Saturday, 11 October 2014

इन कारणों से शरीर होता है कमजोर

एक रानी को चुभती थीं पंखुड़ियां भी, इन कारणों से शरीर होता है कमजोर

हमारे आसपास कई ऐसे लोग हो सकते हैं जो बहुत नाजुक हैं। नाजुक लोगों के शरीर पर मौसम परिवर्तन का भी बुरा असर होता है। हर छोटे-छोटे परिवर्तन से वे बीमार हो जाते हैं। ऐसे शरीर वाले लोग बहुत कमजोर होते हैं और वे श्रम भी नहीं कर पाते हैं। शरीर की ऐसी कमजोरी को दूर करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। यहां पढ़िए एक ऐसी रानी की कहानी जो बहुत नाजुक थी। इस रानी को फूलों की पंखुडिय़ां से भी चुभन होती थी। इस कहानी में बताया गया है कि किस प्रकार शरीर की कमजोरी को दूर किया जा सकता है...

कौशल नरेश की रानी इतनी नाजुक मिजाज थी कि अधखिली कलियों के बिछौने पर ही उसे नींद आती थी। एक रात कुछ खिली हुई कलियां भी गईं। उनकी पंखुड़ियों से रानी के शरीर में चुभन होने लगी और नींद उसकी आंखों से कोसों दूर भाग गई। उसकी दशा देखकर राजा के मुंह से निकल गया, ‘ मजदूरों को तो ठंडी जमीन और पत्थरों पर भी नींद जाती है और तुम्हें फूल भी चुभ रहे हैं।

इन शब्दों ने रानी को आहत कर दिया। उसने राजसी वेशभूषा त्यागकर मजदूर का जीवन अपनाने की घोषणा कर दी। उसने राजा से कहा कि वह दो वर्ष तक उसकी खोज बिल्कुल नहीं करेगा। दो साल बाद वह खुद ही लौट आएगी। अगले दिन रानी ने पड़ोसी राज्य की राह पकड़ी। वहां उसने देखा कि राजा का नया महल बन रहा था।

रानी वहां मजदूरी करने लगी। आरंभ में उसे बहुत दिक्कत हुई, क्योंकि ऐसे परिश्रम की उसे आदत नहीं थी, किंतु उसने हार नहीं मानी। वह कठोर परिश्रम करती और रूखा-सूखा खाकर चटाई पर सो जाती। अब उसे तत्काल नींद जाती। संयोगवश दो वर्ष बाद उसके पति का पड़ोसी राजा के यहां आना हुआ। नया महल देखते समय उसने अपनी रानी को पहचान लिया।

पड़ोसी राजा को ज्ञात हुआ कि वह तो रानी है। उसने तत्काल रानी को आदर देकर मजदूरी के कार्य से मुक्त किया और क्षमा मांगी, किंतु रानी ने प्रसन्न होकर कहा, ‘मैं तो आपकी आभारी रहूंगी, क्योंकि आपके यहां आकर मैंने परिश्रम का महत्व जाना।रानी अपने राज्य लौट आई, किंतु परिश्रम करना फिर कभी नहीं छोड़ा। कथा परिश्रम की महत्ता को रेखांकित करती है। परिश्रम का अभाव अनेक बीमारियों को जन्म देता है। अत: परिश्रम हमारे जीवन का अनिवार्य अंग होना चाहिए।

यदि हम बहुत अधिक शारीरिक श्रम नहीं कर सकते हैं तो कौन से उपाय करें,

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उपाय करें...

- हर रोज सुबह-सुबह कुछ देर योगा-व्यायाम अवश्य करना चाहिए।
- हर रोज कुछ देर टहलने का नियम बनाएं।
- लंबे समय तक एक ही स्थान पर नहीं बैठना चाहिए। यदि आपका सीटिंग जॉब है तो थोड़ी-थोड़ी देर में उठकर टहल लेना चाहिए।
- खान-पान का विशेष ध्यान रखें। संतुलित आहार लें। अधिक वसा युक्त और अधिक तैलीय भोजन से बचें।
- रात को देर रात जागने से बचें और सुबह जल्दी उठने का नियम बनाएं।
- खाना खाने के बाद कुछ देर वज्रासन में बैठना चाहिए। ऐसा करने पर भोजन आसानी से पचता है, पाचन तंत्र को मदद मिलती है।
- नियमित रूप से फलों के रस का सेवन करें।
- दूध का सेवन हर रोज करें।


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