कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की परीक्षाओं में फर्जीवाड़ा रोकने
के लिए
लगातार प्रयास जारी हैं। एसएससी की ओर से यह अनिवार्य कर दिया गया है कि
यदि
ओएमआर पर बायें हाथ के अंगूठे की छाप नहीं लगी है तो उनके आंसर सीट
का मूल्यांकन नहीं
होगा।
ऐसे अभ्यर्थियों को परीक्षा में शून्य अंक दिए जाएंगे। बोर्ड की ओर से यह फर्जीवाड़ा परीक्षा में
असली परीक्षार्थी की जगह किसी दूसरे को बैठने से रोकने के लिए किया गया है।
कर्मचारी चयन आयोग पहली बार संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा 2013
के रिजल्ट में यह व्यवस्था लागू कर दी है। आयोग की ओर से नई व्यवस्था हाल
के दिनों में परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े को रोकने के लिए की गई है।
सीजीएल 2013 में हुए फर्जीवाड़े के कारण कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच
की रिपोर्ट पर अप्रैल, मई 2013 में हुई परीक्षा को निरस्त कर दिया था। इसके
बाद फिर से परीक्षा कराई गई थी।
एसएससी की ओर से नई व्यवस्था के तहत अभ्यर्थियों को आगाह किया गया है
कि वह आंसर सीट (ओएमआर) पर बायें हाथ के अंगूठे की छाप अवश्य लगाएं, नहीं तो शून्य अंक मिलेगा।
आयोग की ओर से अभ्यर्थियों को कहा गया है कि रोलनंबर गलत तरीके से कोड
करने, टिकट नंबर ओएमआर पर सही नहीं भरने पर भी जीरो अंक मिलेंगे।
एसएससी ने गलत तरीके से रोलनंबर कोड करने वाले परीक्षार्थियों के अंकों का
विवरण भी नहीं जारी करने का निर्णय किया है।
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