Wednesday, 20 August 2014

खुलेगा कालेधन का राज, SC के पास पहुंची रिपोर्ट!

एसआईटी की कोशिशों की सराहना

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस लाने की विशेष जांच दल (एसआईटी) की कोशिशों की सराहना करते हुए कहा कि कुछ प्रगति हुई है।

सर्वोच्च अदालत ने यह टिप्पणी एसआईटी की ओर से दाखिल की गई पहली अंतरिम रिपोर्ट के अंशों पर की। इस जांच दल का गठन शीर्षस्थ अदालत के निर्देश पर केंद्र सरकार ने जस्टिस एमबी शाह के नेतृत्व में किया था।

जस्टिस एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली पीठ ने एसआईटी की ओर से सीलबंद लिफाफे में दाखिल की गई रिपोर्ट के मद्देनजर कहा कि काला धन मामले में कुछ प्रगति हुई है।


हालांकि पीठ ने याचिकाकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी की ओर से उस दलील को अस्वीकार कर दिया, जिसमें रिपोर्ट की विषय-वस्तु मुहैया कराए जाने की मांग की गई थी। शीर्षस्थ अदालत ने कहा कि हमने अंतरिम रिपोर्ट देख ली है।

रिपोर्ट पूरी तरह से गोपनीय है


र‌िपोर्ट पूरी तरह से गोपनीय है 


यह पूरी तरह से गोपनीय है। पीठ में जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई व जस्टिस मदन बी लोकुर शामिल थे। 

शीर्षस्थ अदालत ने हालांकि जेठमलानी और उनके अधिवक्ता को एसआईटी और उसके सदस्यों से मिलने और उन्हें काला धन वापस लाने के लिए अपनाए जाने वाले तौरतरीकों पर सुझाव देने की अनुमति प्रदान कर दी। 

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि जेठमलानी और उनके अधिवक्ता को एसआईटी के सदस्यों से मिलने और उन तौरतरीकों के बारे में सुझाव देने के पूरी छूट है, जिसके जरिए विदेशी बैंकों में जमा काले धन को वापस भारत ला जा सके। 




पीठ ने साथ ही केंद्र सरकार को जर्मन प्राधिकारों से जेठमलानी के हुए संवाद पर जवाब देने को कहा है। 

दरअसल काला धन मसले पर जेठमलानी ने जर्मन प्राधिकारों को पत्र लिखे थे, जिसमें कथित तौर पर एक पूर्व प्रधानमंत्री का नाम उन लोगों की सूची में शामिल होने के बारे में कहा गया है, जिन्होंने विदेशी बैंकों में काला धन जमा कर रखा है।


पूर्व जस्टिस एमबी शाह के नेतृत्व में SIT

पीठ ने जेठमलानी को जर्मन प्राधिकारों को लिखे गए तीनों पत्रों को एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एनके कौल को सौंपने को कहा, जो सक्षम प्राधिकार से इस मसले पर निर्देश लेंगे और 11 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई में अदालत में बयान के तौर पर पेश करेंगे।

पीठ ने कहा कि एसआईटी इस मामले में आगे बढ़े और अगले दो माह में अदालत के समक्ष अपनी अगली रिपोर्ट पेश करे। याद रहे कि शीर्षस्थ अदालत ने राम जेठमलानी के आग्रह पर पूर्व जस्टिस एमबी शाह के नेतृत्व में एसआईटी के गठन का आदेश दिया था। 

सेवानिवृत्त जस्टिस शाह को जांच दल के चेयरमैन और अरिजित पसायत को उप चेयरमैन हैं, जो इस मामले में सरकार का मार्गदर्शन करेगा और देश व विदेश में जमा काले धन के सभी मामलों पर जांच का निर्देश जारी करेगा।

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