आज सोशल नेटवर्किंग की हमारी दुनिया में बहुत अहम जगह बन गई है। लाखों लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका फेसबुक इस्तेमाल करने में आसान है और एंटरटेंमेंट का साधन भी है। 4 फरवरी को यह सोशल नेटवर्किंग साइट अपना 10वां जन्मदिन मनने वाली है। सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स पर फर्जी अकाउंट्स से यूजर्स परेशान रहते हैं। फेसबुक पर कई बार हैकर्स भी फेक अकाउंट का सहारा लेते हैं।
फेसबुक पर फेक अकाउंट को पहचानना इतना आसान नहीं होता, लेकिन इजराइल स्थित एक कंपनी ने ऐसा मोबाइल ऐप बनाया है जो फेसबुक पर फेक अकाउंट का पता लगाने में मदद करेगा। दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट पर फेक अकाउंट का पता लगाने का दावा करने वाला यह ऐप 'फेकऑफ' के नाम से पेश किया गया है।
फेसबुक पर फेक अकाउंट कई ग्रुप्स में होती हैं। इनमें क्रिमिनल से लेकर कमर्शियल तक लगभग सभी तरह के फेक अकाउंट मिल जाते हैं। फेकऑफ ऐप एक खास एल्गोरिदम का प्रयोग कर फेसबुक प्रोफाइल को 1 से लेकर 10 तक की रेंज में नंबर देता है। यह स्कैनिंग मौजूदा समय से पिछले एक साल (365 दिन) तक चलती है। ऐप में फेसबुक प्रोफाइल की कोई भी अलग गतिविधी को चेक किया जाता है और उस हिसाब से ही फेक अकाउंट का पता लगाया जाता है।
इस ऐप में फेसबुक की टाइमलाइन की सभी गतिविधियां देखी जाती हैं। यह ऐप्लिकेशन https://www.fakeoff.me/ पर मिलेगा। इस ऐप की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ऐप के लॉन्च होने के दो महीनों के अंदर ही इसके 15000 यूजर्स बन गए हैं।
फेकऑफ बनाने वाले इलिरैन शाचार (Eliran Shachar) का कहना है कि फेसबुक के 1.35 बिलियन यूजर्स में से लगभग 10 प्रतिशत फेक अकाउंट होते हैं। इस ऐप की मदद से यूजर्स को ऐसे अकाउंट और इनकी गतिविधियों से बचाया जा सकता है। शाचार के मुताबिक ऐप की मदद से जांचे गए सभी अकाउंट्स में से 24 प्रतिशत फेक निकलते हैं।
जानें फेक अकाउंट का पता लगाने की आसान टिप्स-
प्रोफाइल पिक्चर और अन्य फोटोज-
किसी भी रियल अकाउंट होल्डर की कम से कम एक या दो असली तस्वीरें फेसबुक पर होती हैं। अगर आपको कोई रिक्वेस्ट आती है तो सबसे जरूरी है कि आप अंजान व्यक्ति की प्रोफाइल चेक करें। अगर उसमें कोई भी रियल फोटो नहीं दिखती है तो हो सकता है कि यह फेक प्रोफाइल हो।
1. जिस फोटो को सर्च करना है उसे अपने डेस्कटॉप पर सेव करें।
2. अपना ब्राउजर खोलें।
3. गूगल इमेज पर जाकर फोटो को ड्रॉप कर दें। गूगल अपने आप उस फोटो से मिलती-जुलती हर फोटो आपको दिखा देगा।
नेम सर्च-
सिर्फ फोटो ही नहीं अगर आपको किसी भी प्रोफाइल के फेक होने का शक है तो उस प्रोफाइल नेम को भी गूगलसर्च कीजिए। अगर वो असली नाम होगा तो गूगल पर कोई ना कोई मिलता-जुलता सर्च रिजल्ट आपको मिल ही जाएगा।
सेलेब्रिटी प्रोफाइल-
अगर किसी ऐसे इंसान ने आपको प्रेंड रिक्वेस्ट भेजी है जिसकी प्रोफाइल किसी सेलेब्रिटी के होने का दावा करती है तो सावधान हो जाएं। कोई भी सेलेब ऐसे किसी को रिक्वेस्ट नहीं भेजता। ऐसे केस में 90 प्रतिशत फेक अकाउंट होते हैं।
फेक जेंडर-
फेसबुक पर आधे से ज्यादा फेक अकाउंट किसी लड़की के नाम से बनाए जाते हैं। पुरुषों को लड़कियां आकर्षक लगती हैं और लड़कियों से किसी लड़की की अच्छी दोस्ती हो सकती है। इसलिए किसी भी अंजान लड़की को दोस्त बनाने से पहले पूरी तरह से जांच पड़ताल कर लें।
ना करें अजनबियों से बात-
अगर कोई आपको प्राइवेट मैसेज भेज रहा है तो उसकी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करने से पहले कम से कम 2 बार सोच लें। अगर आप किसी अजनबी की फ्रेंड रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करना चाहते हैं तो उसके असली दोस्तों, प्रोफाइल पिक्चर के बारे में जांच-पड़ताल करने से झिझकिए मत।
बर्थ डेट चेक करें-
यह बात ध्यान देने योग्य है कि फेसबुक पर फेक अकाउंट बनाने वाले लोग 1/1/XX और 31/12/XX जैसी डेट ऑफ बर्थ का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। अगर कोई अजीब डेट ऑफ बर्थ दिखे तो उसे पहले जांच लें।
प्रोफाइल को ध्यान से पढ़ें-
जो लोग फेक अकाउंट बनाते हैं उनकी प्रोफाइल में या तो एडुकेशन डीटेल्स होती ही नहीं है या फिर किसी ऊंचें संस्थान का नाम दिया होता है। उदाहरण के तौर पर अगर कोई 24 साल का इंसान दावा करता है कि वो किसी कंपनी का CEO है तो यह अकाउंट फेक हो सकता है। ऐसे लोगों से बचना चाहिए।
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