Thursday 18 September 2014

हज यात्रा की सब्सिडी बंद हो

सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक फिलहाल प्रत्येक हाजी को अपनी यात्रा के लिए 16,000 रुपए देने होते हैं और हवाई यात्रा का बाकि खर्च सरकार उठाती है.

रहने की व्यवस्था पर सालाना 900 करोड़ रु. से ज्यादा खर्च किए जाते हैं लेकिन कोई लिखित दस्तावेज, इकरारनामा अथवा रसीद-वाउचर पेश नहीं किया जाता.’’

देशभर में कुल 21 स्थानों से हज यात्री सीधे चार्टर उड़ानों से जद्दा रवाना होते हैं और हर स्थान का हवाई किराया अलग-अलग वसूला जाता है. किराए में इतना ज्यादा अंतर है कि इसका कोई तार्किक आधार नजर नहीं आता. जहां श्रीनगर के हज यात्री से आने-जाने के लिए 1,54,000 रु. बतौर किराया लिया जाता है, वहीं अहमदाबाद के यात्री के लिए यह 57,942 रु. है. बिहार के गया से जाने वाले यात्री के लिए किराया 95,500 रु. है तो समीप ही रांची के यात्री के लिए 78,500 रु. है.


ये पैसे की बर्बादी बंद होनी चाहिए

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