Sunday 21 September 2014

जानों अपने वेद को


आर्यों के मूल ग्रन्थ :-

() वेद { जिनको श्रुति भी कहते हैं }

ऋग्वेद ( ज्ञान ) = १०५७९ मंत्र
यजुर्वेद ( कर्म ) = १९७५ मंत्र
सामवेद ( उपासना ) = १८७५ मंत्र
अथर्ववेद ( विज्ञान ) = ५९७० मंत्र

कुल मंत्र = २०४१६

वेदों के अर्थों को समझाने के लिए जिन ग्रन्थों का प्रवचन वैदिक ऋषियों ने किया है, उनको शाखा कहते हैं
कुल शाखाएँ = ११२७
वर्तमान में में उपलब्ध शाखाएँ = १२

उपलब्ध शाखाओं के नाम :-

{} ऋग्वेद की उपलब्ध शाखाएँ :-------
() शाकल () वाष्कल

{} यजुर्वेद की उपलब्ध शाखाएँ :------
() काण्व () मध्यन्दिनी () तैत्तिरीय संहिता () काठक () मैत्रायणी

{} सामवेद की उपलब्ध शाखाएँ :-------
() जैमिनीया () राणायसीम

{} अथर्ववेद की उपलब्ध शाखाएँ :-------
() शौनक () पिप्पलाद

वेदों में से कुछ लघु वेद भी ऋषियों ने बनाए थे जिनको उपवेद कहते हैं , भिन्न भिन्न विषयों को समझाने के लिए :---
चार उपवेद हैं :---------

{} ऋग्वेद ------------------- आयुर्वेद
{} यजुर्वेद------------------- धनुर्वेद
{} सामवेद ------------------ गन्धर्ववेद
{} अथर्ववेद ----------------- अर्थवेद

चारों वेदों में से विज्ञान के उत्कृष्ट स्वरूप को समझाने के लिए वेदों में से ब्राह्मण ग्रन्थ भी बनाए हैं :-----


{} ऋग्वेद का ब्राह्मण ------------- ऐतरेय
{} यजुर्वेद का ब्राह्मण ------------- शतपथ
{} सामवेद का ब्राह्मण ------------ सामविधान
{} अथर्ववेद का ब्राह्मण ----------- गोपथ

[ इन्हीं ब्राह्मणों को पुराण भी कहते हैं ]

{ ये भागवत, शिव, देवी, गणेश, सूर्य, आदि १८ नकली और मिथ्या ग्रन्थ होते हैं ये गप्पों की पोथियाँ हैं इनमें अनेकों असम्भव गपोड़े पंडों ने ऋषियों के नाम से लिखे हैं इनका त्याग करें }

वैदिक शास्त्र :----
() न्याय () वैशेषिक
() साङ्ख्य () योग
() मिमांसा () वेदांत

{ ये छः शस्त्र तर्क प्रणाली को प्रस्तुत करते हैं, इनको पढ़ने से तर्क के द्वारा मनुष्य धर्म और अधर्म के भेद को जान सकता है }

वेदाङ्ग वे हैं जिनको पढ़कर मनुष्य वेदों का अर्थ करने में समर्थ होता है :-----------
() शिक्षा
() कल्प
() व्याकरण
() निरुक्त
() छंद
() ज्योतिष

वेदांत शास्त्र को ब्रह्मसूत्र भी कहते हैं और इसको समझने के लिए ११ मुख्य उपनिषदें हैं :-

() ईश
() कठ
() केन
() प्रश्न
() मुण्डक

() माण्डुक्य
() ऐतरेय
() तैत्तिरीय
() छांदोग्य
(१०) बृहदारण्यक
(११) श्वेताश्वतर

ऐतिह्या ( इतिहास ग्रन्थ ) :-
() योगवशिष्ठ महारामायण
() वेदव्यास कृत महाभारतम्

समृति ग्रन्थ :-
() मनुस्मृति ( विशुद्ध --- कर्म पर आधारित कि जन्म पर )
() विधुर नीति

() चाणक्य नीति


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