कोल्ड ड्रिंक्स में फलों का जूस मिलवाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को अमलीजामा पहनाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण विभाग सक्रिय हो गया है। इस मुद्दे पर जल्द ही देश की प्रमुख बेवरेज कंपनियों को बुलाकर चर्चा की जाएगी।
इस बीच केंद्र सरकार ने फलों के उत्पादन में अग्रणी यूरोपीय देशों की बेस्ट प्रैक्टिस (उम्दा उपायों) को समझना भी शुरू कर दिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी यात्रा से पहले पेप्सी, कोका कोला जैसी कंपनियों को कोल्ड ड्रिंक्स में कम से कम 5 फीसदी फलों का जूस मिलाने का सुझाव दिया था। उनका दावा है कि इससे देश भर के किसानों को फायदा पहुंचेगा।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री के सुझाव को आगे बढ़ाने के लिए हलचल तेज हो गई है।
मोदी के विजन को लेकर मंत्रालय शुरू करेगा योजना
मंत्रालय फल आधारित कोल्ड ड्रिंक्स को बढ़ावा देने
के लिए एक नई योजना शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसके अलावा मौजूदा कोल्ड ड्रिंक्स
में फलों के मिश्रण के मुद्दे पर जल्द ही बेवरेज कंपनियों को बातचीत के लिए बुलाया
जाएगा।
मोदी के इस मंत्र को कोल्ड ड्रिंक बनाने वाली कई घरेलू कंपनियां हाथों हाथ ले रही हैं। गुजरात की मनपसंद बेवरेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी ने मोदी के विजन को आगे बढ़ाते हुए फ्रूट जूस आधारित एरेटेड ड्रिंक्स को बढ़ावा दे रही है।
कंपनी के एमडी धीरेंद्र सिंह का कहना है कि हम ऐसे कोल्ड ड्रिंक्स बनाने के लिए रिसर्च कर रहे हैं, जो न सिर्फ हेल्दी हों, बल्कि स्वाद के मामले में अंतरराष्ट्रीय ब्रांड को टक्कर दे सकें। कंपनी का फ्रूट अप ब्रांड कोल्ड ड्रिंक फलों के जूस से बना है।
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