दूध पीने से
बीमारियां दूर रहती हैं और शरीर स्वस्थ भी रहता है। मां का पहला आहार दूध होता है।
शरीर की हड्डियां दूध पीने से ही जजबूत होती हैं, यह विटामिन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, लेकिन दूध में मिलवट के कारण और केमिकल के प्रयोग से बने दूध के कारण हमारा
स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
भिंड-मुरैना में
मिलावटी दूध का कारोबार कितने व्यापक पैमाने पर चल रहा है यह किसी से छिपा नहीं है, हालत यह है कि भिंड जिले में पिछले तीन साल
में सिर्फ नौ सैंपल लिए गए। उनमें आधे फेल हुए हैं यानी मिलावट पाई गई है। हम आपको
बता रहे हैं कैसे आप घर में बैठे-बैठे आप भी पता लगा सकते हैं कि दूध असली है या
नकली।
ऐसे पहचानें
नकली दूध है या असली
दूध में पानी के
मिलावट की पहचान के लिए दूध को एक काली सतह पर छोड़ें। अगर दूध के पीछे एक सफेद
लकीर छूटे तो दूध असली है। इसके साथ ही दूध में स्टॉर्च और यूरिया की पहचान के लिए
दूध में दो बूंद टिंचर आयोडिन डालकर एक मिनट छोड़ दें। अगर दूध का रंग नीला हो जाए
तो दूध में मिलावट है। दूध में डिटर्जेंट की पहचान के लिए उसमें नींबू मिलाकर जांच
की जा सकती है। दूध से बुलबुला उठता है तो दूध नकली है।
ऐसे बनता है
नकली दूध
खोया के काले
कारोबारियों के लिए नकली दूध बनाना बेहद आसान है। पहले कुछ हिस्सा असली दूध का
लेते हैं। फिर उसमें कास्टिक सोडा, यूरिया,
रिफाइंड आयल
मिलाकर आग में डाला जाता है। दूध में मलाई आ जाए इसके लिए आरारोट डाला जाता है।
दूध को सफेद करने के लिए सफेद स्याही डाली जाता है। अब अगर दूध को खोया बनाना हो
तो उसमें आलू या फिर सोख्ता कागज मिलाकर उसे जलाया जाता है। यह नकली दूध शरीर के
लिए बहुत नुकसानदेह है।
मिलावटी दूध और
बीमारियां
पेट की
बीमारियां
नकली और मिलावटी
दूध से सबसे ज्यादा पेट संबंधित बीमारियां होती हैं। मिलावटी दूध से पेट में एंठन
और अपच की समस्या हो सकती है। यहि आप लगातार नकली दूध का सेवन कर रहे हैं तो
गैस्टिक की समस्या हो सकती है। अपच और अनिद्रा का कारण नकली दूध हो सकता है। पेट
का संक्रमण भी मिलवटी और केमिकल युक्त दूध का कारण होता है।
डायरिया और
पीलिया
मिलावटी दूध
पीने से डायरिया और पीलिया होने की संभावना बढ़ जाती है। डायरिया होने पर शरीर के
अंदर का तापमान कम होने लगता हैए उल्टी और दस्त की शिकायत हो जाती है। छोटे बच्चे
और बुजुर्ग इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं। पीलिया ऐसा रोग है जो वायरस के कारण
होता है। लेकिन यदि शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाये तो पीलिया हो सकता है।
मिलावटी दूध पीने से शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ जाती है। रोगी को पीला पेशाब
आता है उसके नाखून,
त्वचा एवं आखों
का सफेद भाग पीला पड़ जाता है। कमजोरी कब्जियत, जी मिचलाना,
सिरदर्द, भूख न लगना आदि परेशानियां होने लगती हैं।
कब्ज और हैजा
मिलावटी दूध
कब्ज और हैजा जैसी बीमारियां का कारण भी बनता है। अगर रोजाना ढंग से पेट साफ नहीं
तो कब्ज की शिकायत हो सकती है और मिलावटी दूध के कारण खाना अच्छे से पच नहीं पाता
है। गैस बनना,
पेट में दर्द या
भारीपन,
सिरदर्द, भूख में कमी, मुंह का स्वाद बिगड़ना। चक्कर आना, पैरों में दर्द होना,
बुखार, नींद-सी छाई रहना और धड़कन का बढ़ जाना ये
सम्सयायें नकली दूध के कारण होती हैं।
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