Friday, 3 October 2014

वाल्मिकी सदन = यहां से ही क्यों शुरू हुआ स्वच्छ भारत अभियान

राष्ट्रपिता यहां खुद लगाते थे झाड़ू

राष्ट्रपिता यहां खुद लगाते थे झाड़ू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी जयंती के मौके पर स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत कर रहे हैं। इस अभियान की शुरूआत के लिए दिल्ली के वाल्मिकी सदन और यहां बने वाल्मीकि मंदिर को चुना गया है।

इस जगह को ही इस अभियान की शुरूआत के लिए चुने जाने की खास वजह है। असल में वाल्मीकि मंदिर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने अप्रैल 1946 से एक जून 1947 तक का अपना समय बिताया था। इस मंदिर की सफाई महात्मा गांधी खुद करते थे।

इतना ही नहीं महात्मा गांधी ने यहीं से तत्कालीन वायसराय लार्ड इरविन को खत लिखा था जिसे गांधी-इरविन समझौते की शुरुआत माना जाता है। बाद में लार्ड माउंटबेटन भी यहां आए।

इस मंदिर में राजकुमारी अमृत कौर तथा लार्ड माउंटबेटन की पत्नी गांधीजी के साथ प्रार्थना सभा में शामिल होती थी। इस मंदिर में गांधीजी का चरखा, कपड़ा, ब्रश आदि रखा है।

करीब दो हजार की आबादी वाला वाल्मीकि सदन एक बार फिर सुर्खियों में है। गांधीजी इस मंदिर में 214 दिन रहे थे।

भागते हुए आए थे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री


इस इलाके से गांधीजी जी से जुड़ी बहुत से यादें हैं। यहां रहने वालों को महात्मा गांधी हमेशा बोलते थे, कि सफाई प्रभु का काम है। इसे सभी को करना चाहिए। उनकी प्रार्थना सभा में बड़े-बड़े लोग आते थे।


राष्ट्रपिता अपने प्रवास के दौरान वाल्मीकि समाज के बच्चों को शिक्षा देने का भी काम करते थे। गांधी जी यहां बने एक कच्चे चबूतरे पर बैठते थे और अपना प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम गाया करते थे। तब से लेकर अब तक, बहुत से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति इस इलाके का दौरा कर चुके हैं।

ऐतिहासिक वाल्मीकि मंदिर के के बारे में इस इलाके के प्रधान सुकाराम बताते हैं कि बिरला मंदिर से पहले इसकी स्थापना की गई थी। 1930 में इसे पक्का किया गया। बाद में इसका विस्तार होता रहा। महात्मा गांधी के अलावा यहां देश के लगभग सभी प्रधानमंत्री आए हैं।

एक वाकये का जिक्र करते हुए सुकाराम ने बताया कि एक बार वाल्मीकि सदन की गलियों से गांधीजी गुजर रहे थे। हम सभी साथ चल रहे थे। उस समय मकानों में खिड़की-जंगला नहीं था। गांधीजी एक मकान में घुसे। उसकी हालत देखी। फिर बाहर आकर गली में बैठ गए। किसी से बात भी नहीं की।

इसकी सूचना मिलते ही राजेंद्र प्रसाद जवाहर लाल नेहरू भागे-भागे आए। सवाल किया तो गांधी जी भड़क गए, देख रहे हो। आदमी क्या, मकानों में घोड़े भी नहीं रह सकते। कैसा इंतजाम है यहां। इसके बाद नेहरूजी ने गांधीजी से बात की। फिर चौबीस घंटे के अंदर सभी मकानों में खिड़की-रोशनदान लग गया।

गांधी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान शुरुआत कर रहे हैं।

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