्ट के साथ साथ विपक्षी दलों का लिस्ट भी जारी कर देती है.. आम आदमी पार्टी के महान विद्वानों ने न सिर्फ आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा की बल्कि साथ ही यह भी बताया कि उनके सामने कौन विरोधी होगा. जैसे कि आशुतोष चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. क्या कपिल सिब्बल लड़ने वाले हैं क्या वो चांदनी चौक से ही लड़ने वाले हैं... क्या गडकरी लड़ने वाले हैं क्या गडकरी नागपुर से ही लड़ने वाले है... यह राजनीतिक अकलमंदी की हद है..
वैसे इस लिस्ट के जरिए आम आदमी पार्टी ये प्रोपागंडा करने में जरूर सफल हो गई कि वो बड़े और भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ अपने सुपर स्टार उम्मीदवारों को उतारेगी.. लेकिन यह एक छलावा है.. ये शातिर किस्म के लोग हैं.. ग्राउंड वर्क करने के बाद सफेद झूठ बोलते हैं.. जैसे कि योगेंद्र यादव ने पहले से ही तय कर लिया था वो गुडगांव से चुनाव लड़ेंगे.. किस बड़े नेता के खिलाफ लड़ेंगे यह नहीं बताया क्योंकि यह पहले से ही तय है.. उसी तरह से आशुतोष चांदनी चौक से लड़ेंगे यह उनके ज्वाइन करने से पहले ही तय हो चुका था..
आज आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 20 उम्मीदवारों की औपचारिक घोषणा की. वैसे इन नामों को बारे में मीडिया को पहले से ही खबर थी कि ये लोग चुनाव लड़ने वाले हैं. कुछ दिन पहले तक मेधा पाटेकर यह कह रही थी कि वो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगी. आंदोलन की बात अलग है लेकिन जब चुनाव मुंबई में लड़ना हो तो कम से कम 20 करोड़ रुपये की जरूरत तो पड़ती ही है.. इसलिए किसी पार्टी के साथ जुड़ना अकलमंदी है तो मेधा पाटेकर ने आम आदमी पार्टी की टिकट पर लड़ना मंजूर कर लिया.
20 लोगों में आम आदमी कहां है.. क्योंकि इनमें तो वही लोग हैं जो बिल्कुल ही खास लोग हैं.. जो बैसे खास नहीं है तो केजरीवाल के खास हैं.. उन्हें टिकट मिल गई.. वैसे अभी ये देखना मजेदार होगा कि दिल्ली में कौन कौन महानुभाव चुनाव लड़ते हैं.. दिल्ली में आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार तो शीर्ष गुट से ही आएगा.. जैसे कि दो हारे हुए एमएलए शाजिया और गोपाल राय, संजय सिंह वैगरह.. अरविंद खुद भी लड़ सकते हैं. लेकिन बिन्नी ने कहा है कि वो जहां लडेगा बिन्नी वहीं से लड़ेगा और हराएगा.
इस लिस्ट की सबसे मजेदार बात यह है कि आम आदमी पार्टी देश या दुनिया की अकेली पार्टी है जो अपने लिस्ट के साथ साथ विपक्षी दलों का लिस्ट भी जारी कर देती है.. आम आदमी पार्टी के महान विद्वानों ने न सिर्फ आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा की बल्कि साथ ही यह भी बताया कि उनके सामने कौन विरोधी होगा. जैसे कि आशुतोष चांदनी चौक से कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे. क्या कपिल सिब्बल लड़ने वाले हैं क्या वो चांदनी चौक से ही लड़ने वाले हैं... क्या गडकरी लड़ने वाले हैं क्या गडकरी नागपुर से ही लड़ने वाले है... यह राजनीतिक अकलमंदी की हद है..
वैसे इस लिस्ट के जरिए आम आदमी पार्टी ये प्रोपागंडा करने में जरूर सफल हो गई कि वो बड़े और भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ अपने सुपर स्टार उम्मीदवारों को उतारेगी.. लेकिन यह एक छलावा है.. ये शातिर किस्म के लोग हैं.. ग्राउंड वर्क करने के बाद सफेद झूठ बोलते हैं.. जैसे कि योगेंद्र यादव ने पहले से ही तय कर लिया था वो गुडगांव से चुनाव लड़ेंगे.. किस बड़े नेता के खिलाफ लड़ेंगे यह नहीं बताया क्योंकि यह पहले से ही तय है.. उसी तरह से आशुतोष चांदनी चौक से लड़ेंगे यह उनके ज्वाइन करने से पहले ही तय हो चुका था..
आज आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 20 उम्मीदवारों की औपचारिक घोषणा की. वैसे इन नामों को बारे में मीडिया को पहले से ही खबर थी कि ये लोग चुनाव लड़ने वाले हैं. कुछ दिन पहले तक मेधा पाटेकर यह कह रही थी कि वो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ेंगी. आंदोलन की बात अलग है लेकिन जब चुनाव मुंबई में लड़ना हो तो कम से कम 20 करोड़ रुपये की जरूरत तो पड़ती ही है.. इसलिए किसी पार्टी के साथ जुड़ना अकलमंदी है तो मेधा पाटेकर ने आम आदमी पार्टी की टिकट पर लड़ना मंजूर कर लिया.
20 लोगों में आम आदमी कहां है.. क्योंकि इनमें तो वही लोग हैं जो बिल्कुल ही खास लोग हैं.. जो बैसे खास नहीं है तो केजरीवाल के खास हैं.. उन्हें टिकट मिल गई.. वैसे अभी ये देखना मजेदार होगा कि दिल्ली में कौन कौन महानुभाव चुनाव लड़ते हैं.. दिल्ली में आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार तो शीर्ष गुट से ही आएगा.. जैसे कि दो हारे हुए एमएलए शाजिया और गोपाल राय, संजय सिंह वैगरह.. अरविंद खुद भी लड़ सकते हैं. लेकिन बिन्नी ने कहा है कि वो जहां लडेगा बिन्नी वहीं से लड़ेगा और हराएगा.
आम आदमी पार्टी की विशेषता यह है कि
यह मीडिया को उलझाने में माहिर है.. जगह जगह पर पार्टी में मारपीट हो रहा है..
दिल्ली के आप विधायक लात घूंसा खा रहे है .. अन्ना के आंदोलन से जुड़े पुराने
कार्यकर्ता काफी नाराज हैं. उन्हें लगता है कि वीआईपी किस्म के लोग पार्टी में घुस
कर पार्टी का इस्तेमाल अपने निजी राजनीतिक महात्वाकांक्षा को पूरा करने में लगे
हैं.
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