अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिरती जा रही हैं। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 27 महीने के निचले स्तर 91 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई हैं। जिससे पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने की गुंजाइश बढ़ गई है।
अब डीजल की खुदरा बिक्री पर मुनाफा तीन रुपये से ऊपर पहुंच गया है, इसके बावजूद तेल कंपनियां सरकार पर डीजल के दाम में कटौती टालने का दबाव बना रही हैं।
ग्लोबल
रेटिंग एजेंसी फिच ने क्रूड ऑयल की कीमतें 80 डॉलर के नीचे आने की उम्मीद जताई है। अगर ऐसा हुआ तो तेल कंपनियों के मुनाफे में भारी इजाफा होगा।
डीजल पर मुनाफा 3 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा बढ़ा
पेट्रोलियम मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इंडियन बास्केट क्रूड ऑयल का दाम 7 अक्तूबर को 91.03 डॉलर प्रति बैरल तक गिर चुका है। जबकि इससे पहले पखवाड़े के दौरान यह 95.61 डॉलर था।
डॉलर के मुकाबले रुपया 61 रुपये के स्तर पर बना हुआ है। जिसके चलते तेल कंपनियों को डीजल की खुदरा बिक्री पर अब 3 रुपये से ज्यादा का मुनाफा हो सकता है।
करीब महीने भर से डीजल पर घाटे के बजाय मुनाफे को देखते हुए दिवाली से पहले डीजल सस्ता होने के प्रबल आसार हैं। कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट से मोदी सरकार को महंगाई से निपटने में काफी मदद मिलेगी। सरकारी खजाने पर तेल सब्सिडी का बोझ इस साल करीब 50 हजार करोड़ कम हो सकता है।
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