मुस्लिम एवं मनहूस सेकुलरों द्वारा अक्सर यह भ्रम फैलाया जाता है कि.... हमारे हिन्दू धर्म
में बहुत ज्यादा जातिवाद है ..... जबकि, इस्लाम में समानता की भावना है....!
इतना ही नहीं.... गद्दार सेकुलरों के मुंह से ऐसी बातें सुनकर.... आज तक मुस्लिमों ने अपने
लुटेरे पूर्वजों के कुकर्मों को छुपाने के लिए अब एक नया तर्क यह देने लगे हैं कि.... हिन्दू धर्म
में जातिवाद के कारण ही ..... बहुतायत में हिंदुओं ने इस्लाम स्वीकार कर लिया .... क्योंकि,
इस्लाम जातिवाद से अछूता था .... और, इस्लाम में काफी भाई-चारा था...!
लेकिन.. हकीकत यह है कि..... इस्लाम में जाति-व्यवस्था ... छुआ-छूत और आपसी घृणा के
हद तक मौजूद है...!
जैसा की सर्वविदित है कि..... इस्लाम मे शुरू से ही “शिया और सुन्नी” संप्रदाय ..... एक दूसरे
की जान के दुश्मन हैं, यह लोग सालों-भर आपस में ही लड़ते-मरते रहते हैं ...!!
इसके अलावा.... इस्लाम में .... अहमदिया, सलफमानी, शेख, क़ाज़ी, मुहम्मदिया, पठान
आदि भी जातियां हैं......... परन्तु हास्यास्पद है कि.... यह एक ही अल्लाह को मानते हुए भी
... वे एक मस्जिद में नमाज़ नहीं पढते ... और, सभी जातियों के लिए अलग अलग मस्जिदें
होती हैं .!!
भारतीय मुसलमान भले कितना भी.... देश से गद्दारी कर ... वंदे-मातरम गाने से मना करे....
अथवा भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने कि चेष्टा करता रहे..... लेकिन, उनकी स्थिति
वैश्विक इस्लामिक समाज में .... एक कुत्ते से भी बदतर है..... और, सउदी अरब, अरब
अमीरात, ओमान, कतर आदि अन्य अरब राष्ट्रों के मुस्लिम........ भारत, पाकिस्तान एवं
बंगलादेशी मुस्लिमों को नीच मुसलमान मानते हें .....और, इनसे छुआछूत मानते हैं ।
यहाँ तक कि....सउदी अरब के ऑफिसो मे तो...... भारत और पाक के मुसलमानों के लिए
पानी तक.... अलग रखा रखता है |
जहाँ तक बात रह गई शादी-ब्याह कि तो.... शेख अपने आपको सबसे उपर मानते हैं और वे
किसी अन्य जाति में निकाह नहीं करते.
और तो और..... चूँकि इंडोनेशिया में अभी हाल के 100 वर्ष पूर्व अनेकों बौद्ध और हिंदू
परिवर्तित होकर मुस्लिम बने थे.......इसी कारण सभी इस्लामिक राष्ट्र....इंडोनेशिया से घृणा
की भावना रखते हैं..
भारतीय मुस्लिमों का तो हाल ये है कि..... क़ाज़ी मुस्लिम, ''भारतीय मुस्लिमों'' को मुस्लिम
ही नहीं मानते... क्यूंकि, उन का मानना है के यह सब भी हिंदूधर्म से परिवर्तित हैं !
और, सिर्फ भारत ही क्यों..... अफ्रीका महाद्वीप के सभी इस्लामिक राष्ट्र जैसे मोरोक्को,
मिस्र, अल्जीरिया, निजेर,लीबिया आदि राष्ट्रों के मुस्लिमों को ..... तुर्की के मुस्लिम सबसे
निम्न मानते हैं ।
और, सोमालिया जैसे इस्लामिक राष्ट्रों में तो... अपने बुजुर्गों को ''जीवित'' समुद्र में बहाने
की प्रथा चल रही है!
आप यह जानकर चकित ही हो जायेंगे कि.... भारत के ही बोहरा मुस्लिम किसी भी मस्जिद
में नहीं जाते, क्योंकि...वो सिर्फ मज़ारों पे जाते हैं... क्योंकि..उनका विश्वास मात्र सूफियों पे
है... अल्लाह पे नहीं !
अभी तक तो सिर्फ आपने इस्लामिक विभेद ही जाना है.....
अब जानिये .. इस्लाम के अंदर मौजूद जाति-प्रजाति ..... एवं छुआछूत को.....
दरअसल....मुस्लिमों में दो सामाजिक विभाग हैं-
१. अशरफ अथवा शरु ...और , २. अज़लफ।
अशरफ से तात्पर्य है..... 'कुलीन' .....और, शेष अन्य मुसलमान जिनमें व्यावसायिक वर्ग
और निचली जातियों के मुसलमान शामिल हैं... उन्हें अज़लफ अर्थात् नीच अथवा निकृष्ट
व्यक्ति माना जाता है.. और, उन्हें कमीना अथवा इतर कमीन या रासिल, जो रिजाल का
भ्रष्ट रूप है, 'बेकार' कहा जाता है।
कुछ स्थानों पर एक तीसरा वर्ग 'अरज़ल' भी है, जिसमें आने वाले व्यक्ति सबसे नीच समझे
जाते हैं।
और, उनके साथ कोई भी अन्य मुसलमान मिलेगा- जुलेगा नहीं और न ही उन्हें मस्जिद और
सार्वजनिक कब्रिस्तानों में प्रवेश करने दिया जाता है।
१. 'अशरफ' अथवा उच्च वर्ग के मुसलमान ..... अपने नाम के साथ...... सैयद, शेख, पठान,
मुगल, मलिक और मिर्ज़ा.... जैसे उपनाम लगाते हैं... !
२. 'अज़लफ' अथवा निम्न वर्ग के मुसलमान......
(A) इस्लाम के उस भाग में..... खेती करने वाले शेख और अन्य वे लोग आते हैं......जो
मूलतः हिन्दू थे, किन्तु किसी बुद्धिजीवी वर्ग से सम्बन्धित नहीं थे... इसीलिए , जिन्हें
अशरफ समुदाय, अर्थात् पिराली और ठकराई आदि में प्रवेश नहीं मिला है।
(B) दर्जी, जुलाहा, फकीर और रंगरेज।
(C) बाढ़ी, भटियारा, चिक, चूड़ीहार, दाई,धावा, धुनिया, गड्डी, कलाल, कसाई, कुला,
कुंजरा,लहेरी, माहीफरोश, मल्लाह, नालिया, निकारी।
(D) अब्दाल, बाको, बेडिया, भाट, चंबा, डफाली, धोबी, हज्जाम, मुचो, नगारची, नट,
पनवाड़िया, मदारिया, तुन्तिया।
३. जबकि.... ' अरजल' अथवा निकृष्ट वर्ग में..... भानार,हलालखोदर,हिजड़ा , कसंबी,
लालबेगी, मोगता, मेहतर.... आदि आते हैं....!
अब आप खुद ही सोचें कि..... कि ... जहाँ मुस्लिम अल्लाह एक, एक कुरान, एक .... नबी
और आपस में महान एकता बतलाते हैं ....
वहीँ .... शिया और सुन्नी .....सभी मुस्लिम देशों में एक दूसरे को मार रहे हैं ...और,
अधिकांश मुस्लिम देशों में.... इन दो संप्रदायों के बीच हमेशा धार्मिक दंगा होता रहता है..!
और सिर्फ... इतना ही नहीं... शिया को.., सुन्नी मस्जिद में जाना मना है .
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इन दोनों को.. अहमदिया मस्जिद में नहीं जाना है.
और, ये तीनों...... सूफी मस्जिद में कभी नहीं जाएँगे.
फिर, इन चारों का मुजाहिद्दीन मस्जिद में प्रवेश वर्जित है..!
किसी बोहरा मस्जिद मे कोई दूसरा मुस्लिम नहीं जा सकता साथ ही....कोई बोहरा का किसी
दूसरे के मस्जिद मे जाना वर्जित है ..
बात यहीं नहीं रुकती ... बल्कि. आगा खानी या चेलिया मुस्लिम का भी अपना अलग
मस्जिद होता है .
ये इस्लामी जातिवाद का ही नतीजा है कि.....सबसे ज्यादा मुस्लिम किसी दूसरे देश मे नही
बल्कि मुस्लिम देशो मे ही मारे गए है .. और, आज भी सीरिया मे करीब हर रोज एक हज़ार
मुस्लिम हर
रोज मारे जा रहे है .
आपको तो याद ही होगा कि....अपने आपको इस्लाम जगत का हीरों बताने वाला सद्दाम
हुसैन ने करीब एक लाख कुर्द मुसलमानों को रासायनिक बम से मार डाला था ...
और, आज भी पाकिस्तान मे हर महीने शिया और सुन्नी के बीच दंगे भड़कते है ।
"वास्तव में मुसलमान उस संतरे की तरह है , जो देखने में एक लगता है ,लेकिन उसके
अन्दर फाकें ही फांकें है ....
और....मुसलामानो के कई फिरके ऐसे भी है जो एक दुसरे को फूटी आँखों से नहीं देखना
चाहते है .
फिर भी हास्यास्पद तरीके से ..... सारे मूर्ख मुसलमान बस एक सपना देख रहे है कि
.......जैसे -जैसे मुसलमान सूअरों की तरह जनसंखया बढ़ाते जायेगे .... वे और मजबूत होते
चले जायेंगे ....
लेकिन यह मुसलमानों का केवल सपना ही है ......क्योकि, जैसे जैसे मुसलमान बढ़ेंगे उतने
ही लड़ेंगे.....और, इनको परास्त करने में कोई देर नहीं लगेगी .....बस केवल प्रयास करने
की,जरूरत है.....और उचित समय की देर है !
जय महाकाल...!!!
Disclaimer : यह लेख किसी भी समुदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाने या उन्हें
अपमानित करने के लिए नहीं लिखी गयी है.... फिर भी यदि किसी की धार्मिक भावना आहत
होती है या उन्हें अपमान लगता है तो..... जो उखाड़ना है उखाड़ लो....!
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