'सत्यमेव जयते-2' की शुरुआत आमिर खान बिहार में दशरथ मांझी के उस गांव से करने
जा रहे हैं जिन्होंने 22 वर्ष तक अकेले एक पहाड़ काटकर अपने गांव वालों के लिए रास्ता बनाया
था। आमिर 22 फरवरी को दशरथ मांझी के गांव गहलोर (गया) जाएंगे और उनके सीरियल का
पहला एपिसोड मांझी और उनके गांव को समर्पित करेंगे।
'विशेष चर्चा में आमिर ने बताया कि दशरथ मांझी का व्यक्तित्व
बेहत प्रेरणास्पद है और यह दिखाता है कि यदि आप में किसी काम को पूरा करने का
जज्बा हो तो अकेला व्यक्ति भी कोई असंभव कार्य पूरा कर सकता है। दशरथ मांझी ने
अकेले दम पर गहलौर पहाड़ी चीर कर 360 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा रास्ता बना दिया। और 22 साल बाद 1982 में यह काम पूरा कर
लिया।
दशरथ
मांझी
जन्म : 1934
निधन
: 2007
में
कैंसर की वजह से।
अफसोस
: सड़क बनाने के बाद पैदल 2 माह में दिल्ली पहुंचे। लेकिन राष्ट्रपति से नहीं मिल सके थे।
'सत्यमेव जयते-2' के पहले सत्र का अंत आमिर ने दशरथ मांझी के जिक्र के साथ किया था।
वे दशरथ मांझी की प्रेरणा को पूरे देश तक पहुंचाना चाहते थे इसलिए 'सत्यमेव जयते-2' की शुरुआत बिहार के
गया जिले में मांझी के गांव गहलोर से की जा रही है। इस दौरान आमिर मांझी के गांव
जाकर उनके परिवार और गांव के लोगों से मुलाकात करेंगे। 'सत्यमेव जयते-2' की शुरुआत 2 मार्च से होने जा
रही है।
इलाज न मिलने से
पत्नी की मौत हो गई तो
अकेले पहाड़ काट कर गांव के लिए बना
डाला रास्ता
गहलोर एक ऐसी जगह है, जहां पानी के लिए भी लोगों को तीन किमी पैदल चलना पड़ता था। जब वे 25 साल के थे तो 1960 में इलाज के अभाव
में उनकी पत्नी फगुनी देवी की मौत हो गई। मांझी ने ठान लिया कि आज के बाद
गांववालों को मेरे जैसा दर्द नहीं होने दूंगा। अकेले दम पर गहलौर पहाड़ी चीर कर 360 फीट लंबा और 30 फीट चौड़ा रास्ता
बना दिया। 22 साल बाद 1982 में यह काम पूरा कर लिया। घर वालों ने मना किया, तबीयत बिगड़ी लेकिन हौसला नहीं डिगा। पहाड़ तोडऩे के लिए उन्होंने
सिर्फ छेनी-हथौड़ी का इस्तेमाल किया। इस रास्ते से अतरी व वजीरगंज के बीच की दूरी 80 किलोमीटर से घट कर मात्र २ किलोमीटर रह गई। बाद में दशरथ ने कहा कि
निरंतर जुटे रहे तो सफलता कदम चूमेगी ही।
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