Wednesday, 8 October 2014

करवाचौथ को लेकर बड़ी उलझन, क्या कहते हैं ज्योतिषी

11 अक्तूबर को मनाया जाएगा करवाचौथ

सुहागन स्त्रियों का त्योहार करवाचौथ हर साल कार्तिक मास की कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 11 अक्तूबर को है।

कई वर्ष करवाचौथ की तिथि को लेकर ज्योतिषियों में मतभेद होता है लेकिन इस साल ऐसा कुछ भी नहीं है इसलिए सुहागन स्त्रियां 11 अक्तूबर को अपने पति की लंबी उम्र और दांपत्य जीवन में प्रेम और सद्भाव वृद्घि के लिए करवाचौथ का व्रत 11 अक्तूबर को रखेंगी।

लेकिन इस साल नई नवेली दुल्हन करवाचौथ का व्रत शुरु करें या करें इस बात को लेकर ज्योतिषियों में मतभेद बना हुआ है।

शिमला के ज्योतिषी पितांबर लाल शर्मा और यशपाल शर्मा के अनुसार 11 अक्तूबर शनिवार को आने वाले करवाचौथ के व्रत के समय नौ ग्रहों में से बृहस्पति ग्रह निंद्रा में लीन रहेंगे।

जिससे पहली बार व्रत रखने वाली सुहागिनों को उनके व्रत का पर्याप्त फल प्राप्त नहीं होगा।


तब करवाचौथ व्रत करने में अमंगल नहीं

तब करवाचौथ व्रत करने में अमंगल नहीं

इन ज्योतिषियों का मानना है कि, करवाचौथ व्रत में नौ ग्रहों की पूजा की जाती है। नौ ग्रहों में से इस बार करवाचौथ व्रत पर शुभ ग्रह बृहस्पति निंद्रा में लीन रहेंगे। इसलिए पहली बार करवाचौथ का व्रत रखने वालों के लिए इसका उचित लाभ नहीं मिलेगा और यह व्रत एक तरह से व्यर्थ जाएगा।

जबकि जाने माने ज्योतिषी पं. जयगोविंदशास्त्री का कहना है कि नई दुल्हनों के लिए इस साल भी व्रत शुरु करने में कोई दिक्कत नहीं है। जो सुहागन स्त्रियों कई वर्षों से करवाचौथ का व्रत करती रही हैं उन्हें अगर करवाचौथ व्रत करने का लाभ मिलेगा तो नई दुल्हनों को व्रत करने से व्रत का पुण्य लाभ भला क्यों नहीं मिलेगा।

करवाचौथ का व्रत चतुर्थी तिथि के दिन किया जाता है। चतुर्थी तिथि के स्वामी मंगलमूर्ति गणेश हैं। इसलिए चतुर्थी तिथि के दिन कई बड़े अशुभ योग होने पर भी उसका कुप्रभाव नहीं पड़ता है। इसलिए चतुर्थी तिथि के व्रत को लेकर किसी प्रकार के अमंगल का विचार नहीं करना चाहिए।

गुरु ग्रह का करवाचौथ व्रत पर प्रभाव

गुरु ग्रह का करवाचौथ व्रत पर प्रभाव

जहां तक गुरु के निद्रा में लीन होने की बात है तो गुरु सोया हुआ हो या जगा हुआ हो इसका करवाचौथ से कोई लेना देना नहीं है। भगवान विष्णु हर साल चतुर्मास में शयन करते हैं तो इसी दौरान गणेश चतुर्थी, नवरात्र और दीपावली का त्योहार मनाया जाता है।

इस दौरान ही भगवान विष्णु की अनंत पूजा होती है तो गुरु सोये हुए हैं तो उनकी पूजा क्यों नहीं हो सकती है। इसलिए नई नवेली दुल्हन किसी प्रकार की शंका मन में रखने की बजाय गणेश भगवान का ध्यान करते हुए इस साल से करवाचौथ का व्रत शुरु कर सकती हैं।

अब दोनों तरह के मत आपके सामने है तय कीजिए कि आपको इस साल करवाचौथ का व्रत शुरु करना है या नहीं?


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