लड़कियों से ऐसे करें बातचीत, तुरंत हो जाएगी इंप्रेस!
अक्सर लड़के इस बात से अंजान होते हैं वे
लड़कियों से कैसे बात करें? ऐसा नहीं है कि वे लड़कियों से बात करने में कतराते
हैं। बल्कि लड़के खासतौर पर उन लड़कियों से बात करने में घबराते हैं जिसे वे पसंद
करते हैं और इंप्रेस करना चाहते हैं।
साहिल के साथ भी कुछ ऐसी ही समस्या हैं। वे उस लड़की से बात करना चाहते हैं जो
दिखने में आकर्षक है और वे उसे पसंद करते हैं। साहिल को अपने ऊपर विश्वास है कि एक
बार उनकी बात उस लड़की से हो गई तो वे निश्चित तौर पर उसे अच्छा महसूस करवा
पाएंगे।
साहिल के जवाब में लवमैटर्स की एक्सपर्ट
बबली आंटी कहती हैं अरे पुत्तर, तू ना इस मुश्किल को लेकर अपनी नियत या इरादों की
चिंता ना कर। ऐसी कोई अच्छी या बुरी नियत नहीं होती।
ये सब दिमाग में होता है। अगर तू जोश में आगे नहीं बढ़ेगा तो अधिकतर औरतें तेरे
बुरे इरादों को भी 'अच्छा' समझेंगी। और ये सबसे आसान इशारा है लड़कियों से बातचीत
शुरू करने का।
वैसे पुत्तर, मुझे ना बड़ी ख़ुशी हुई जानकर कि तू औरतों को अच्छा और कम्फर्टबल
महसूस कराना चाहता है। बड़ा अच्छा बच्चा है तू तो। सही जा रहा है पुत्तर!
लेकिन रोज़ की ये इश्कबाज़ी में कोई अच्छे एहसास को कैसे मिला सकता है? भई, औरतें,
बिलकुल आप ही की तरह तवज्जो का मज़ा लेती है।
मेरे कॉलेज के दिनों में, मुझे तो बहुत मज़ा आता
था कम बोलने वाले लड़कों को चिढा़ने में। लेकिन जैसे ही उन लडकों में से कोई बोल
पड़ता था तो मैं खुद चुप हो जाती थी। क्यूंकि मुझे नहीं पाता वो मेरी इस छेड़छाड़
का क्या मतलब निकाल रहे थे।
अब क्या बोलूं मैं, दुर्भाग्यवश, अपने भारत में, औरतें जो इश्कबाज़ी करती है या
इश्कबाज़ी में कोई बुराई नहीं देखती, उन्हें 'आसान' का लेबल दे दिया जाता है, यानी
की ऐसी लड़कियां जिनके साथ कोई भी कैसे भी रिश्ता बना सकता है।
हाँ तो साहिल, तेरी मुश्किल है बातचीत कैसे शुरू
की जाए। सबसे पहला नियम - किसी फिल्म या टीवी प्रोग्राम से आइडिया ना ले। भारतीय
लड़की का दिमाग चकराया हुआ और डरा हुआ है और मर्दों के खिलाफ उसका प्रतिपक्ष हमेशा
तैयार है।
तो नहीं, उसका stalking से और उसे परेशान करने से वो तुझसे प्यार नहीं करने लगेगी।
और हाँ, ये घटिया बातों से कोई बहुत अच्छी बातचीत की शुरुआत भी नहीं होगी। उल्टा
उसकी रात की नींद भी उड़ जाएगी, पर उस तरह से नहीं जैसा तूने सोचा था।
पुत्तर जी, जो चीज़ काम करती है वो है अप्रत्यक्ष सोच। क्या कुछ ऐसे दोस्त है जो
तुम दोनों के दोस्त हो? उनको बोल ना की तेरे बारे में कुछ अच्छी बातें लड़की को
बताये। हाँ, अगर तुझे किसी पार्टी में कोई लड़की पसंद आती है, तो उसके पास जा और
बातचीत शुरू कर - इसमें कोई बुराई नहीं है।
सिर्फ इधर-उधर की कुछ बातें कर बिना कोई खुल्लमखुल्ला
संकेत दिए। थोडा मज़ाकिया बनने की कोशिश कर, कुछ साधारण चीज़ों के बारें बातें कर और
उसको प्रभावित करने की, ओये मेरा मतलब इम्प्रेस करने की कोशिश ना कर। जैसा है वैसे
रह और एक दम से ही उस पर लाइन ना मार। कम से कम पहले आधे घंटे के लिए तो नहीं।
इस पर ध्यान दे की उसकी प्रतिक्रिया यानी रिऐक्शन तेरी तरफ कैसा है। उसके हाव-भाव की भाषा को समझने की कोशिश कर। क्या वो लगातार तेरी तरफ देख रही है? या वो खुद तेरे साथ फ्लर्ट, मतलब इश्कबाज़ी करने की कोशिश कर रही है?
इसमें से चाहे कुछ भी हो, बेटा जी, किस्मत वाला तो तू ही है। अगर नहीं, तो मेरी ये सलाह है की तू पीछे हट जा। अपना बोरिया बिस्तर पैक कर और अपना जादू कहीं और जाके चला।
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