पेट्रोल
65 पैसे सस्ता होने के बाद अब डीजल के दाम घटने का इंतजार है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की गिरावट के चलते डीजल की खुदरा बिक्री पर तेल कंपनियों का मुनाफा बढ़कर 1.90 रुपये तक पहुंच गया है, जबकि दो हफ्ते पहले डीजल पर तेल कंपनियों की ओवर रिकवरी (फायदा) सिर्फ 35 पैसे प्रति लीटर था।
बढ़ती ओवर रिकवरी के चलते दीपावली से पहले डीजल दो से ढाई रुपये तक सस्ता हो सकता है। पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सस्ते डीजल के लिए अभी कुछ दिनों का इंतजार करना पड़ सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी से वापस लौटने के बाद कैबिनेट में डीजल की कीमतों के मुद्दे पर विचार किया जाएगा।
34 करोड़ की हो रही बचत
डीजल के दाम को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने के लिए मंत्रालय एक प्रस्ताव तैयार कर रहा है। उम्मीद है कि मोदी सरकार दीपावली से पहले जनता को सस्ते डीजल का उपहार देगी।
मौजूदा
1.90 रुपये की अंडर रिकवरी को देखते हुए टैक्स जोड़कर डीजल दो से ढाई रुपये तक सस्ता हो सकता है।
दैनिक घाटे में 34 करोड़ की बचत
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से आम आदमी के साथ-साथ सरकारी खजाने को राहत मिली है। एक अक्तूबर से तेल कंपनियों को पीडीएस केरोसिन और घरेलू रसोई गैस की बिक्री पर रोजाना 156 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ है, जबकि पिछले पखवाड़े के दौरान यह घाटा 190 करोड़ रुपये था।
डीजल की बिक्री पर घाटा खत्म होकर अब फायदा होने लगा है, जिससे पेट्रोलियम सब्सिडी में इस साल करीब 40-50 हजार करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
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