Friday, 15 August 2014

चेक बाउंस हुआ तो डबल जुर्माने के साथ हो सकती है जेल, जानें कैसे बचें इससे

चेक बाउंस हुआ तो डबल जुर्माने के साथ हो सकती है जेल, जानें कैसे बचें इससे

बिजनेस चाहे छोटा हो या बड़ा, उसमें बैंकों का एक अहम रोल रहता है। आए दिन किसी किसी काम के लिए चेक इश्यू करना पड़ता है। कभी यह चेक अपने किसी सप्लायर को पैसों के भुगतान के लिए इश्यू किया जाता है, तो कभी अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार को पैसे देने के लिए। कई बार ऐसा भी होता है कि आपके अकाउंट में पर्याप्त राशि होने के कारण आपका चेक बाउंस हो जाता है।

ऐसी स्थिति में कोई भी चेक इश्यू करने से पहले ध्यान रखें कि अगर किसी का चेक बाउंस होता है तो बैंक डबल जुर्माना लगाते हैं। एक तो जहां से चेक इश्यू हुआ होता है और दूसरा वहां जहां पर यह चेक जमा किया जाता है। इतना ही नहीं, चेक बाउंस होना एक अपराध है, जिसके लिए जेल भी हो सकती है।

जब भी आप अपने किसी दोस्त को कोई चेक इश्यू करते हैं तो दो चीजें बहुत ही ध्यान रखने की होती हैं-

1- आपके दोस्त पर जुर्माना लगेगा, जहां पर वह इस चेक को जमा करेगा।

2- यदि आपका चेक किसी लोन के भुगतान का है और बाउंस हो जाता है तो चेक बाउंस होने का जुर्माना तो आपको देना ही होगा, साथ ही भुगतान में देरी के लिए भी अतिरिक्त राशि देनी होगी।



चेक बाउंस हुआ तो डबल जुर्माने के साथ हो सकती है जेल, जानें कैसे बचें इससे

कैसे बचें चेक बाउंस होने की दिक्कत से

अगर सीधे इससे बचने की बात कहें तो अपने अकाउंट में पर्याप्त राशि रखें और अपने चेक को बाउंस होने दें। सामान्यतया लोन के भुगतान के समय आपके अकाउंट में सैलरी आने के बाद से शुरू होता है। कभी-कभी आपकी सैलरी आने में देरी हो जाती है और आप यह नोटिस नहीं करते हैं कि आपके अकाउंट में पर्याप्त राशि नहीं है।

इसका परिणाम यह होता है कि आपके लोन के भुगतान का चेक बाउंस हो जाता है। यह और भी गंभीर हो जाता है, जब आपने कई सारे लोन लिए होते हैं और उन सभी का भुगतान करना होता है।

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जुर्माने की नहीं है कोई निर्धारित राशि

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने और ही इंडियन बैंक एसोशिएसन (IBA) ने जुर्माने के रकम की कोई अधिकतम या फिर न्यूनत सीमा निर्धारित की है। चेक के बाउंस होने पर जुर्माने की राशि बैंकों के द्वारा ही निर्धारित की जाती है।

जब काम करने की लागत बढ़ने लगती है और लोन से मिलने वाला ब्याज कम होने लगता है तो कंपनी अपने खर्चे की भरपाई के लिए दूसरे रास्ते देखती है। जब कोई ग्राहक चेक इश्यू करता है तो यह उसकी जिम्मेदारी है कि वह अपने अकाउंट में पर्याप्त राशि रखे।

अगर चेक बाउंस होता है तो बैंक को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह चेक आपके अकाउंट में सैलरी आने की वजह से बाउंस हुआ है या फिर किसी और कारण से, इसलिए यह तो ग्राहक पर निर्भर करता है कि वह इस मामले में कितनी सजकता दिखाता है।

चेक बाउंस हुआ तो डबल जुर्माने के साथ हो सकती है जेल, जानें कैसे बचें इससे

घाटे को पूरा करने के लिए बैंक लेते हैं दूसरी चीजों का सहारा

बैंकों के द्वारा चेक बाउंस होने पर जुर्माना लगाने के पीछे भी एक कारण है। पहले के सिस्टम में बैक काफी सारी छुपी हुई कमाई भी करते थे। उदाहरण के लिए पहले बैंक आपके अकाउंट पर ब्याज 10 तारीख से लेकर महीने की आखिरी तारीख तक सबसे कम बैलेंस पर देता था, लेकिन अब यह राशि रोजाना के हिसाब से दी जाती है। इस कारण से बैंक अब कोई छुपी हुई कमाई नहीं कर पा रहे हैं और अपने इस घाटे को पूरा करने के लिए उन्हें दूसरी चीजों का सहारा लेना पड़ता है।

 जानें चेक बाउंस होने पर क्या हो सकती है सजा

अपराध और सजा

यदि कोई चेक पर्याप्त राशि ना होने की वजह से बाउंस हो जाता है तो यह एक अपराध है। जिस व्यक्ति को आपने चेक इश्यू किया है, वह आपके खिलाफ नेगोशिएसन इंस्ट्रुमेंट्स एक्ट के सेक्शन 138 के तहत मुकदमा दर्ज करा सकता है। यदि चेक बैंक के फेवर में इश्यू किया गया है तो बैंक केस दर्ज करा सकता है। इस अपराध के लिए जेल हो सकती है और जुर्माने के तौर पर चेक की पूरी राशि ली जा सकती है।


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