नेहरू से पहले ....नेहरू की पीढ़ी इस प्रकार है ....
सबसे पहले !
गंगाधर नेहरु
उसका बेटा
राज कुमार नेहरु
उसका बेटा
विद्याधर नेहरु
उसका बेटा
मोतीलाल नेहरु
और अंत
जवाहर लाल नेहरु
गंगाधर नेहरु (Nehru) उर्फ़ GAYAS - UD - DIN SHAH जिसे GAZI की
उपाधि दी गई थी ....
GAZI जिसका
मतलब होता है (KAFIR - KILLER)
इस गयासुद्दीन गाजी ने ही मुसलमानों
को खबर (मुखबिरी ) दी थी की गुरु गोबिंद सिंह जी नांदेड में आये हुए हैं , इसकी मुखबिरी और पक्की खबर के कारण ही सिखों के दशम गुरु
गोबिंद सिंह जी के ऊपर हमला बोला गया, जिसमे
उन्हें चोट पहुंची और कुछ दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई थी.
और आज नांदेड में सिक्खों का बहुत
बड़ा तीर्थ-स्थान बना हुआ है. जब गयासुद्दीन को हिन्दू और सिक्ख मिलकर चारों और
ढूँढने लगे तो उसने अपना नाम बदल लिया और गंगाधर राव बन गया, और उसे इससे पहले मुसलमानों ने पुरस्कार के रूप में
अलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में इशरत मंजिल नामक महल/हवेली दिया, जिसका नाम आज आनंद भवन है ....
आनंद भवन को आज अलाहाबाद में kangress का मुख्यालय बनाया हुआ है इशरत मंजिल के बगल से एक नहर
गुजरा करती थी, जिसके कारण लोग गंगाधर को नहर के पास वाला, नहर किनारे वाला, नहर वाला, neharua , आदि
बोलते थे जो बाद में गंगाधर नेहरु अपना लिखने लगा इस प्रकार से एक नया उपनाम
अस्तित्व में आया नेहरु और आज समय ऐसा है की एक दिन अरुण नेहरु को छोड़कर कोई
नेहरु नहीं बचा ...
अपने आप को कश्मीरी पंडित कह कर रह
रहा था गंगाधर क्यूंकि अफगानी था और लोग आसानी से विश्वास कर लेते थे क्यूंकि
कश्मीरी पंडित भी ऐसे ही लगते थे.
अपने आप को पंडित साबित करने के लिए
सबने नाम के आगे पंडित लगाना शुरू कर दिया
गंगाधर नेहरु
राज कुमार नेहरु
विद्याधर नेहरु
मोतीलाल नेहरु
जवाहर लाल नेहरु लिखा ..
और यही नाम व्यवहार में लाते गए ...
पंडित जवाहर लाल नेहरु अगर कश्मीर का
था तो आज कहाँ गया कश्मीर में वो घर आज तो वो कश्मीर में कांग्रेस का मुख्यालय
होना चाहिए जिस प्रकार आनंद भवन कांग्रेस का मुख्यालय बना हुआ है इलाहाबाद में....
ये कहानी इतनी पुरानी भी नहीं है की
इसके तथ्य कश्मीर में मिल न सकें ....
आज हर पुरानी चीज़ मिल रही है ....
चित्रकूट में भगवन श्री राम के पैरों
के निशान मिले,
लंका में रावन की लंका मिली, उसके हवाई अड्डे, अशोक वाटिका, संजीवनी
बूटी वाले पहाड़ आदि बहुत कुछ....
समुद्र में भगवान श्री कृष्ण भगवान्
द्वारा बसाई गई द्वारिका नगरी मिली ,
करोड़ों वर्ष पूर्व की DINOSAUR के अवशेष मिले तो 150 वर्ष पुराना कश्मीर में नकली नेहरू का अस्तित्व ढूंढना क्या
कठिन है ?????
दुश्मन बहुत होशिआर है हमें आजादी के
धोखे में रखा हुआ है,
इस से उभरने के लिए इनको इन सब से भी
बड़ी चुस्की पिलानी पड़ेगी जो की मेरे विचार से धर्मान्धता ही हो सकती है जैसे
गणेश को दूध पिलाया था अन्यथा किसी डिक्टेटर को आना पड़ेगा या सिविल वार अनिवार्य
हो जायेगा
तो क्या सोचा हम नेहरू को कौनसे नाम
से पुकारे ? जवाहरुद्दीन या चाचा नेहरू ?
जो नेहरू नेहरू कहते है उनसे पूछिये
की इस खानदान के अलावा भारत मे और कोई नेहरू क्यूँ नहीं हुआ ?
अगर यह वास्तव मे ब्राह्मण था तो
ब्राह्मनों मे नेहरू नाम की गोत्र अवश्य होनी चाहिए थी ? क्यूँ नहीं है
क्यों देश मे और कोई नेहरू नहीं
मिलता ?
क्या ये जवाहर लाल के परिवार वाले
आसमान से टपके थे ?
जय भारत जय हो
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