कब क्या कहें और क्या न कहें, यह तो आप मौके की नजाकत से तय करते हैं लेकिन बात जब औरतों से बातचीत की हो तो थोड़ा एहतियात जरूरी है।
ऐसी कई चीजें हैं जिन्हें अगर आप अपनी साथी के आगे खुलकर कह दें तो यह आपके संबंध को कमजोर करने की बड़ी वजह हो सकती हैं। ये बातें न केवल शिष्टाचार के लिहाज से ठीक नहीं है बल्कि आपकी इमेज को भी प्रभावित कर सकती हैं।
जानिए,
ऐसी तीन बातों के बारे में जिन्हें पुरुषों को महिलाओं से सीधे कभी नहीं कहना चाहिए। जी हां, महिलाएं इन बातों को सुनना कभी पसंद नहीं करेंगी।
मां से हर समय अपने साथी की तुलना करना
'मां से अच्छा खाना कोई नहीं बना सकता', अक्सर
ऐसी बातें आप अपनी बीवी से तब कहते हैं जब आपसे वह पूछती हैं कि खाना कैसा बना है
तो जान लें कि यह उन्हें कभी न भाएगा।
मां की तारीफ करने में हर्ज नहीं है लेकिन अपनी प्रेमिका या बीवी के सामने हर समय
अपनी मां की तारीफ करने से आप अच्छे बेटे बने या न बनें, उन्हें जरूर दुख
पहुंचाएंगे।
इसका मतलब यह भी नहीं कि आप अपने साथी के आगे अपनी मां की कमियां निकालें क्योंकि
इससे भी उनके मन में असुरक्षा का भाव हो सकता है।
महिलाओं को जिम्मेदार और आत्मविश्वास से भरपूर पुरुष ही भाते हैं न कि 'मम्माज़
ब्वॉय'।
डेट पर मिल रहे हैं और उनका पहनावा आपको पसंद नहीं
आया। ऐसे में अगर आप मिलते ही पहनावे की बुराई करना शुरू कर देंगे तो आप अपना
प्रभाव ही कम करेंगे।
अगर आपको अपनी साथी का ड्रेसिंग सेन्स पसंद नहीं तो आप उन्हें बेहतर विकल्पों की
जानकारी दें न कि उनके पहनावे की बुराई करें। मसलन, उनपर पीला रंग नहीं अच्छा लगता
तो आप कह सकते हैं कि तुम पर नीला रंग अच्छा लगता है बजाय यह कहने कि पीला रंग न
पहना करो।
यकीन मानिए, आपसे मुलाकात के लिए वह पूरे मन से तैयार होती हैं और आपके मुंह से दो
शब्द तारीफ के ही सुनना चाहती हैं।
किसी
रेस्तरां में आपकी पहली डेट आखिरी हो सकती है अगर आप बिल में आधा-आधा हिस्सा देने
की बात करें तो।
महिलाएं पुरुषों के साथ समानता की बातें कितनी ही करें लेकिन सवाल जब डेट पर खर्च करने का होता है तो उनकी ख्वाहिश यही होती है कि पुरुष पहल करें।
आप इसे एक तरह का शिष्टाचार ही समझें और बिल देने के समय उनसे हिसाब करने के बजाय खुद खर्च करने की बात करें। जरूरी नहीं कि आप ही को खर्च करना पड़े, लेकिन आपका शिष्टाचार उन्हें जरूर भाएगा।
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