गांधी का वध
क्यों हुआ ??
नेहरू के कहने
पर अखंड भारत का विभाजन हुआ और मुस्लिमो को पाकिस्तान और 65 करोड़ रुपये दिए गए. और मुस्लिमो कि
एक और मांग थी पाकिस्तान से बांग्लादेश(पश्चिमी पाकिस्तान) जाने के लिए हवाई
मार्ग. जो भारत के मध्य से होकर गुजरता है वो बीच का पट्टा 16 मील तक मुस्लिम राज्य होना चाहिए
ये सब नाथूराम
को देखा नहीं गया और गांधी का वध करने में ही देश कि भलाई समझे और गांधी का वध कर
दिया
रघुपति राघव
राजा राम देश बचा गए नाथूराम
ये पोस्ट खासकर
उन हिन्दू भाइयो के लिए है जो नही जानते
कि गोधरा कांड क्या है।
27 फरवरी 2002 साबरमती ट्रेन के S6 बोगी को गोधरा
स्टेशन से 862
मीटर
की दूरी
परशान्ति पसंद लोगो द्वारा
जला दिया गया था.......जिसमे
58 मासूम , निहत्थे, निर्दोष रामभक्तो की दर्दनाक मौत हो
गयी.......
उसमे 23
पुरुष, 15 महिलाये, तथा 20 बच्चे थे।उनका
"अपराध" केवल इतना था ........
कि वे "हिन्दू"थे
......और श्रीराम
जन्मभूमि
अयोध्या सेतीर्थयात्रा करके लौट रहे थे।
स्थानीय
कांग्रेसी निगम पार्षद हाजी बिलाल भीड़ को ट्रेन
के इंजन को जलाने का आदेश दे
रहा था और
पासकी मस्जिद से लाउडस्पीकर पर ये आदेशदिया जा
रहा था कि "मारो......काटो....
कोईकाफ़िर
जिन्दा न बचे"........
मुल्लो ने दरवाज़े बाहर से बंद कर दिए
गये थे ताकि कोई बाहर न निकले.......
S6 S7 वैक्यूम पाइप
काट दिए थे जिससे ट्रेन आगे ना बढ़ सके.......
जो लोग जलती
ट्रेन से किसी तरह बाहरनिकल भी आये
तो उन्हें तेज़
हथियारों से काटकर मारडाला गया ।
गोधरा के एक
पेट्रोल पंप पर काम करने वाले 2 कर्मचारियों के
अनुसार एक दिन पहले ही कुछ
लोगवहां से 140 लीटर पेट्रोल खरीद कर ले गए थे। साफ़ हैकी रामभक्तो
को जिन्दा जलाने का ये एक सुनियोजित षड्यंत्र
था।गुजरात दंगो की बात गोधरा के बिना
अधूरी है।इसगोधरा कांड के बाद ही गुजरात में दंगे शुरू हुए
थे।
जरा सोचिये,
हमारा हाथ जरा
सा आग पर पड़ जाये तो हमें
कितना दर्द होता है हम तुरंत
अपना हाथवहां से हटा लेते हैं .....उनकी जगह खुद को रखकर सोचियेकितना तडपे होंगे वो लोग वो मासूम बच्चे, औरतें , बुजुर्गवो व्यस्क जिन्हें पेट्रोल छिडककर ट्रेन में जिन्दा जला दिया गया। अपनी जान बचाने के लिएकितना छटपटाये होंगेे.......
अपना हाथवहां से हटा लेते हैं .....उनकी जगह खुद को रखकर सोचियेकितना तडपे होंगे वो लोग वो मासूम बच्चे, औरतें , बुजुर्गवो व्यस्क जिन्हें पेट्रोल छिडककर ट्रेन में जिन्दा जला दिया गया। अपनी जान बचाने के लिएकितना छटपटाये होंगेे.......
लेकिन इनजल्लादो को
नर पिशाचों को उन पर जरा भी दया
नही आयी।दंगो में मरने का शोक
सभी मनाते हैं ........कोई बात नहीं याद रखना चाहिये .....दंगे भूलने के लिये नहीं होते ......
सभी मनाते हैं ........कोई बात नहीं याद रखना चाहिये .....दंगे भूलने के लिये नहीं होते ......
पर .राम भक्तो को कोई
नहीं याद करता गोधरा में मरे 58 निर्दोष
हिन्दुओ की.कोई बात तक नही करता.....!!!
अगर गोधरा में जलने
वाले हज यात्री होते तो..क्या बस गुजरात ही जलता
?...!!
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