Friday, 3 October 2014

भू-कंप और सुनामी जैसी विपदाएं क्युँ आती हैं.... ??


दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन वैज्ञानिकों के एक शोध का तर्क रखते हुए हुक्मचंद सांवला ने कहा कि एक कमेले में पशुओं के कटान के समय निकलने वाली चीख-चिल्लाहट से 1040 मेगावाट इपीडब्ल्यू तरंग निकलती है जो भू-मंडल में इंटरैक्ट करती है। यही तरंगें भूमि के अंदर पानी तक पहुंच रेडियम के संपर्क में आकर दस गुणा बढ़ जाती हैं और यही भू-खंड में कंपन का कारक बनती हैं, जिससे भू-कंप और सुनामी जैसी विपदाएं आती हैं।

प्रति मिनट कटते हैं सैंकड़ों पशु


हर मिनट 247 पशु और 570 पक्षी कट रहे हैं। इसी तरह प्रति मिनट 35 गाय-बैलों की बलि ली जा रही है। इतना अत्याचार तो गुलामी के समय भी नहीं था। 1947 में जहां 267 बूचड़खाने थे अब रजिस्टर्ड बूचड़खानों की संख्या बढ़कर 36 हजार 31 हो गई है।

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