पुरुषों
में प्रीमैच्योर इजेकुलेशन यानी समय से पहले डिस्चार्ज होना एक बड़ी समस्या है। लेकिन अब इस समस्या का हल ढूंढने की कोशिश की गई है।
लव मैटर्स की खबर के मुताबिक, अब नए इलाज से पुरुषों की सेक्स लाइफ को बेहतर बनाया जा सकता है और उनकी प्रीमैच्योर इजेकुलेश की समस्या को भी दूर किया जा सकता है।
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के लिए समय से पहले स्खलन एक बड़ी समस्या होने के कारण उनका पूरा फोकस इसी बात पर रहता है कि इस समस्या से कैसे निजात पाएं।
एक्सपर्ट कहते है कि अब समय आ गया है जब पुरुषों को प्रीमैच्योर इजेकुलेशन की समस्या से बाहर निकाला जाए। यूएस टूलेन यूनिवर्सिटी के यूरोलॉजी एक्सपर्ट वान्ये हॉलस्ट्रोम के मुताबिक, कम से कम 20 में से एक पुरुष रोजाना प्रीमैच्योर इजेकुलेशन की समस्या से जूझता है।
और सबसे बड़ी समस्या ये है कि पुरुष अपनी इस समस्या पर बात करने से कतराते हैं।
आखिर प्रीमैच्योर इजेकुलेशन है क्या ?
बिग इंटरनेशल सर्वे के मुताबिक, अधिकत्तर पुरुष सेक्स मैराथन नहीं कर पाते यानी वे बहुत देर तक उत्तेजित नहीं रह पाते। औसतन पुरुष छह से साढ़े छह मिनट तक ही वैजाइनल इंटरकोर्स कर पाते हैं।
तो ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर प्रीमैच्योर इजेकुलेशन है क्या? सेक्सुअल मेडिसिन ऑफ कमिटी के एक्सपर्ट वान्ये हॉलस्ट्रॉम के मुताबिक, 2008 में प्रीमैच्योर इजेकुलेशन की सही परिभाषा सामने आई।
इसके मुताबिक, जो पुरुष 1 मिनट या उससे कम समय में डिस्चार्ज हो जाते वो प्रीमैच्योर इजेकुलेशन है। वान्ये हॉलस्ट्रॉम ये भी कहते हैं कि तनाव, फ्रस्टेशन और निराशा प्रीमैच्योर इजेकुलेशन के लिए प्रमुख रूप से जिम्मेदार हो सकते हैं।
'प्रीमैच्योर इजेकुलेशन पिल'
एक्सपर्ट के मुताबिक, पहले प्रीमैच्योर इजेकुलेशन सिर्फ दिमाग में रहता था लेकिन अब ये समस्या अब इतनी बढ़ गई है कि इसे एक फीजिकल समस्या माने जाने लगा है।
और इस समस्या के लिए समाधान के लिए वायग्रा जैसे ड्रग्स का इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से पुरुष लंबे समय तक उत्तेजित रह पाते हैं। लेकिन अब कुछ और ड्रग्स जैसे 'प्रीमैच्योर इजेकुलेशन पिल'भी आ गई है जो कि ऑन डिमांड मौजूद होंगी।
आंकड़ों
के मुताबिक, 'प्रीमैच्योर इजेकुलेशन पिल'का इस्तेमाल वायग्रा से ज्यादा होगा। लेकिन इसके इस्तेमाल से पहले पुरुषों को ये बताना होगा कि सचमुच उन्हें इसकी जरूरत है।
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