Wednesday, 1 October 2014

मोदी-ओबामा के बीच शिखर वार्ता

मोदी-ओबामा के साझा बयान

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच लगभग दो घंटे चली शिखर वार्ता खत्म हो चुकी है। शिखर वार्ता के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी और ओबामा ने साझा बयान जारी किया। पढ़िए इस साझा बयान के मुख्य अंश-

- असैन्य परमाणु सहयोग करार को आगे बढ़ाने पर प्रतिबद्ध। दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा के मुद्दे को सुलझाने पर सहमति बनी।

- डब्ल्यूटीओ में भारत की खाद्य सुरक्षा चिंता का अमेरिका रखेगा ख्याल। भारत मुक्त व्यापार का समर्थन करता है, लेकिन खाद्य सुरक्षा भी जरूरी।

- भारत की लुक ईस्ट, लिंक वेस्ट नीति का अहम हिस्सा है अमेरिका। दोनों के बीच वैश्विक साझेदारी बहुत जरूरी।

- अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुद्दों पर दोनों देश के विचार समान। - अफगानिस्तान में सहयोग जारी रहेगा।

- रक्षा संबंधों को आगे बढ़ाएंगे। अमेरिकी रक्षा कंपनियों को भारत में निवेश का न्यौता।

- इबोला समस्या से निपटने के लिए 1.2 करोड़ डॉलर की सहायता देगा भारत।

- भारत और अमेरिका के बीच आर्थिक संबंधों का विस्तार होगा।

- दक्षिण और पश्चिम एशिया में आतंकवाद की चुनौतियों के साथ एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति के बारे में बात हुई।

- ओबामा को परिवार सहित भारत आने का न्योता दिया।

- इलाहाबाद, अजमेर, विशाखापट्टनम में स्मार्ट सिटी बनाने में अमेरिका सहयोग देगा।


ओबामा संग मोदी ने दी लूथर को श्रद्धांजलि

ओबामा संग मोदी ने दी लूथर को श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मंगलवार को एक साथ अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के नेता मार्टिन लूथर किंग जूनियर के मेमोरियल पहुंचे और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी।

कार्यक्रम में अंतिम क्षणों में हुए बदलाव के बाद ओबामा खुद मोदी को लेकर मेमोरियल गए। दोनों नेताओं ने मेमोरियल का एक चक्कर लगाया। इस दौरान ओबामा ने मोदी को इस जगह की महत्ता के बारे में बताया।

दोनों नेता व्हाइट हाउस में संयुक्त प्रेस वार्ता के बाद सीधे मेमोरियल स्थल गए। प्रारंभिक कार्यक्रम के अनुसार, मोदी को अकेले ही श्रद्धांजलि अर्पित करने जाना था।

भारत-अमेरिका ने किया साथ चलने का फैसला

भारत-अमेरिका ने किया साथ चलने का फैसला

भारत और अमेरिका ने साथ चलने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वाशिंगटन पोस्ट में एक लेख लिख कर पहले दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के संकेत दिए और फिर एक विजन स्टेटमेंट जारी कर इसे पुख्ता कर दिया।

वाशिंगटन में मंगलवार को भारत और अमेरिका की ओर से जारी साझा विजन स्टेटमेंटचलें साथ-साथ: फॉरवर्ड टुगेदर वी गोमें दोनों ने मिल कर आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने और जनसंहारक हथियारों का प्रसार रोकने का इरादा जताया। इसके साथ ही भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बड़ी भूमिका देने की भी संकेत दिए गए हैं।

विजन स्टेटमेंट में कहा गया है कि भारत और अमेरिका की साझेदारी पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श साबित होगी। स्टेटमेंट में आतंकवाद पर मोदी के विचारों की साफ झलक दिखी। पिछले कुछ दिनों से जारी अपनी अमेरिकी यात्रा में मोदी कई बार इस खतरे का जिक्र करते रहे हैं।

आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता

आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता

वाशिंगटन पहुंच कर ओबामा से मुलाकात से पहले न्यूयॉर्क मेंकाउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशनके कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आतंकवाद की चुनौतियों का गंभीरता से सामना करने की जरूरत है। यह बड़े दु: की बात है कि कई देश मानवता के दुश्मन इस आतंकवाद के बदसूरत चेहरे को समय से नहीं भांप नहीं पाए। आतंकवाद को राजनीतिक नफे और नुकसान के पैमाने पर नहीं आंका जा सकता। इसके खिलाफ पूरी दुनिया को एक आवाज में बोलना होगा। भारत और अमेरिका का साझा विजन स्टेटमेंट व्हाइट हाउस में नरेंद्र मोदी के सम्मान में ओबामा के डिनर से ठीक पहले जारी किया गया। इसके बाद दोनों के बीच शिखर बैठक हुई।

साझा विजन स्टेटमेंट में कहा गया है कि भारत और अमेरिका की रणनीतिक साझेदारी दोनों की ओर से समृद्धि और शांति की दिशा में मिलकर उठाया गया कदम है। भारत और अमेरिका के बीच गहन विचार-विमर्श, तकनीकी साझेदारी और साझी कवायद के जरिये जो सुरक्षा सहयोग स्थापित होगा वह पूरे एशियाई क्षेत्र समेत पूरी दुनिया को सुरक्षित और मजबूत करेगा। अमेरिका और भारत दोनों जगह परंपराओं और विश्वासों की बहुलता है। इस विरासत से समृद्ध दोनों देशों के नेताओं का मानना है कि यह साझेदारी सिर्फ अमेरिका और भारत को फायदा पहुंचाएगी बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद साबित होगी। दोनों देश मिलकर अपनी धरती और नागरिकों को ऐसे आतंकवादी खतरों से महफूज रखेंगे।

विजन स्टेटमेंट के मुताबिक भारत और अमेरिका एक पारदर्शी और समावेशी विश्व व्यवस्था का समर्थन करेंगे। एक ऐसी व्यवस्था जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के बाद भारत के पास कई जिम्मेदारियां होंगी।

मोदी और ओबामा का साझा लेख

मोदी और ओबामा का साझा लेख

डिजिटल कम्यूनिकेशन के जबरदस्त समर्थक मोदी और ओबामा ने पहले तो अपने चुनाव प्रचार में इसका इस्तेमाल किया और अबवाशिंगटन पोस्टके लिए लिखे गए लेख के लिए भी इसी का सहारा लिया। इस लेख में दोनों ने भारत और अमेरिका की सेनाओं, निजी क्षेत्रों और सिविल सोसाइटी के बीच लंबे समय से चली रही साझेदारी का जिक्र किया है और मैन्यूफैक्चरिंग, अक्षय ऊर्जा और पर्यावरण की बेहतरी की दिशा में काम करने का इरादा जताया है।

साझा लेख लिखने की बात को बिल्कुल गुप्त रखा गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि मोदी और ओबामा दोनों डिजिटल स्ट्रेटजी के समर्थक हैं और इसलिए दोनों के लिए इसके जरिये संवाद करना आसान था। जब प्रवक्ता से पूछा गया कि अगर ऐसा है तो साइबर स्पेस में इसके पहले दोनों का संवाद क्यों नहीं हुआ। इस पर उन्होंने कहा इंतजार कीजिये और देखिये।

ओबामा के लिए मोदी के खास गिफ्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओबामा से मुलाकात के दौरान उन्हें महात्मा गांधी की लिखी गीता की व्याख्या और भारत में मार्टिन लूथर किंग के भाषण की एक ऑडियो प्रति भेंट की। ओबामा दुनिया के इन दोनों महान नेताओं के मुरीद हैं। मोदी ओबामा की दोनों बेटियों साशा और मालिया के लिए भी खास उपहार लेकर आए थे। गांधी की लिखी गीता की व्याख्या वाली किताब खादी की जिल्द में भेंट की गई। मार्टिन लूथर किंग की भाषण की प्रति के लिए मोदी ने आकाशवाणी से विशेष अनुरोध किया था। मार्टिन लूथर किंग ने यह भाषण 1959 की भारत यात्रा के दौरान दिया था। इसके साथ ही बापू की समाधि राजघाट पर खिंचवाई की किंग की तस्वीर भी ओबामा को भेंट की गई।

पीएम ने गांधीजी को दी श्रद्धांजलि

पीएम ने गांधीजी को दी श्रद्धांजलि

मोदी ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। न्यूयॉर्क की तरह यहां भी लोगों में मोदी को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। मोदी की एक झलक पाने को बेताब भारतीय समुदाय के लोग सुबह जल्दी पहुंच गए थे। मोदी ने भी अपने चाहने वालों को निराश नहीं किया। उन्होंने वहां मौजूद लोगों से हाथ मिलाया और उनसे बात भी की।

इस पल का इंतजार कर रहे लोगों ने जमकर मोदी की फोटो खींची और उनसे ऑटोग्राफ भी लिए। मोदी के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी थीं। मंगलवार का दिन एक और वजह से खास रहा। इस दिन को अमेरिका और भारत की साझेदारी दिवस के रूप में मनाया गया।

भारतीय दूतावास के ठीक सामने स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2000 में अमेरिका यात्रा के दौरान किया था।


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