हम फेसबुक केअतिउत्साहित देशभक्तों की एक बड़ी समस्या है ...
और... वो समस्या ये है कि....हमलोगों में धैर्य की बहुत कमी है...!
यही कारण है कि.... हम कुछ भी आशानुरूप नहीं होने पर तुरत .... अपने चुने सरकार को ही कटघरे में खड़ा करने लगते हैं.... और... उस पर अविश्वास जताने लगते हैं...!
जबकि.... यह एक अटल सत्य है कि.... हमने जिसे चुना है ... उनकी देशभक्ति और धर्मनिष्ठा बेदाग़ है...!
लेकिन.. हम हैं कि.... अभी चार महीने भी पूरे नहीं हुए हैं.... और... हिन्दू राष्ट्र ... गौ हत्या प्रतिबन्ध जैसी मांगों को जोर-शोर से उठाने लगे हैं...!
साथ ही ये मांग उठाने लगते हैं.... उस मुल्ले ने ये बोला तो... हमारे प्रतिनिधि ने .... उस मुल्ले के मुंह में डंडा क्यों नहीं ठूंस दिया....
शायद कुछ लोगों को लगता है कि.... एक मात्र
""हिन्दू राष्ट्र""
के घोषित हो जाते ही.... देश से सारी समस्याएँ ख़त्म हो जाएगी...!
जबकि.... ऐसा नहीं होगा .... बल्कि....
""अभी" देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने से समस्याएं घटने के बजाए...बढ़ ही जायेगी...
क्योंकि... एक बहुत ही पुरानी कहावत है कि.....
""गरीब की लुगाई.... सबकी भौजाई""...!
इसीलिए.... देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने से पूर्व हमें .... इतना सक्षम होना होगा ताकि.... कोई चूँ तक नहीं बोल सके.... क्योंकि.... ये तो जगजाहिर है कि....
""समरथ को ना दोष गोसाई""
इसीलिए.....
""समरथ को ना दोष गोसाई"" की नीति पर ही अमल करते हुए.....
दुनियाभर के उद्योगपतियों को संदेश दे दिया गया है कि..... उनके लिए हिंदुस्तान में उद्योग स्थापित करने का स्वर्णिम अवसर अब उपलब्ध है.... और, हिंदुस्तान की लालफीता शाही को दुरूस्त कर दिया गया है और अगले पांच वर्षों में भ्रष्टाचार ख़त्म ही कर दिया जाना है.
साथ ही ....भू-अधिग्रहण से लेकर इंफ़्रास्ट्रक्चर की सारी समस्याओं का हल निकाल लिया जाएगा.... तथा, लेबर कानून जल्द ही बदल दिए जाएंगे और बैंकों को दोस्ताना रूख़ अख़्तियार करने के निर्देश दे दिए गए हैं..!
इसीलिए आशा है कि...... जल्द ही हमारे हिंदुस्तान में बोइंग भी बन रहा होगा से लेकर एफ़-16 ... एवं , होवित्ज़र तोपों से लेकर मो ब्लां की पेन बनाने का कारखाना भी यहीं होगा... और, तीसरी दुनिया के देश हथियारों से लेकर कारों तक के सौदों के लिए हमारे हिंदुस्तान की ओर देखेंगे.
अब चूँकि...निर्माण का उद्योग तेज़ी से बढ़ जाएगा और रोज़गार की कमी नहीं होगी...... इसीलिए.... हर युवा की स्कूल से निकलते-निकलते पहचान कर ली जाएगी और उसका रोज़गार तय हो जाएगा.
जैसे ही वह स्नातक की पढ़ाई पूरी करेगा वह रोज़गार शुरु कर पाएगा.
साथ ही.... जिनकी दिलचस्पी पढ़ने-पढ़ाने में रहेगी वे हिंदुस्तान के विश्वविद्यालयों में चले जाएंगे.... क्योंकि... तब तक हिंदुस्तान में नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय का नाम ऑक्सफर्ड, कैंब्रिज, हॉवर्ड और एमआईटी से बड़ा हो चुका होगा... एवं, जेएनयू को अप्रासंगिक मानकर बंद किया जा चुका होगा.
स्कूली शिक्षा में आमूल-चूल परिवर्तन किया जाएगा और राष्ट्र के सांस्कृतिक महत्व को ठीक तरह से रेखांकित किया जाएगा.
जो लोग रोज़गार से वंचित हो जाएंगे उन्हें ब्रिटेन जैसे देशों से बेहतर बेरोज़गारी भत्ता दिया जाएगा या फिर उन्हें विदेशों में जाकर काम करने को कहा जाएगा.
चूंकि सारे प्रतिभाशाली लोग हिंदुस्तान लौट चुके होंगे तो अमरीका जैसे राष्ट्र यहां से प्रतिभाशाली लोगों को अपने देशों में बुलाने का करार करने पर ज़ोर दे रहे होंगे.
इस तरह.... प्रशिक्षित और कुशल हिंदुस्तानी युवाओं की मांग एकाएक बढ़ जाएगी तथा हिंदुस्तानी नर्सों और मजदूरों की तरह किसी भी दूसरे देश में नहीं जाएंगे.
वे सिर्फ़ विशेषज्ञ सेवाओं के लिए अधिकृत होंगे और...स्थित ऐसी हो जाएगी कि... हम हिंदुस्तानी लोगों के लिए दूसरे देश नागरिकता देने के लिए आकर्षक योजनाएं बनाएंगें.
जो विदेश जाएंगे उनके लिए हिंदुस्तान लौटना आसान होगा.... लेकिन, ब्रितानी और अमरीकियों को हिंदोपिया में उच्च शिक्षा या रोज़गार के लिए आने के लिए कड़े वीज़ा नियमों का पालन करना पड़ेगा.
पर्यटकों की संख्या को भी काबू में रखने के लिए वीज़ा नियमों को सख़्त कर दिया जाएगा... एवं , आवश्यकता पड़ी तो पश्चिमी देशों में हिंदोपियन कंपनियां कई सेवाएँ आउटसोर्स कर देंगी और वहां हिंदोपिया के बीपीओ काम करेंगे.
इस तरह ... जल्द ही हिंदुस्तान में हर परिवार के लिए अपना एक घर होगा... एवं , हर घर में चौबीसों घंटे बिजली होगी और पीने का साफ़ पानी उपलब्ध होगा.
उत्तर भारत में यथासंभव यह पानी साफ़ सुथरी हो चुकी गंगा से सीधे पहुंचाया जाएगा... तथा, लोगों के अपील की जाएगी कि वे इस पवित्र जल का प्रयोग सिर्फ़ पीने के लिए करें या अधिकतम नहाने के लिए.
जबकि...शौचालयों के लिए स्थानीय नदियों का पानी उपयोग में लाने की हिदायत होगी... तथा, यमुना को लंदन की टेम्स और पेरिस की सेन नदी की तरह ही विकसित किया जाएगा और इस पर पर्यटकों के लिए बड़ी नावें चला करेंगी..... एवं, गंगा और यमुना की तरह साबरमती नदी को भी पवित्र घोषित कर दिया जाएगा.
ट्रेनों में आधुनिक शौचालय आदि लगा दिए जाएंगे और, ट्रेनों की संख्या इतनी बढ़ा दी जाएगी कि... टिकटों की मारामारी ख़त्म हो जाएगी.
साथ ही ... ट्रेनों के किनारे बिजली बनाने के यंत्र लगे होंगे जो तेज़ चलती हवा से बिजली बना रहे होंगे.... एवं, छोटी यात्राओं के लिए राज्य सरकारें आधुनिक बसें चलाएंगीं.
स्वच्छता हिंदुस्तान की पहचान होगी.... और, कम से कम सड़कों पर तो आप कचरा देखने के लिए तरस जाएंगे.
पान-गुटखा आदि खाने पर रोक लगा दी जाएगी... तथा, विकसित राष्ट्रों के प्रतिनिधि मंडल हमारे हिंदुस्तान मे आकर शहरों को स्वच्छ रखने की हमारी योजना का अवलोकन करेंगे.
जल्द ही हिंदुस्तान में वैज्ञानिक प्रतिभाओं को उभरने का पर्याप्त मौक़ा दिया जाएगा... और, कोशिश होगी कि उन्हें इतना सक्षम बनाया जा सके कि 2019 के बाद दुनिया में जो भी आविष्कार हो वह भारत में ही हो.
हाल ही में मंगल ग्रह पहुंचे हमारे यान से जो जानकारियां मिलेंगी उसके आधार पर मंगल ग्रह में खनिज उत्पादन की तैयारियां शुरु हो चुकी होंगीं... तथा, हमारे वैज्ञानिक चंद्रमा पर सौर ऊर्जा केंद्र स्थापित कर चुकें होंगे और वहां बन रही बिजली को पूरी दुनिया में बेचने के सौदे हो रहे होंगे.
उसके बाद ......
आर्टिकल 370 को खत्म कर कश्मीर को एक पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया जाएगा .... जहाँ 70 % से ज्यादा आबादी हिन्दुओं की होगी...!
साथ ही.... अयोध्या समेत हर अतिक्रमित मंदिरों को... अतिक्रमण मुक्त कर.... वहां भव्य मंदिरों का निर्माण किया जाएगा...!
सिर्फ इतने से ही खुश मत हो जाइए....
क्योंकि....
देशहित में..... हिंदुस्तान के सामजिक संरचना में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव की जायेगी ...... एवं, हिंदुस्तान में जाति और वर्ण व्यवस्था पुनर्परिभाषित की जाएगी तथा सभी धर्मों को हिंदू धर्म के अधीन लाया जाएगा.
मुसलमान, ईसाई, सिख और पारसी आदि हिंदू धर्म की उपजातियां होंगी...... लेकिन, इन उपजातियों में विवाह की छूट एकतरफ़ा ही होगी.
हिंदू लड़के ........किसी भी उपजाति की लड़की से विवाह कर सकेंगे ....
लेकिन, हिंदू लड़कियों से सिर्फ़ हिंदू लड़के ही विवाह कर सकेंगे.
जबकि.... उपजातियां आपस में कैसा व्यवहार करें...... यह उनका निजी मामला होगा.
साथ ही..... हाय, हल्लो, गुडमॉर्निंग और गुडनाइट जैसे अभिवादन ख़त्म कर दिए जाएंगे और, सभी अभिवादन हिंदी (या संस्कृत) भाषा के अनुरूप करने होंगे.
वहीँ.... ग़ैर हिंदीभाषी क्षेत्रों में हिंदी की जगह गुजराती, तमिल, तेलुगू और उड़िया जैसी भाषाएं बोली जा सकेंगी.... और, हर राज्य में पुरूषों और महिलाओं (लड़कों और लड़कियों के लिए भी) ड्रेस कोड लागू किया जाएगा.
सिर्फ इतना ही नहीं.... बल्कि, विदेशी मीडिया से निपटने के लिए ...... हिंदुस्तान में मीडिया को भी नया स्वरूप दिया जाएगा.... और, जिस तरह से इंदिरा गांधी ने बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था उसी तरह से मीडिया का राष्ट्रीयकरण कर दिया जाएगा.... तथा, मीडियाकर्मियों को सरकार की ओर प्रशिक्षण दिया जाएगा कि वे क्या करें और क्या न करें..!
वे कौन से सवाल पूछें और किन सवालों को राष्ट्र के हित में अनदेखा कर दें..... इसका भी निर्धारण किया जाएगा .... एवं, निजी मीडिया को सिर्फ़ भजन-कीर्तन और प्रवचन जैसे कार्यक्रमों की अनुमति होगी
तो मित्रो......
अगर आपको उपरोक्त प्रारूप पसंद आया हो तो..... कृपया अपने चुने हुए प्रतिनिधि पर भरोसा करते हुए.... कल्पनामग्न रहिए.
आप उनपर विश्वास करें.... जिन्हे आपने चुन कर भेजा है ...
और ....भरोसा रखें कि.... आप जल्द ही अपने
""हिन्दू राष्ट्र हिंदुस्तान""
में होंगे....
जहाँ चहुंओर खुशहाली ही खुशहाली होगी और आपको गर्व होगा कि आप एक हिन्दू हैं ... तथा, दुनिया आपसे जल रही होगी कि... आप
""हिन्दू राष्ट्र हिंदुस्तान""
के निवासी हैं.
जय महाकाल...!!!
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