हरियाणा
और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की जंग निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। लोकसभा चुनाव के साढे़ चार महीने बाद हो रहे विधानसभा चुनाव की जंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कांग्रेस का प्रचार अभियान धीमा है। इसे लेकर कांग्रेस में चिंता बढ़ गई है।
मोदी ने चार अक्तूबर से अब तक महाराष्ट्र और हरियाणा में एक दर्जन से ज्यादा रैलियां कर चुनाव प्रचार अभियान में जान फूंक दी है। जबकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अभी तक दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत तक नहीं की है।
वह बुधवार को महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार करने जा रहे हैं। जबकि नौ अक्तूबर को वह हरियाणा में प्रचार करेंगे। पीएम मोदी जहां 13 अक्तूबर तक अपने चुनाव प्रचार अभियान में दोनों राज्यों में अकेले ही 50 से ज्यादा रैलियों में शिरकत करेंगे, वहीं सोनिया और राहुल मिलकर सिर्फ 20 रैलियां ही करेंगे।
मोदी ने दिखाई है तेजी
हरियाणा के कांग्रेस प्रभारी शकील अहमद का कहना
है कि पार्टी उपाध्यक्ष से अपने दौरों की संख्या बढ़ाने की अपील की गई है। हरियाणा
और महाराष्ट्र में चुनाव का ऐलान 12 सितंबर को हुआ था।
मोदी पिछले महीने अपनी जापान की विदेश यात्रा, चीन के राष्ट्रपति की भारत यात्रा
और उसके बाद अमेरिका यात्रा में व्यस्त रहे। अमेरिका से लौटने के बाद उन्होंने दो
अक्तूबर को स्वच्छ भारत अभियान में भी शिरकत की।
नवरात्र के मौके पर वह व्रत पर भी थे। कुछ दिनों बाद ही उन्होंने चार अक्तूबर को
अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की। दूसरी तरफ राहुल गांधी के अभी तक चुनाव दौरे
शुरू नहीं करने को लेकर पार्टी के अंदर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पार्टी
के अंदर दबी जुबान में नेता कह रहे है कि आखिर राहुल अभी तक क्या कर रहे और कहां थे। खराब स्वास्थ्य के चलते सोनिया गांधी के कम रैलियों में शिरकत करने को कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सही कदम मान रहे हैं।
मगर राहुल की निष्क्रियता को लेकर नाराजगी है। सोनिया को महाराष्ट्र में चार और हरियाणा में तीन रैलियों में शिरकत करनी है। महाराष्ट्र में सोनिया दो रैलियां कर चुकी हैं। वहीं राहुल को हरियाणा में चार और महाराष्ट्र में नौ रैलियों में शामिल होना है।
दूसरी तरफ पार्टी के अंदर यह भी चर्चा है कि राहुल इन दोनों राज्यों में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन की आशंकाओं को देखते हुए ज्यादा रैलियां करने से बच रहे हैं।
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