Tuesday 2 September 2014

मिल गई लक्ष्मण को बचाने वाली "संजीवनी बूटी"..


मिल गई हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों में लक्ष्मण को बचाने वाली "संजीवनी बूटी"..

रामायण में मेघनाद का बाण लगने के बाद लक्ष्मण की जान बचाने वाली संजीवनी बूटी के 

बारे में तो आप सबने सुना ही है। भारतीय वैज्ञानिकों कहना है कि हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों 

में उन्होने एक ऎसी ही "जादुई दवा" ढूंढ़ी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दवा से मनुष्यों 

की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है और रेडियोएक्टीविटी से भी बचाया जा सकता है। 

इस औषधि का नाम है रोडिला और यह हिमालय के उच्च इलाकों में मिली। भारत के बड़े 

वैज्ञानिक का मानना है कि यह यह संजीवनी बूटी की तलाश का अंत हो सकती है। है। लद्दाख 

में इस औषधि को "सोलो" कहा जाता है और इसके गुणों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। 

इसके पौधे की पत्तियों का हिमालयी क्षेत्रों में सब्जी के तौर पर उपयोग होता है। 

डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एल्टीटयूड रिसर्च(डिहार) के शोध में सामने आया है कि दुर्गम 

इलाकों में तैनात सैनिकों के लिए कमाल कर सकती है। डिहार के निदेशक आरबी श्रीवास्तव 

ने बताया कि, रोडिला एक जादुई पौधा है जो रोग प्रतिरोधकता बढ़ाता है, अलग-अलग 

मौसम के प्रति अनुकूलता बढ़ती है और पौधे में मौजूद मेटाबोलाइट्स फायटोएक्टिव तत्वों 

के चलते रेडियो एक्टिविटी से बचाने की क्षमता भी है। उनके अनुसार यह औषधि 

बायोेकेमिकल बमों के गामा रेडियेशन के असर को भी कम कर सकता है।

डिहार एक दशक से इस औषधि का अध्ययन कर रही है। श्रीवास्तव ने कहाकि, इस अनोखी 

औषधि का सही तरीके से संरक्षण, प्रसारण और लंबे समय तक प्रयोग किया जाए तो 

हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों में मौजदू सैन्य बलों के लिए यह किसी संजीवनी से कम नहीं है। 

इसकी अनुकूलनशीलता के गुण के कारण सैनिकों को कम दबाव, कम ऑक्सीजन वाले क्षेत्रों 

में मदद मिलेगी। साथ ही यह अवसाद घटाने और भूख बढ़ाने में भी उपयोगी है। 

यह दवा विश्व के अन्य क्षेत्रों में भी मिलती है। चीन की पारंपरिक दवाओं में इसे काम में 

लिया जाता है। जबकि मंगोलिया में इसे टीबी और कैसर के इलाज में काम में लिया जाता है। 

दुनिया के अन्य हिस्सों में हुई शोध बताती है कि यह दवा याददाश्त बढ़ाने, कड़ी मेहनत के 

बाद तुरंत राहत देने और कार्डिएक बीमारी में भी कारगर है। 

इसे अधिक से अधिक शेयर कीजिये मित्रों, ताकि हर भारत वासी तक पहुचाया जा सके,

पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए आपका तह दिल से धन्यवाद.

वन्दे मातरम्

इन्कलाब जिंदाबाद..

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