Tuesday 22 July 2014

कोका कोला वास्तव में क्या है ?


आप को कभी आश्चर्य हुआ कि कोका कोला वास्तव में क्या है ? नही ?

कोइ बात नही, स्टेप बाय स्टेप समजीये, हो जायेगा आश्चर्य ।

पीने के 10 मिनट के बाद

कोला की एक गिलास में रही चीनी के दस
चम्मच, शरीर के चयापचय की क्रिया के अवरोध से उल्टि का कारण बनता है लेकिन फोस्फोरिक एसिड चीनी की इस कार्रवाई को रोकता है । 20 मिनट के बाद खून में इंसुलिन का स्तर बढ जाता है । लिवर चीनी को फॅट में बदल देता है ।
40 मिनट के बाद ः 

कैफीन की घूस शरीर में पूरी तरह हो जाती है। 
आंख में भारीपन आता है । लिवर और खून की चीनी को निपने की प्रक्रिया के कारण रक्त दबाव बढ जाता है । 

Adenosine रिसेप्टर्स को अवरोध मिलता है, जीस से
तंद्रावस्था या उनींदापन रोका जाता है और इस
अवस्था को नकली ताजगी बताया जाता है।

45 मिनट के बाद ः

शरीर डोपामाइन हार्मोन के उत्पादन
को जन्म देता है, जो मस्तिष्क में रहे
खुशी का अनुभव कराते केंद्र को उत्तेजित
करता है, हेरोइन आपरेशन का ही ये एक
सिद्धांत है ।

1 घंटे के बाद ः

फॉस्फोरिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और
जिन्क के मेल से पाचनतंत्र के मार्ग में
चयापचय की क्रिया को बढा देता है । मूत्र
के माध्यम से कैल्शियम का विमोचन भी बढ़
जाता है ।

बाद के समय में ः

मूत्रवर्धक प्रभाव का "खेल" शुरु होता है ।
कैल्शियम, मैग्नीशियम और जिन्क,
जो हमारी हड्डियों का हिस्सा है, साथ में
सोडियम भी, शरीर से बाहर निकालने
की क्रिया शुरु हो जाती है । एक
कोका कोला में निहित पानी की पूरी मात्रा,
मूत्र द्वारा निकाल दिया जाता है । मतलब
हड्डी की धुलाई ।

क्या नकली ताजगी का आनंद उठाने के लिये
कोक का एक ठंडा बोतल उठाते समय हम
अपने गले में क्या रासायनिक "कॉकटेल"
उतार रहे हैं हमें पता है ?
कोका कोला का सक्रिय संघटक
orthophosphoric एसिड है । इसकी उच्च
एसिडिटी के कारण, माल सडता नही है भले
वो कंपनी के विशेष स्टोर में हो, हेर फेर के
दरम्यान रास्ते के टेंकर में हो या दुकान में
रही बोतलों में हो ।

कंपनी एक ऍड में बहुत होंशियारी मारती है
कोका कोला लाइट विधाउट कैफिन

जरा इस का पोस्ट मोर्टम करते हैं ।
इस में ऍक्वा कार्बोनेटेड E150D, E952,
E951, E338, E330, Aromas, E211
होता है ।

एक्वा कार्बोनेटेड - 

एक शानदार पानी है ।
यह गैस्ट्रिक स्राव में हलचल पैदा करता है,
आमाशय रस की अम्लता बढ़ जाती है और
गैस होने से पेट फुलता है । इसके अलावा,
इस्तेमाल होनेवाला पानी कोइ मिनरल वॉटर
नही, लेकिन नियमित रूप से उपयोग
होता फ़िल्टर्ड पानी का इस्तेमाल
किया जाता है ।

E150D – 

ये एक खाद्य कलर है जो खास
तापमान पर चीनी के प्रसंस्करण के माध्यम
से प्राप्त किया जाता है, और केमिकल के
साथ या बिना कोइ केमिकल ।
कोका कोला बनाने के समय अमोनियम
सल्फेट जोड़ा जाता है ।

E952 - 

सोडियम Cyclamate
चीनी का विकल्प है । Cyclamate, एक
ऐसा सिंथेटिक रासायन है जो चीनी से 200
गुना मीठा है, और एक कृत्रिम स्वीटनर के रूप
में प्रयोग किया जाता है । Cyclamate,
साकारीन और aspartame, जो प्रयोग के
दौरान चूहों के मूत्राशय में कैंसर पैदा करने के
कारण साबित हुए, तो 1969 में इन सब पर
एफडीए द्वारा प्रतिबंधित डाला गया था ।
1975 में जापान, दक्षिण कोरिया और
सिंगापुर ने प्रतिबंध लगाया और सारा माल
जब्त कर लिया था । 1979 में, डब्ल्यूएचओ
(विश्व स्वास्थ्य संगठन (इल्ल्युमिनिटी)),
क्या मालुम क्यों, cyclamates का पूनर्जन्म
करवाया और सुरक्षित होने का सर्टिफिकेट
भी दे दिया ।

E950 - 

Acesulfame पोटेशियम । ये मिथाइल
ईथर युक्त पदार्थ है और ये भी चीनी से 200
गुना अधिक मीठा है । यह हृदय प्रणाली के
संचालन में छेड छाड करता है । इसी तरह,
हमारे चेतातंत्र पर भी उत्तेजक प्रभाव
पैदा कर सकता है और समय जाते यह लत
का कारण बन सकता है । Acesulfame शरीर
में बहुत बुरी तरह घुल जाता है, बच्चों और
गर्भवती महिलाओं के लिए इस का प्रयोग
सलामत नहीं है ।

E951 

ये है Aspartame, मधुमेह रोगियों के
लिए चीनी का एक विकल्प है पर रासायनिक
द्रष्टि से अस्थिर है : ऊंचे तापमान पर यह
मेथनॉल और फेनिलएलनिन में विभाजित
हो जाता है । मेथनॉल बहुत खतरनाक है :
5-10ml मेथनॉल ऑप्टिक तंत्रिका पर
ऐसा असर करता है की असाध्य अंधापन आ
जाता है । Aspartame की जहरिली असर
किन मामलों देख सकते हैं: बेहोशी , सिर दर्द ,
थकान , चक्कर आना, उल्टी , घबराहट ,
वजन, चिड़चिड़ापन , घबराहट , स्मृति हानि ,
धुंधली दृष्टि , बेहोशी , जोड़ों में दर्द ,
अवसाद , प्रजनन , सुनने में हानि आदि ।
Aspartame इन रोगों को उत्तेजित कर
सकता है - ब्रेन ट्यूमर , एमएस ( मल्टीपल
स्केलेरोसिस ) , मिर्गी , 'कब्र रोग , क्रोनिक
थकान , अल्जाइमर , मधुमेह , मानसिक
कमी और तपेदिक । निचा या नोर्मल तापमान
पर नूकसान नही ।

E338 

- Orthophosphoric एसिड । यह
त्वचा और आंखों की जलन पैदा कर सकता है
। यह अमोनिया , सोडियम , कैल्शियम ,
एल्यूमीनियम का फॉस्फोरिक एसिड सोल्ट के
उत्पादन के लिए प्रयोग किया जाता है । और
भी उपयोग, लकड़ी का कोयला और फिल्म
टेप के उत्पादन के लिए कार्बनिक संश्लेषण में,
आग रोकने की सामग्री , मिट्टी के बरतन ,
गिलास , उर्वरक , सिंथेटिक डिटर्जेंट , दवा ,
धातु के उत्पादन के लिए , कपड़ा और तेल
उद्योग, कार्बोनेटेड पानी के उत्पादन,
पेस्ट्री में सामग्री को तैयार करने के लिए
प्रयोग किया जाता है । यह
orthophosphoric एसिड
हड्डियों की कमजोरी पैदा कर सकता है ,
शरीर से कैल्शियम और लोहे के अवशोषण के
साथ हस्तक्षेप कर सकता है । अन्य
दुष्प्रभाव, प्यास और त्वचा पर चकत्ते हैं ।

E330 

- साइट्रिक एसिड । यह व्यापक रूप से
प्रकृति में फैला हुआ है और दवा और खाद्य
उद्योग में प्रयोग किया जाता है । खून के
संरक्षण के लिए - साइट्रिक एसिड
( citrates ) के साल्ट एसिड , संरक्षक ,
स्टेबलाइजर्स , और चिकित्सा क्षेत्र में और
खाद्य उद्योग में उपयोग किया जाता है ।
बिलकुल सलामत है, लस्सी, छास, दही, खट्टे
फल में भी होता है ।
Aromas - अज्ञात खुशबूदार योजक ।
अज्ञात इस लिए की इसे छुपाना है ।
बहाना मोनोपोली का बताया गया है,
स्पर्धा के कारण दुसरा कोइ ईसका उपयोग
ना करे । लेकिन बात इस तरह लिक हुई है
की ये पदार्थ मानव भ्रुण के किडनी के सेल्स
से बना है । लिक की गई बात सच या जुठ, उस
के पिछे वर्ल्ड पोलिटिक्स का एजन्डा काम
कर रहा है । दुनिया के
देशों की जनता का धर्म भ्रष्ट करना है ।
जैसे १८५७ में भारतिय सनिकों का धर्म भ्रष्ट
करने के लिए कारतूस में गाय और डुक्कर
की चरबी मिलाई गई थी । वो कारतूस सिल
मुंह से तोडना होता था ।

E211 

- सोडियम Benzoate । यह बैक्टीरियल
और एंटी फंगल एजेंट के रूप में कुछ खाद्य
उत्पादन में प्रयोग किया जाता है । यह
एस्पिरिन के प्रति संवेदनशील हैं , जीन
को अस्थमा है ऐसे लोगों के लिए सिफारिश
नहीं है । ब्रिटेन के शेफील्ड विश्वविद्यालय के
पीटर पाईपर द्वारा किए गए एक अध्ययन से
पता चला है कि ये डीएनए के लिए महत्वपूर्ण
नुकसान का कारण बनता है । उनके शब्दों के
अनुसार , इस प्रिजर्वेटिव में एक सक्रिय घटक
सोडियम बेंजोएट है वो डीएनए को नष्ट
नही करता लेकिन उसे निष्क्रिय करता है । यह
सिरोसिस और पार्किंसंस रोग जैसे
अपक्षयी रोगों को जन्म दे सकता है ।
तो, क्या समज में आया ?
खैर, यह कोका कोला का "गुप्त नुस्खा"
सिर्फ एक विज्ञापन का खेल है और कुछ
नही । कैसा भी सिक्रिट हो हम जान गये हैं
की ये प्रिजर्वेटिव, खाद्य कलर,
स्टेबिलाईजर्स आदी कोकीन का एक कमजोर
समाधान है और हमारे लिए तो ये लिगल
कोकेन ऍडिक्शन और शुद्ध जहर है ।

अगर, आप कोका कोला के बिना जीवन
की कल्पना नहीं कर सकते, तो निम्न
सिफारिशों का लाभ उठाओ:

- अमेरिका में खूद कोका कोला के कई
वितरक इस पेयजल से अपने ट्रक
इंजनों की सफाई करते हैं तो भारत में आप
को कौन रोकता है ।

अमेरिका में कई पुलिस अधिकारी अपनी कार
में कोका कोला की बोतल रखते हैं । कोइ
दुर्घटना होती है तो वो इस से सड़क से खून
के दाग साफ करते हैं ।

- कोका कोला कारों के क्रोम सतहों पर से
जंग के दाग को हटाने के लिए एक महान
प्रवाही है । कार बैटरी से जंग हटाने के लिए,
कोक के साथ यह डालना और जंग गायब
हो जाएगा ।

- इसमें डुबाया कपडा कुछ मिनिट जंग खाये
नट-बोल्ट के उपर घुमाओं वो आसानिसे खुल
जायेगा ।

-अच्छा डिटर्जन्ट है, कपड़े से दाग को साफ
करने के लिए, गंदे कपड़े पर
कोका कोला डालना, वाशिंग पाउडर जोड़
सकते हैं । और सामान्य रूप से कपड़े धोने
की मशीन चला सकते हैं । आप परिणाम से
आश्चर्यचकित हो जाएगी ।

- यह सस्ता है और प्रभाव पूरी तरह से
संतोषजनक है इस लिए भारत के कुछ किसान,
कीटनाशक की जगह
कोका कोला का उपयोग कर रहे हैं । आप
भी करिये ।
कोइ शक नही कि कोका कोला एक बेहतरिन
प्रोडक्ट है । लेकिन पीने के लिए नही, अन्य
उपयोग के लिए । प्रोपर उपयोग ढूंढ लो,
मजा आयेगा इस के उपयोग से ।

यहां कोका कोला के बारे में एक वीडियो है !
http://www.youtube.com/watch?v=gVyZiYbsvL

अधिक से अधिक शेयर कीजिये मित्रों।

पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए आपका तह दिल से धन्यवाद.

वन्दे मातरम्


इन्कलाब जिंदाबाद..

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