मौसमी बुखार, सर्दी, खांसी और गले की खराश जैसी समस्याएं आम तौर पर ठंड के मौसम में बच्चों में खूब होती हैं। ठंड अब दस्तक देने ही वाली है। ऐसे में, मां-बाप का परेशान होना स्वाभाविक है। जल्दी बीमारी ठीक करने के चक्कर में नौनिहालों को एंटीबायोटिक्स और रसायनयुक्त दवाएं देना घातक भी हो सकता है। तो फिर क्या किया जाए? समाधान दरअसल हमारे इर्द-गिर्द ही है और यह समाधान जड़ी-बूटियों में ही निहित है। चलिए, आज जिक्र करते हैं आदिवासियों के कुछ हर्बल नुस्खों का। इनका इस्तेमाल कर हम बच्चों की इन समस्याओं से निजात पा सकते हैं।
बच्चों की सेहत की दुरुस्ती और हर्बल नुस्खों के संदर्भ में रोचक जानकारियों और परंपरागत हर्बल ज्ञान का जिक्र कर रहे हैं डॉ. दीपक आचार्य (डायरेक्टर-अभुमका हर्बल प्रा.
लि. अहमदाबाद)। डॉ. आचार्य पिछले 17 सालों से अधिक समय से भारत के सुदूर आदिवासी अंचलों जैसे पातालकोट (मध्य प्रदेश),
डांग (गुजरात)
और अरावली
(राजस्थान) से आदिवासियों के पारंपरिक ज्ञान को एकत्रित कर उन्हें आधुनिक विज्ञान की मदद से प्रमाणित करने का कार्य कर रहें हैं।
1. अडूसा के पत्तों के रस (6 मि.ली.) को शहद (4 मि.ली.) में मिलाकर बच्चों को पिलाने से खांसी और गले की खराश में राहत मिलती है।
2. प्याज़ का रस और शहद का मिश्रण सर्दी और खांसी में काफी फायदेमंद होता है। एक बड़ा चम्मच प्याज का रस डेढ़ चम्मच शहद में मिलाकर तीन-चार घंटे तक रखा जाए और फिर इसे सर्दी-जुकाम से पीड़ित बच्चे को दिया जाए तो जल्द आराम मिल जाता है।
3. खांसी होने पर डांग-गुजरात के आदिवासी एलोवेरा की पत्तियों को भूनकर उनका रस निकालते हैं। इस रस में शहद और लौंग का चूर्ण मिलाया जाता है। इस मिश्रण को दिन में दो बार बच्चों को देने से काफी राहत मिलती है।
4. खांसी और बुखार के इलाज के लिए हर्बल जानकार धनिया और अजवायन
के बीज और तुलसी के सूखे पत्तों की समान मात्रा लेकर काढ़ा बनाकर बच्चों को पिलाते
हैं।
5. शतावरी की जड़ को पीसकर (2 ग्राम) गुनगुने पानी के साथ यदि बच्चों
को दिया जाए तो सर्दी और खांसी में आराम मिलता है। यह बुखार नियंत्रण में भी काफी कारगर
है।
6. सूखी खांसी को ठीक करने के लिए बच्चों को दिन में दो बार पके हुए जाम फल खिलाते हैं। कई गांवों में आदिवासी कच्चे जाम फल को कोयले की आंच में भूनकर खाते हैं। इससे सर्दी और खांसी में तेजी से आराम मिलता है।
7. ताजा अदरक कुचलकर उसका रस निकाल एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर दिन में 3 से 4 बार बच्चों को दिया जाए तो खांसी में तेजी से आराम मिलता है। ऐसा तीन दिनों तक लगातार किया जाना चाहिए।
8. डांग-गुजरात के हर्बल जानकार काफ़ी लंबे समय से चली आ रही खांसी को ठीक करने के लिए इंद्रायण के फल में चीरा लगाकर उसमें काली मिर्च के 4 बीज भरकर लगभग 5 दिन सूर्य की रोशनी में रखते हैं। इस सूखे फल को शहद के साथ बच्चों को खिलाया जाता है। इससे खांसी में बहुत जल्दी आराम मिल जाता है।
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